जम्मू कश्मीर और लद्दाख में जाम रहे एसआरटीसी बसों केपहिये
जागरण संवाददाता जम्मू पिछले चार माह से जम्मू-कश्मीर रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (जेकेआ
जागरण संवाददाता, जम्मू : पिछले चार माह से जम्मू-कश्मीर रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (जेकेआरटीसी) में कार्यरत 2600 कर्मचारियों को वेतन नहीं जारी होने के विरोध में एक दिन की हड़ताल रही। इस दौरान केंद्र शासित राज्य जम्मू कश्मीर और लद्दाख में अंतर जिला मार्गो पर कॉरपोरेशन की बसें नहीं चलीं। इससे यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।
यूटी ऑफ जम्मू-कश्मीर और लद्दाख रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन वर्कर्स यूनियन के आह्वान पर वीरवार को कॉरपोरेशन की बसों के पहिये एक दिन के लिए जाम रहे। शहर के बीसी रोड स्थित मुख्य बस अड्डे से प्रतिदिन सुबह तीन बजे कॉरपोरेशन की पहली बस किश्तवाड़ के लिए रवाना होती है। इसके बाद ही दिनभर जम्मू संभाग के अन्य जिलों में कॉरपोरेशन की 60 बसें सवारियां लेकर गंतव्य को रवाना होती हैं। वीरवार को विभिन्न जिलों के लिए कॉरपोरेशन की कोई भी बस नहीं चली। इससे सवारियों को प्राइवेट बस ऑपरेटरों की बसों से गंतव्य तक जाना पड़ा।
शहर के रेलवे हेड स्थित जम्मू-कश्मीर रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन के मुख्यालय में यूनियन के बैनर तले कर्मचारियों ने एकत्र होकर सरकार और कॉरपोरेशन प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे यूनियन के प्रवक्ता महमूद रियाज का कहना है कि मार्च महीने से लेकर अब तक कॉरपोरेशन के ड्राइवर और कंडक्टर कोरोना योद्धा की तरह नियमित रूप से अपनी सेवाएं देता आया है। सरकार और प्रबंधन की ओर से कर्मचारियों की पीठ थपथपाने की बजाय उन्हें पिछले चार माह से वेतन की अदायगी नहीं की गई है। दिवाली का पर्व आने वाला है और ऐसे में अगर यही हाल रहा तो फिर कर्मचारियों के लिए इस बार दिवाली मनाना मुश्किल हो जाएगा।
पुलिस ने राजभवन की ओर बढ़ने से कर्मचारियों को रोका
यूनियन के प्रांतीय अध्यक्ष स. परमजीत सिंह ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। कॉरपोरेशन की दिशाहीन नीतियों की वजह से ही कर्मचारियों को मजूबरन अपना हक पाने के लिए सड़कों पर आना पड़ रहा है। इस दौरान कर्मचारियों ने राजभवन की ओर कूच करने की कोशिश भी की, लेकिन वहां मौजूद पुलिस के जवानों ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया। इस दौरान यूनियन ने अपनी मांगों के समर्थन में एक ज्ञापन जम्मू की जिला आयुक्त को भी भेंट किया। क्वारंटाइन केंद्रों और स्वास्थ्य विभाग के साथ अटैच बसें भी नहीं चलीं
कॉरपोरेशन की बसों के एक दिवसीय चक्का जाम होने के कारण अंतर जिला रूट सहित क्वारंटाइन केंद्रों और स्वास्थ्य विभाग में अटैच की गई बसों का परिचालन पूरी तरह से बंद रहा। यूनियन कॉरपोरेशन के कर्मचारियों को पिछले चार महीनों से वेतन की अदायगी न किए जाने को लेकर काफी नाराज है। यूनियन कॉरपोरेशन में कार्यरत कर्मचारियों को डीपीसी करने, कंसालिडेटिड कर्मचारियों को स्थायी करने, सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों सहित एसआरओ-43 को लागू करने की मांग कर रही है। -------------------------------
शहर के विभिन्न मार्गो पर चलने वाली 20 इलेक्ट्रिक बसें भी नहीं दौड़ी
जम्मू-कश्मीर रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन की एक दिवसीय चक्काजाम हड़ताल के कारण वीरवार को शहर के विभिन्न रूटों पर कॉरपोरेशन की 20 इलेक्ट्रिक बसें भी चलीं। इससे यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचने में काफी परेशानी हुई। हालांकि शहर के विभिन्न रूट पर प्राइवेट ऑपरेटरों की निजी मिनी बसों भी दौड़ती हैं, लेकिन 60 प्रतिशत सवारियों को लेकर ही कामर्शियल वाहनों को दौड़ाने की अनुमति के कारण भी यात्रियों को दिक्कतें पेश आई। शहर के बाहरी रूट पंजतीर्थी से सिदड़ा, बजालता और सतवारी से आरएसपुरा व मरालियां रूट पर तो मिनी बसों में तयशुदा सवारियों से अधिक सवारियां को मजबूरन यात्रा करनी पड़ी।
आरटीसी की इलेक्ट्रिक बस सेवा अंबफला से शास्त्री नगर, अंबफला से बड़ी ब्राह्मणा, अंबफला से जानीपुर, आरएसपुरा, पंजतीर्थी से सैनिक कालोनी, अंबफीला से स्कॉस्ट, इंदिरा चौक से जगटी, गोल गुजराल, बस स्टैंड से अखनूर, बाहुफोर्ट, अंबफला से बठिडी, अंबफला से बठिडी, सुंजवा, छन्नी, अंबफला से सतवारी, आरएसपुरा रूट पर दौड़ती है।