आतंकी बुरहान वानी की बरसी से पहले घाटी में हाई अलर्ट, हिरासत में अलगाववादी
आतंकी बुरहान वानी की बरसी से पहले अलगाववादियों ने बंद का ऐलान किया है। अलगाववादियों की रैली करने की योजना को नाकाम करने के लिए प्रशासन ने कश्मीर के त्राल में कर्फ्यू लगा दिया है।
श्रीनगर, एजेंसी। आतंकी बुरहान वानी की बरसी से पहले अलगाववादियों ने बंद का ऐलान किया है। हिज्बुल मुजाहिद्दीन कमांडर बुरहान वानी की मौत को दो साल पूरा होने पर रविवार (8 जुलाई) को अलगाववादियों की रैली करने की योजना को नाकाम करने के लिए प्रशासन ने कश्मीर के त्राल में कर्फ्यू लगा दिया है। कश्मीर घाटी के शेष हिस्सों में भी लोगों की आवाजाही पर पाबंदियां लगा दी गई हैं।
पूरे कश्मीर में किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस और अर्द्धसैन्य बलों को भी तैनात किया गया है। सभी रास्तों सड़कों को सील कर दिया गया है और प्रतिबंधों को लागू करने के लिए पुलिस व केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) को भारी संख्या में तैनात कर दिया गया है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि कश्मीर में भारी संख्या में पुलिस और अर्द्धसैन्य बलों के जवानों को तैनात किया गया है और कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई है। ज्वाइंट रेजिस्टेंस लीडरशिप पार्टी द्वारा बुलाई गई हड़ताल के कारण घाटी में सामान्य जनजीवन बाधित हो गया है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि घाटी में शांति बनाए रखने के एहतियाती कदम के तौर पर पुलवामा जिले में वानी के पैतृक शहर त्राल में कर्फ्यू लगा दिया गया है। कई अलगाववादी संगठनों ने वानी को श्रद्धांजलि देने के लिए लोगों से त्राल तक मार्च करने के लिए कहा। वानी 2016 में 8 जुलाई को ही सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया था।
गिलानी-मीरवाइज नजरबंद यासीन हिरासत में
आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी की बरसी से पहले माहौल खराब करने की साजिश को भांप शुक्रवार को प्रशासन ने श्रीनगर के डाउन टाउन सहित कई क्षेत्रों में प्रशासनिक पाबंदियां लगाई थी। अलगाववादी नेताओं सैयद अली शाह गिलानी, मीवाइज मौलवी उमर फारूक को घरों में नजरबंद रखा। जबकि जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के चेयरमैन यासीन मलिक को हिरासत में लिया था। प्रशासनिक पाबंदियों के चलते डाउन टाउन इलाके नौहट्टा में एतिहासिक जामिया में नमाज अता नहीं हो पाई।
गौरतलब है कि आठ जुलाई रविवार को बुरहान वानी की दूसरी बरसी है। बरसी के उपलक्ष्य में अलगाववादी संगठन ज्वाइंट रेजिसटेंस लीडरशिप (जेआरएल) ने कश्मीर बंद का आह्वान किया है। श्रीनगर शहर के संवेदनशील माने वाले इलाकों नौहट्टा, खानयार, सफाकदल, रैनावाड़ी, कावडारा, राजोरीकदल व कक्रालखोड़ की तरफ जाने वाले तमाम रास्ते बंद किए थे।
आसिया अंद्राबी को दो साथियों सहित दिल्ली ले गई एनआइए
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) शुक्रवार को दुख्तरान-ए-मिल्लत की अध्यक्ष आसिया अंद्राबी को उनकी दो सहयोगियों समेत पूछताछ के लिए हिरासत में लेकर दिल्ली रवाना हो गई। नई दिल्ली की एक अदालत ने राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में संलिप्तता के एक मामले में आसिया व उनकी दोनों सहयोगियों को दस दिन के रिमांड पर भेज दिया गया है। इस बीच, कश्मीरी अलगाववादियों के साझा संगठन ज्वाइंट रजिस्टेंस लीडरशिप (जेआरएल) ने आसिया की गिरफ्तारी के विरोध में सात जुलाई शनिवार को कश्मीर बंद का आह्वान किया है।
संबंधित अधिकारियों ने बताया कि आसिया व उनकी दो प्रमुख सहयोगियों नाहिदा नसरीन और फहमीदा सोफी को सुबह करीब साढ़े पांच बजे एनआइए की एक टीम हवाई जहाज के जरिए श्रीनगर से दिल्ली ले गई। इससे पूर्व एनआइए की टीम ने सभी आवश्यक कानूनी औपचारिकताओं को पूरा करते हुए सेंट्रल जेल श्रीनगर में बंद आसिया अंद्राबी, नाहिदा और फहमीदा को अपनी हिरासत में लिया।
देशद्रोह के कई मामले हैं दर्ज : एनआइए ने 26 अप्रैल को जम्मू कश्मीर में अलगाववादी गतिविधियों को बढ़ावा देने, भारत के खिलाफ जंग और जिहाद छेड़ने के मामलों में एक एफआइआर दर्ज करवाई थी। इससे पूर्व आसिया के संगठन दुख्तरान-ए-मिल्लत के सदस्यों के खिलाफ इसी साल 23 मार्च को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने देश विरोधी नारे लगाने और गैर कानूनी गतिविधियों में शामिल होने पर मामला दर्ज किया था।
दुख्तरान-ए-मिल्लत ने इस दिन को 'पाकिस्तान दिवस' के रूप में मनाया था। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आसिया अंद्राबी ने कहा था कि धर्म, विश्वास और पैगंबर से प्रेम के आधार पर भारतीय उपमहाद्वीप के सभी मुसलमान पाकिस्तानी हैं। इस दौरान संगठन की कार्यकर्ताओं ने पाकिस्तान का राष्ट्रगान भी गाया था। पुलिस ने उन्हें पकड़ने के लिए उनके ठिकानों पर दबिश भी दी थी, लेकिन वह हाथ नहीं आई । इसके बाद अप्रैल माह के दौरान हुए छात्रों के हिंसक प्रदर्शनों को भड़काने की साजिश के तहत भी आसिया के खिलाफ एक मामला दर्ज किया और वह 20 अप्रैल 2018 को अनंतनाग में वह पकड़ी गई थी। उसके बाद उन्हें जन सुरक्षा अधिनियम के तहत जेल भेज दिया गया था।