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श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर कृष्णमय हुआ मंदिरों का शहर, श्रद्धालुओं का लगा है तांता

लक्ष्मी नारायण मंदिर ट्रस्ट के प्रधान गुलचैन सिंह चाढ़क सहित अन्य सदस्य विशेष पूजन में शामिल हुए। आज दोपहर बाद यहां से रथयात्र निकाली जाएगी।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 24 Aug 2019 12:26 PM (IST)Updated: Sat, 24 Aug 2019 12:26 PM (IST)
श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर कृष्णमय हुआ मंदिरों का शहर, श्रद्धालुओं का लगा है तांता
श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर कृष्णमय हुआ मंदिरों का शहर, श्रद्धालुओं का लगा है तांता

जम्मू, जेएनएन। श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर मंदिरों का शहर कृष्णमय नजर आया। कृष्णा-कृष्णा, राधे-राधे के जयघोष से पूरा वातावरण गूंज रहा है। शहर के मंदिरों में सुबह से ही नंद लाला के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। राधे-राधे जपो चले आएंगे बिहारी.. हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की.. आदि भजनों ने वातावरण गूंज रहा है।

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आज दोपहर बाद भगवान श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर से रथयात्र निकाली जाएगी। रथयात्रा से सुबह 10 बजे राधा-कृष्ण की विधिवत पूजा-अर्चना शुरू हुई। लक्ष्मी नारायण मंदिर ट्रस्ट के प्रधान गुलचैन सिंह चाढ़क सहित अन्य सदस्य इस विशेष पूजन में शामिल हुए। उन्होंने इस दौरान दोपहर बाद क्षेत्र में निकाली जाने वाली शोभायात्रा में सभी को आमंत्रित करते हुए कहा कि सभी शोभायात्रा में बढ़चढ़ कर भाग लें। शोभा यात्रा के अलावा भी मंदिर में कई धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा जो नंद लाला के अवतरण तक जारी रहेंगे। इस अवसर पर पुलिस, सीआरपीएफ और रैपिड एक्शन के जवान शहर के मुख्य मंदिरों के बाहर मुस्तैदी से तैनात हैं।

गत शुक्रवार शाम को शहर में कृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य पर विभिन्न मंदिरों से भगवान कृष्ण की लीलाओं को दर्शाती शोभायात्राएं भी निकाली गई। शोभायात्रा में भगवान कृष्ण के भजनों से पूरा शहर कृष्ण के रंग में रंगा दिखा। पुराने शहर सहित गांधी नगर में भगवान कृष्ण की जीवनी पर आधारित झांकियां निकाली गई। झांकियों में कहीं भगवान कृष्ण कंस से युद्ध करते हुए तो कहीं गोपियों संग रासलीला रचाते नजर आए, तो कहीं गीता ज्ञान देते दिखे। भगवान कृष्ण के जीवन के लगभग हर रूप शोभायात्रा में देखने का मौका मिला। कृष्ण झांकी का नजारा देखने के लिए बाजार के दोनों ओर व छतों पर खड़े श्रद्धालुओं के चेहरों पर अद्भुत संतोष झलक रहा था। शोभायात्र में धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक दलों के लोगों ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया।

पारंपरिक शोभायात्रा रघुनाथ मंदिर से बैंडबाजों के साथ शुरू हुई। इस बार शोभायात्रा की अगुआई मोहिनी कर रही थी। उसे देखने के लिए भी हर कोई उत्सुक नजर आया। धर्मार्थ ट्रस्ट के सचिव डॉ. सतपाल, सनातन धर्म सभा के अध्यक्ष बोधराज एवं सदस्यों ने राज्य में शांति की कामना के साथ पारंपरिक रूप से भगवान श्री कृष्ण के रथ की पूजा की और शोभायात्रा को रवाना किया। शोभायात्रा में भगवान के रथ के अलावा भगवान कृष्ण जी की बाल लीलाओं, सुदामा-कृष्ण, कल्कि अवतार, गोपियों के साथ खेलते और गीता संदेश देती भगवान कृष्ण की दो दर्जन से अधिक झांकिया शामिल की गई थी। गोपियों संघ रासलीला रचाते हुए मुख्य बाजारों से गुजरते नंद गोपाल ने श्रद्धालुओं का मन मोह लिया।

शोभायात्रा के लिए स्वागत के लिए मार्ग के दोनों ओर काफी संख्या में श्रद्धालु खडे थे। यही नहीं छतों से भी महिला-पुरुष और बच्चे शोभायात्र में सजी झांकियों को निहार रहे थे। इस दौरान शोभायात्र की सुरक्षा के लिए कड़ा बंदोबस्त किया गया था। जगह-जगह सुरक्षा जवान तैनात किए गए थे।


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