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International Yoga Day 2022 : राष्ट्रीय एकता के लिए दिव्यांग योद्धाओं ने पैंगांग झील पर किया योग

सुनील मंगल ने बताया कि मंगलवार की सुबह हम सभी यहां पैंगांग झील पर मौजूद थे। झील का वातावरण बहुत ही ठंडा और मनोहारी है। हमने राष्ट्रध्वज फहराया और फिर यहां योग दिवस के उपलक्ष्य में योग भी किया।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 22 Jun 2022 08:20 AM (IST)Updated: Wed, 22 Jun 2022 08:20 AM (IST)
International Yoga Day 2022 : राष्ट्रीय एकता के लिए दिव्यांग योद्धाओं ने पैंगांग झील पर किया योग
करीब चार हजार किलोमीटर की यात्रा सात दिव्यांग योद्धाओं ने की है।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : राष्ट्रीय एकता का संदेश देते हुए लखनऊ से चले सात दिव्यांग योद्धाओं ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर मंगलवार को नया कीर्तिमान रच दिया। इन दिव्यांग योद्धाओं ने पूर्वी लद्दाख में समुद्र तल से करीब 4500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पैंगांग झील पर पहुंचकर योग किया और दुनिया को बता दिया कि उन्हें दिव्यांग होने की नजर से न देखा जाए। लद्दाख से अब वह कानपुर के लिए लौटेंगे।

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आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत 'चलो जीतें हम' अभियान के तहत यह दिव्यांग योद्धा अपनी विशेष कारों को खुद चलाते हुए गत शनिवार को ही कारगिल पहुंचे थे। इन्होंने श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा भी फहराया था। इन्होंने यह यात्रा देश-विदेश में अपने दिव्यांग साथियों में यह आत्मविश्वास जगाने के लिए कि वह भी पूरी तरह सक्षम हैं, के लिए शुरू की है। इसके अलावा वह आम लोगों में दिव्यांगों के प्रति जागरूकता पैदा करते हुए सार्वजनिक स्थलों का परिवेश बाधामुक्त बनाना है ताकि दिव्यांगों का आवागमन आसान बने।

अभियान दल में भारतीय वायु सेना के पूर्व फाइटर पायलट स्क्वाड्रन लीडर अभय प्रताप ङ्क्षसह और बीसीसीआइ की डिफरेंटली एबल्ड क्रिकेट कमेटी के सदस्य अध्यक्ष रवि चौहान भी शामिल हैं। अभियान दल के संयोजक सुनील मंगल हैं। सुनील मंगल ने बताया कि जागरण इंस्टीट्यूट आफ मास कम्युनिकेशन कानपुर व इंडियन आयल द्वारा प्रायोजित इस यात्रा के दौरान यह दल चंडीगढ़, दिल्ली समेत देश के विभिन्न शहरों से गुजरा है। करीब चार हजार किलोमीटर की यात्रा सात दिव्यांग योद्धाओं ने की है।

सुनील मंगल ने बताया कि इस अभियान का आयोजन आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत किया गया है। उन्होंने कहा कि इस अभियान के जरिए दिव्यांगों के प्रति जागरूकता लाने और अपने उन दिव्यांग भाइयों में विश्वास की एक नई उम्मीद जगाने के लिए किया है जो कई बार खुद को दूसरों से कम मान लेते हैं। हमने इस अभियान के जरिए यह संदेश देने का प्रयास किया है कि दिव्यांग भी पूरी तरह समर्थ और सक्षम हैं। इसलिए अपने इस अभियान का नाम चलो जीतें हम रखा है।

सुनील मंगल ने बताया कि मंगलवार की सुबह हम सभी यहां पैंगांग झील पर मौजूद थे। झील का वातावरण बहुत ही ठंडा और मनोहारी है। हमने राष्ट्रध्वज फहराया और फिर यहां योग दिवस के उपलक्ष्य में योग भी किया। इस दौरान कई पर्यटक भी हमारे साथ योग दिवस के कार्यक्रम में शामिल हुए। 


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