Administrative Council का फैसला, जम्मू में सरकारी इमारतों की छतों पर स्थापित होंगे सौर ऊर्जा संयंत्र
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में गत दिवस हुई प्रदेश प्रशासनिक परिषद की बैठक में इस प्रस्ताव को पारित किया गया है। सरकारी इमारतों पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित होने से जम्मू कश्मीर में बिजली संकट में भी कमी आएगी।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : जम्मू नगर निगम और जम्मू स्मार्ट सिटी के दायरे में आने वाली सभी सरकारी इमारतों में अब सौर ऊर्जा का उत्पादन और इस्तेमाल होगा। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में गत दिवस हुई प्रदेश प्रशासनिक परिषद की बैठक में इस प्रस्ताव को पारित किया गया है। सरकारी इमारतों पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित होने से जम्मू कश्मीर में बिजली संकट में भी कमी आएगी।
संबंधित अधिकारियों ने बताया कि प्रशासनिक परिषद ने जम्मू नगर निगम और जम्मू स्मार्ट सिटी के दायरे में आने वाली सरकारी इमारतों की छतों पर ग्रिड से जुड़े सौर ऊर्जा सयंत्र स्थापित करने का प्रस्ताव मंजूर किया है। यह परियोजना मार्च 2023 तक पूरी की जाएगी और इस पर 53.10 करोड़ की लागत का अनुमान है। उन्होंने बताया कि इस परियोजना को पूरा करने पर सरकारी खजाने पर जो भार पड़ेगा, उसकी पूर्ति बाहर से बिजली खरीद में कमी के आधार पर होने वाली बचत से होगी। प्रस्तावित परियोजना पर खर्च की जाने वाली राशि का 22 प्रतिशत हर साल इस तरह से जुटाया जाएगा।
हर साल बिजली के दो करोड़ यूनिट की बचत होगी : छतों पर स्थापित सौर ऊर्जा संयंत्रों को भी नेट मीटर के आधार पर बिजली के मुख्य ग्रिड से जोड़ा जाएगा। करीब 25 साल की इस परियोजना के तहत जम्मू कश्मीर सरकार को सौर ऊर्जा उत्पादन के आधार पर हर साल बिजली के दो करोड़ यूनिट की बचत होगी। इसके अलावा प्रतिवर्ष कार्बन उत्सर्जन में 16 हजार टन की कमी भी आएगी।
किसानों के लिए पांच हजार कृषि सौर ऊर्जा पंप स्थापित करने को मंजूरी : प्रशासनिक परिषद ने प्रदेश में प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम-कुसुम) के तहत किसानों के लिए एक से 10 हार्स पावर की क्षमता वाले पांच हजार कृषि सौर ऊर्जा पंप स्थापित करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है। इस परियोजना की अनुमानित लागत 135 करोड़ रुपये आंकी गई है। इस परियोजना के तहत किसानों को निजी स्तर पर 7.5 हार्स पावर की क्षमता का सौर ऊर्जा पंप लगाने में सहायता दी जाएगी।
यह सभी पंप ग्रिड के साथ जोड़े जाएंगे। यह पंप किसानों के लिए ङ्क्षसचाई में एक विश्वसनीय साधन साबित होने के अलावा प्रदूषण से भी निजात दिलाने में मदद करेंगे। किसान जो डीजल पंप इस्तेमाल करते हैं, उनसे ध्वनि और वायु दोनों प्रकार का प्रदूषण होता है। मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान शुरुआत में तीन हजार सौर ऊर्जा पंप लगाए जाएंगे, जबकि दो हजार पंप अगले वित्तीय वर्ष में स्थापित होंगे।
1100 से ज्यादा कर्मियों को मिलेगा रोजगार : संबंधित अधिकारियों के अनुसार, सरकारी इमारतों पर सौर ऊर्जा सयंत्र स्थापित करने और किसानों के लिए सौर ऊर्जा पंप उपलब्ध कराने की दोनों परियोजनाओं से जम्मू कश्मीर प्रदेश में करीब 1100 कुशल व गैर-कुशल कर्मियों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार पैदा होगा। इसके अलावा कई अन्य लोगों के लिए भी यह परियोजना परोक्ष रूप से रोजगार का साधन बनेंगी।