Ban Toll Plaza Encounter: कुलदीप और इशाक की सूझबूझ से मंसूबे नाकाम, घायल होने के बावजूद ऑपरेशन में डटे रहे
कुलदीप के गले में छर्रा लगने के बाद उन्हें देर शाम श्री महाराजा गुलाब सिंह अस्पताल के ईएनटी विभाग में भर्ती करवाया गया है। दोनों की हालत स्थिर है। अस्पताल प्रशासन को सुबह मुठभेड़ शुरू होते ही सूचित कर दिया था। पूरे अस्पताल को अलर्ट में रखा था।
जम्मू, राज्य ब्यूरो: बन टोल प्लाजा पर आतंकी हमले में पुलिस के जांबाजों ने दुश्मनों के मंसूबे नाकाम कर दिए। राज्य पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) के जवान कुलदीप सिंह और मोहम्मद इशाक आतंकी हमले में घायल होने के बावजूद ऑपरेशन में डटे रहे। इनकी सूझबूझ से ही ट्रक बन टोल प्लाजा पार नहीं कर पाया।
कुलदीप सिंह अखनूर के करांजी गांव के रहने वाले हैं। ग्रेनेड का छर्रा गले में लगने से वह घायल हो गए। वह स्वयं को गौरवान्वित समझते हैं कि उन्होंने आतंकवादियों के मंसूबों को नाकाम कर दिया। कुलदीप कहते है कि अगर वह और उनका साथी मोहम्मद इशाक निवासी नील रामबन ट्रक ड्राइवर की बातों में आ जाते तो आतंकी बन टोल प्लाजा को पार कर गए होते। ट्रक ड्राइवर ने दोनों को आगे जाने के लिए पैसों का भी लालच दिया था। दोनों ने पेशकश को ठुकरा दिया।
उन्होंने ट्रक ड्राइवर को बार-बार यह कहा कि ट्रक में कौन सा सामान जा रहा है। जांच के लिए वह क्यों कतरा रहा है। इस कारण दोनों का शक गहरा गया। जैसे ही ट्रक के पीछे जांच शुरू की तो अंदर छिपे आतंकियों ने ग्रेनेड और गोलीबारी शुरू कर दी। चालक भाग निकला। जिसके बाद टोल प्लाजा क्षेत्र में अफरातफरी मच गई। कुलदीप का कहना है कि काश वह उस ट्रक ड्राइवर को पकड़ पाता। छर्रा लगने से दोनों खून से लथपथ होकर वहीं गिर गए। ताबड़तोड़ गोलाबारी होती रही। उनके साथी जो पुलिस चौकी में मोर्चा संभाले खड़े हुए थे, ने मौका संभाल जवाबी कार्रवाई की। जिससे जानमाल का नुकसान कम हुआ।
कुलदीप के गले में छर्रा लगने के बाद उन्हें देर शाम श्री महाराजा गुलाब सिंह अस्पताल के ईएनटी विभाग में भर्ती करवाया गया है। दोनों की हालत स्थिर है। अस्पताल प्रशासन को सुबह मुठभेड़ शुरू होते ही सूचित कर दिया था। पूरे अस्पताल को अलर्ट में रखा था। दोनों घायलों को जब जीएमसी में लाया तो प्राथमिक उपचार इमरजेंसी में करने के बाद उन्हें आपदा प्रबंधन वार्ड में भेजा गया। डॉक्टरों के अनुसार दोनों ही घायलों की हालत पहले से बेहतर है।