Jammu Kashmir: स्मार्ट सिटी कौशल विकास परियोजना की शुरूआत, हर साल 250 छात्र होंगे प्रशिक्षित
ट्रेनिंग हासिल कर रहे छात्र गौरव मेहरा ने बताया कि बेरोजगार युवाओं के लिए सरकार ने यह बहुत अच्छी पहल की है। इस कौशल विकास प्रशिक्षण से उन्हें अच्छी नौकरी और उज्ज्वल भविष्य हासिल करने में मदद मिलेगी। हमें सामाजिक प्रस्तुति और प्रभावी संचार की बारीकियां सिखाई जा रही हैं।
जम्मू, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने स्मार्ट सिटी कौशल विकास परियोजना शुरू की है, जिसमें हर साल 250 प्रशिक्षुओं को कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा। आइसीआइसीआइ फाउंडेशन के साथ मिलकर सरकार ने कौशल विकास कार्यक्रम शुरू किया है। प्रदेश के बच्चों को कुशल बनाने के इरादे से प्रशासन द्वारा आइसीआइसीआइ फाउंडेशन के सहयोग से दिए जा रहे इस प्रशिक्षण में शामिल छात्रों को मुफ्त भोजन, अध्ययन सामग्री और वर्दी प्रदान की जा रही है।
सरकार ने आइसीआइसीआइ फाउंडेशन को इसके लिए सरकारी पॉलिटेक्निक कालेज का एक भवन दिया है। जिसे कौशल विकास अकादमी के तौर पर तैयार किया गया है। यह भवन विश्व स्तरीय सुविधा से सुसज्जित है। यह पहली भारतीय ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (IGBC) से प्रमाणित ग्रीन बिल्डिंग है। जिसमें सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और रेन वाटर हार्वेस्टिंग फैसिलिटी भी है।
ट्रेनिंग हासिल कर रहे छात्र गौरव मेहरा ने बताया कि बेरोजगार युवाओं के लिए सरकार ने यह बहुत अच्छी पहल की है। इस कौशल विकास प्रशिक्षण से उन्हें अच्छी नौकरी और उज्ज्वल भविष्य हासिल करने में मदद मिलेगी। हमें सामाजिक प्रस्तुति और प्रभावी संचार की बारीकियां सिखाई जा रही हैं। हम कंप्यूटर की बेसिक ट्रेनिंग हासिल कर रहे हैं जिसे प्राप्त करने के बाद हम वॉलमार्ट, विशाल मेगा मार्ट, बिग बाजार जैसी बड़ी-बड़ी कंपनियों में काम कर सकते हैं।
वहीं एक अन्य छात्रा प्रियंका बलिया का कहना था कि उसे एक दोस्त ने इस ट्रेनिंग के बारे में बताया था। बस फिर क्या था, उन्होंने भी इसमें एडमिशन ले ली। ट्रेनिंग के दौरान उन्हें हर संभव सुविधा दी जा रही है। वर्दी और भोजन निःशुल्क प्रदान किया जा रहा है। कोरोना महामारी के चलते शारीरिक दूरी का भी पूरा पालन किया जा रहा है। हमें अपना समग्र व्यक्तित्व विकसित करना सिखाया जा रहा है। मार्केटिंग स्किल और कंप्यूटर स्किल भी सिखाए जा रहे हैं।
वहीं आइसीआइसीआइ के प्रधान सौरभ सिंह ने बताया कि उनका केंद्र जम्मू-कश्मीर में काफी देर से है। वह काफी समय से जम्मू-कश्मीर के बच्चों को इस तरह का प्रशिक्षण देना चाहते थे। आखिरकार वह इसे शुरू करने में कामयाब रहे। उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण पाकर बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिलेगा। कौशल विकास कार्यक्रम के माध्यम से रोजगार पाने में आइसीआइसीआइ अकादमी फॉर स्किल्स ने 1,50,000 से अधिक छात्रों की मदद की है। उन्होने का कि यह देश के हर कोने में अधिकतम रोजगार पैदा करने की एक मुहिम की तरह है।