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चेक बाउंस होने पर छह माह की कैद, 40 लाख जुर्माना

स्पेशल मोबाइल मजिस्ट्रेट जम्मू ने चेक बाउंस होने के एक मामले में दोषी रंजीत कौर को छह महीने के कारावास व 40 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोनों तरफ की दलीलों को सुनने के बाद पाया कि आरोपित अपना बचाव करने में पूरी तरह से नाकाम साबित हुई है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 30 Nov 2021 08:00 AM (IST)Updated: Tue, 30 Nov 2021 08:00 AM (IST)
चेक बाउंस होने पर छह माह की कैद, 40 लाख जुर्माना
चेक बाउंस होने पर छह माह की कैद, 40 लाख जुर्माना

जेएनएफ, जम्मू: स्पेशल मोबाइल मजिस्ट्रेट जम्मू ने चेक बाउंस होने के एक मामले में दोषी रंजीत कौर को छह महीने के कारावास व 40 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोनों तरफ की दलीलों को सुनने के बाद पाया कि आरोपित अपना बचाव करने में पूरी तरह से नाकाम साबित हुई है। उनके पास ऐसा कोई तथ्य या आधार नहीं, जिससे वह खुद को बेगुनाह साबित कर सके। आरोपित ने जो चेक जारी किया था, वह बाउंस होने के बाद याची ने आरोपित को नोटिस जारी कर पंद्रह दिन के भीतर भुगतान करने को कहा था, लेकिन आरोपित ने भुगतान नहीं किया। इस आधार पर कोर्ट ने रंजीत कौर को दोषी करार देते हुए छह माह के कारावास व 40 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। कोर्ट ने कहा कि चेक जारी किए जाने की तारीख से लेकर आज तक इस राशि पर छह फीसद ब्याज भी चुकाना होगा और अगर रंजीत कौर जुर्माने की राशि अदा नहीं करती तो उसे दो महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी।

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झपटमारों की जमानत अर्जी खारिज

जेएनएफ, जम्मू: चीफ जूडिशियल मजिस्ट्रेट जम्मू ने पर्स छीनने की आरोपित महिला बलविद्र कौर व उसके साथी पवनीत सिंह की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है। इस साल 14 नवंबर को पीड़ित महिला ने गाड़ीगढ़ पुलिस के पास शिकायत दर्ज करवाई थी। केस के मुताबिक, वह एक समारोह में हिस्सा लेकर जम्मू से आ रही थी। इस दौरान बेकरी से सामान खरीदने के लिए वह गाड़ीगढ़ की जगदेव बेकरी शाप पर रुकी। अभी वह दुकान के बाहर ही थी, तभी बिना नंबर की एक स्कूटी पर सवार युवक व उसके पीछे बैठी एक महिला उसके पास आकर रुके और उसका पर्स छीनकर फरार हो गए। पीड़िता के मुताबिक, पर्स में एक मंगलसूत्र, दो अंगूठी, एटीएम कार्ड, बीस हजार रुपये और कुछ दस्तावेज थे। शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने जांच की और आरोपितों को गिरफ्तार किया। कोर्ट ने दोनों की जमानत अर्जी को खारिज करते हुए कहा कि मामले की जांच अभी प्रारंभिक दौर में है और आरोपितों से पूरी वसूली भी नहीं हुई है। ऐसे में आरोपितों को जमानत नहीं दी जा सकती है।


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