भूमि आंदोलन के छह आरोपित बरी
पुंछ जिले के मंडी पुलिस स्टेशन पर हमला करने के छह आरोपितों असदुल्ला मोहम्मद दीन फिरदोस अहमद रियाज फारूक अहमद मोहम्मद यासिन को कोर्ट ने बरी कर दिया है।
जेएनएफ, जम्मू: वर्ष 2008 में हुए अमरनाथ भूमि आंदोलन के दौरान पुंछ जिले के मंडी पुलिस स्टेशन पर हमला करने के छह आरोपितों, असदुल्ला, मोहम्मद दीन, फिरदोस अहमद, रियाज, फारूक अहमद, मोहम्मद यासिन को कोर्ट ने बरी कर दिया है। पुलिस इनके खिलाफ ऐसा कोई सबूत या गवाह पेश नहीं कर पाई जिससे यह साबित हो पाता कि आरोपितों ने ही पुलिस स्टेशन पर हमला किया था। इसके अलावा कोर्ट ने एक अन्य आरोपित मोहम्मद रफीक के खिलाफ वारंट जारी कर उसे हिरासत में लेने का निर्देश दिया।
पुलिस केस के मुताबिक जमीन श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड को दिए जाने के विरोध में 22 अगस्त 2008 को शुक्रवार की नमाज के बाद करीब पांच-छह हजार लोग एकत्रित होकर मंडी पुलिस स्टेशन व तहसील कार्यालय की ओर बढ़े। ये लोग हाथों में डंडे, लोहे की छड़ें व पेट्रोल लेकर इन कार्यालयों की ओर बढ़े। टीसीपी मंडी के निकट पुलिस ने इन्हें रोकने का प्रयास किया लेकिन उन्होंने पथराव शुरू कर दिया जिसमें एसएचओ आबिद हुसैन, कांस्टेबल गुलाब मोहम्मद, तारिक महमूद, बशीर अहमद, फारूक अहमद, मोहम्मद रजाक, चरणजीत सिंह, तारिक अहमद, तारिक खान, हेड कांस्टेबल मोहम्मद यूनुस घायल हुए। इन लोगों ने तीन घंटे तक पुलिस स्टेशन का घेराव कर रखा और दौरान पुलिस स्टेशन पर पथराव किया। इसके बाद आरोपित रियाज व फिरदौस तहसील कार्यालय में दाखिल हुए और फर्नीचर उठाकर बाहर फेंका। आरोपित फारूक अहमद ने कार्यालय में पड़े फर्नीचर पर पेट्रोल छिड़का और आरोपित मोहम्मद रफीक ने आग लगाई। आरोपित मोहम्मद दीन व मोहम्मद यासिन ने भी आगजनी की।
वहीं केस की सुनवाई के दौरान पुलिस आरोपितों की संलिप्तता को साबित करने में पूरी तरह से नाकाम रही। पुलिस ने जो गवाह पेश किए, उन्होंने भी यह कहा कि जो भीड़ एकत्रित हुई थी, उस भीड़ में आरोपित देखे गए थे। इस पर प्रिसिपल सेशन कोर्ट पुंछ ने कहा कि भीड़ में शामिल होने से यह साबित नहीं होता कि आरोपितों ने ही तोड़फोड़ व आगजनी की थी। लिहाजा आरोपितों को दोषी करार नहीं दिया जा सकता।