Jammu Kashmir: सिख संगठनों की चेतावनी, रोशनी घोटाले में महंत मंजीत सिंह को घसीटा तो परिणाम अच्छे नहीं हाेंगे
उन्हाेंने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है जिस पर जल्द फैसला आने की उम्मीद है लेकिन जिन लोगों ने उस समय के कानून के तहत कानूनी तौर पर सरकार से जमीन ट्रांसफर करवाई उन्हें सरकार घोटाले में संलिप्त कैसे बता सकती है?
जम्मू, जागरण संवाददाता: रोशनी घोटाले में महंत मंजीत सिंह को घसीटे जाने से नाराज सिख संगठनों ने प्रदेश सरकार को चेतावनी दी है कि अगर महंत जी पर ऐसे निराधार आरोप लगाए गए तो इसके परिणाम अच्छे नहीं हाेंगे। इन संगठनों ने सरकार पर जिला विकास चुनाव के चलते कुछ चुनिंदा लोगों को बदनाम करने की साजिश करने का आराेप लगाते हुए कहा कि सरकार अपनी वेबसाइट पर उन सभी लोगों के नाम एक साथ अपलोड कर दे जिन्हाेंने रोशनी एक्ट का फायदा उठाया है। उन्हाेंने कहा कि हर दिन चार-पांच लोगों के नाम जारी करना राजनीति से प्रभावित है।
विभिन्न सिख संगठनों के संयुक्त मंच सिख यूनाइटेड फ्रंट जेएंडके के चेयरमैन स. सुदर्शन सिंह वजीर ने शुक्रवार को जम्मू के चांद नगर स्थित गुरुद्वारे में एक पत्रकार सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि प्रदेश के कुछ रसूखदारों ने अपनी निजी इस्तेमाल के लिए रोशनी एक्ट के तहत सरकारी जमीन हासिल की लेकिन महंत मंजीत सिंह ने ऐसा नहीं किया, इसलिए उनका नाम इस घोटाले में नहीं घसीटा जाना चाहिए।
उन्हाेंने कहा कि महंत मंजीत सिंह महंत बचित्र सिंह कालेज आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के ट्रस्टी है और कालेज परिसर के भीतर सात कनाल दो मरला सरकारी जमीन थी जिसे महंत जी ने रोशनी एक्ट के तहत पैसा देकर कालेज के लिए खरीदा। सिंह ने कहा कि उस समय कानून के तहत जम्मू के डिप्टी कमिश्नर की मंजूरी से यह जमीन रोशनी एक्ट के तहत ली गई।
सिंह ने कहा कि आज जम्मू-कश्मीर के हाईकोर्ट ने अगर रोशनी कानून को रद कर दिया है तो इसमें कालेज ट्रस्ट या महंत जी का क्या दोष? तत्कालीन सरकार ने वर्ष 2008 में कानून के तहत यह जमीन ट्रस्ट के नाम की थी। उन्हाेंने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है जिस पर जल्द फैसला आने की उम्मीद है लेकिन जिन लोगों ने उस समय के कानून के तहत कानूनी तौर पर सरकार से जमीन ट्रांसफर करवाई, उन्हें सरकार घोटाले में संलिप्त कैसे बता सकती है? सिंह ने कहा कि इस कालेज से हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी सालों से शिक्षा हासिल कर रहे हैं और इस कालेज से हजारों विद्यार्थियों ने शिक्षा ग्रहण करके जिंदगी में अच्छा मुकाम हासिल किया है।
ऐसे में जन-कल्याण के लिए महंत जी ने कालेज परिसर के भीतर पड़ी इस खाली सरकारी जमीन को लिया था। यह जमीन आज भी खाली पड़ी है और वहां पर कालेज की पार्किंग बनाई गई है। उन्होंने कहा कि अगर ट्रस्ट या महंत जी की छवि से किसी तरह का खिलवाड़ करने का प्रयास किया गया तो वे इसके खिलाफ कानूनी लड़ाई भी लड़ेंगे।