डीजीपी के घर चली गोलियां, हेड कांस्टेबल गंभीर रूप से घायल
यह घटना सवा एक बजे की है जब डीजीपी के आवास से एक जोरदार गोली की आवाज आई तो वहां तैनात सुरक्षाकर्मियों में हड़कंप मच गया।
जम्मू, जागरण संवाददाता। सुरक्षा के लिहाज से राज्य की अति संवदेनशील इमारत पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के सरकारी आवास में गोलियां चलने की आवाज से वहां दहशत फैल गई। आनन फानन में वहां तैनात सुरक्षा कर्मी एक बैरक की ओर दौड़े। उसी बैरक के भीतर से गोलियां चलने की आवाज आई थी। बैरक के अंदर एक हैड कांस्टेबल खून से सना हुआ पड़ा था। उसके पास हीं उसकी सर्विस राइफल (कारबाइन) पड़ी थी, जिसमें गोलियां चली थी। हैड कांस्टेबल की पहचान सुभाष चंद पुत्र नानक चंद निवासी नौशहरा इन दिनों सतवारी के अजीत नगर में रह रहा है के रूप में हुई।
सुभाष चंद इन दिनों आईआरपी की 12 बी बटालियन में तैनात है, जिसका मुख्यालय सांबा में है। इस बटालियन की एक कंपनी पुलिस मुख्यालय में सुरक्षा के लिए तैनात है। इसी कंपनी के साथ सुभाष मुख्यालय आवास में तैनात है। जब गोली चली उस समय पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह बिक्रम चौक स्थित अपने सरकारी आवास में मौजूद नहीं थे। गोली चलने की यह घटना सोमवार सुबह ग्यारह बजे की है। डीजीपी आवास के भीतर जवानों के लिए बने बैरक में गोली ली थी।
घायल कांस्टेबल वहां गार्ड इंचार्ज ड्यूटी पर तैनात था। आनन फानन में सुभाष को उपचार के लिए जीएमसी अस्पताल में ले जाया गया, जहां उसका डाक्टरों ने तुरंत आपरेशन किया। डाक्टरों के अनुसार सुभाष की छाती में छह गोलियां लगी है। उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।
कारबाइन से चली नौ गोलियां
हैड कांस्टेबल सुभाष चंद को कारबाइन मिली हुई थी। उसकी कारबाइन से संदिग्ध परिस्थितियों में गोली चली है। मौके पर सबूतों की जाचं के लिए पहुंचे फोरेंसिक सांइस लेबोरेटरी एफएसएल पहुंचे। एफएसएल कर्मियों ने पाया कि घटना के समय कारबाइन के मैगजीन में साैलह कारतूस पड़े थे। जिसमें से नौ कारतूस चले हुए थे। मौके से कारतूसों को जुटा कर जांच के लिए ब्लास्टिक एक्सपर्स के पास भेज दिया गया। वारदात का कोई भी चश्मदीद नहीं है।