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Jammu : जम्मू कश्मीर के मूल निवासियों को रोजगार में प्राथमिकता दिलाने के लिए शिवसेना ने उठाई आवाज

कार्यकर्ताओं ने कहा कि अनुच्छेद 370 खत्म होते ही जम्मू-कश्मीर के युवाओं के रोजगार छिनने लगे हैं। जम्मू-कश्मीर की नौकरियों पर पहला हक तो यहां के भूमि पुत्रों का है लेकिन यह हक अब जम्मू-कश्मीर के लोगों से छिनता नजर आ रहा है।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Published: Fri, 01 Oct 2021 05:56 PM (IST)Updated: Fri, 01 Oct 2021 05:56 PM (IST)
Jammu : जम्मू कश्मीर के मूल निवासियों को रोजगार में प्राथमिकता दिलाने के लिए शिवसेना ने उठाई आवाज
कार्यकर्ताओं ने उप-राज्यपाल से कहा कि जम्मू-कश्मीर के युवाओं को यूनिट स्थापित करने के लिए प्रशिक्षित किया जाए।

जम्मू, जागरण संवाददाता : जम्मू-कश्मीर की सरकारी व सहकारी नौकरियों में पहला हक जम्मू-कश्मीर के मूल निवासियों को दिलाने की मांग कर शिवसेना ठाकरे के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को प्रदर्शन किया और जमकर नारे लगाए। इन कार्यकर्ताओं ने कहा कि अनुच्छेद 370 खत्म होते ही जम्मू-कश्मीर के युवाओं के रोजगार छिनने लगे हैं। जम्मू-कश्मीर की नौकरियों पर पहला हक तो यहां के भूमि पुत्रों का है, लेकिन यह हक अब जम्मू-कश्मीर के लोगों से छिनता नजर आ रहा है।

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कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारे लगाए। मौके पर कार्यकर्ताओं ने उप-राज्यपाल से कहा कि जम्मू-कश्मीर के युवाओं को यूनिट स्थापित करने के लिए प्रशिक्षित किया जाए। वहीं दूसरी ओर जम्मू-कश्मीर की सरकारी नौकरियों में बदलाव कर यहां के मूल निवासियों के लिए नौकरियों में पहला हक दिया जाए। इन कार्यकर्ताओं ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के युवाओं में बेरोजगारी का ग्राफ बढ़ने लगा है। वहीं कार्यकर्ताओं ने मांग की कि जितने भी दैनिक वेतनभाेगी जो कि विभिन्न विभागों में लगे हैं, उनको नियमित किया जाए। जम्मू-कश्मीर यूनिट के प्रधान मनीश साहनी ने कहा कि मूल निवासियों के साथ इंसाफ होना चाहिए।

जम्मू-कश्मीर में रोजगार देने के लिए सरकार तो दावे कर रही है, लेकिन हकीकत में नौकरियों के अवसर युवाओं के लिए कम हो गए हैं। इससे युवाओं ने निराशा बढ़ रही है जो चिंता का विषय है। अनुच्छेद 370 का नुकसान यह युवा महसूस कर रहे हैं। साहनी ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख ने रोजगार सेवा भर्ती नियम 2021 के तहत स्थानीय लोगों के लिए नौकरियां आरक्षित करने के साथ आयु सीमा में भी दो साल की राहत दी है।

जम्मू कश्मीर के बारे में सोचा जाना चाहिए। इस मौके पर महिला विंग की अध्यक्ष मीनाक्षी छिब्बर, महासचिव विकास बख्शी, चेयरमैन राकेश गुप्ता, उपाध्यक्ष संजीव कोहली, बलवंत सिंह, संदीप भगत, अध्यक्ष रियासी भूरी सिंह, अध्यक्ष आरएस पुरा बलवीर सिंह, अध्यक्ष अखनूर सतीश शर्मा, तरसम अधयक्ष महिला विंग विजयपुर प्रीति शर्मा और कई कार्यकर्ता उपस्थित थे।


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