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खामोश हो गई जन-जन का साथ देने वाली आवाज, नहीं रहे शेर-ए-पुंछ यशपाल शर्मा

युवाओं की आवाज को उठाने के लिए हुए ‘नारे दूरली आंदोलन’ की उन्होंने अगुआई की। इस आंदोलन से यशपाल शर्मा एक युवा और लोकप्रिय नेता के रूप में उभर कर सामने आए थे। इसके बाद उन्होंने लोगों की मदद के लिए जीवन समर्पित कर दिया।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 24 Jan 2022 09:44 AM (IST)Updated: Mon, 24 Jan 2022 09:44 AM (IST)
खामोश हो गई जन-जन का साथ देने वाली आवाज, नहीं रहे शेर-ए-पुंछ यशपाल शर्मा
उन्होंने लोगों की मदद के लिए जीवन समर्पित कर दिया।

पुंछ, संवाद सहयोगी : दिन हो या रात... हर वक्त आम लोगों की मदद के लिए हाथ थामे रखने वाले यशपाल शर्मा अब नहीं रहे। अब लोगों के जेहन में इस शेर-ए-पुंछ की सिर्फ यादें ही जीवित रहेंगी। पीडीपी के पूर्व एमएलसी यशपाल शर्मा का हृदयगति रुकने से शनिवार की रात को निधन हो गया। उनका निधन किसी एक व्यक्ति या परिवार के लिए नहीं, बल्कि राज्य और विशेष रूप से पुंछ के लिए अपूरणीय क्षति है। इसीलिए उनके निधन की सूचना मिलते ही पूरे जिले में एक तरह से खामोशी छा गई। वह लोगों के कितने करीब थे इसका अंदाजा उनकी अंतिम यात्रा में उमड़ी भीड़ से सहज लगाया जा सकता था। उनको खोने से हर आंख नम थी।

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यशपाल शर्मा का जीवन हर समय गरीबों की सहायता करने और जिले के विकास के लिए समर्पित रहा। वह बेबाकी से अपनी बात रखते थे। इसलिए उन्हें शेर-ए-पुंछ के नाम जाना जाता था। लोग उन्हें चाचा यशपाल भी कहते थे। वह लोकप्रिय नेता थे और लोगों की हर मुश्किल में उनके साथ खड़े रहते थे। जब भी समय कोई समस्या लेकर उनके पास आता था तो वह उसी समय उसके साथ चल देते थे। बात सन 1978 की है। सरकारी नौकरियों में धांधली हुई थी। उन्होंने युवाओं का साथ देकर सरकार के खिलाफ आवाज उठाई। युवाओं की आवाज को उठाने के लिए हुए ‘नारे दूरली आंदोलन’ की उन्होंने अगुआई की। इस आंदोलन से यशपाल शर्मा एक युवा और लोकप्रिय नेता के रूप में उभर कर सामने आए थे। इसके बाद उन्होंने लोगों की मदद के लिए जीवन समर्पित कर दिया।

युवा नेता के तौर पर उभरे और पीडीपी से बने एमएलसी: युवाओं के आंदोलन से वह यळ्वा नेता के रूप में उभरे और फिर जनता दल, कांग्रेस और निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर पुंछ हवेली से विधानसभा चुनाव के लिए उतरे, लेकिन 25 से 27 हजार तक वोट हासिल करने के बाद भी उनके हाथ निराशा लगी। बाद में वह पीडीपी में शामिल हो गए और पुंछ में इसका आधार बढ़ाया। इसी लगन से वह पीडीपी संस्थापक मुफ्ती मुहम्मद सईद के काफी करीब हो गए थे। पीडीपी ने उन्हें एमएलसी बनाया।

सियासी एवं सामाजिक संगठनों ने शोक जताया : यशपाल शर्मा के निधन पर राजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ता के अलावा स्थानीय लोगों ने गहरा दुख व्यक्त किया है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी जम्मू कश्मीर के प्रधान गुलाम अहमद मीर और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने पूर्व एमएलसी यशपाल शर्मा के निधन पर दुख जताते हुए शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है। प्रदेश कांग्रेस के कार्यवाहक प्रधान रमण भल्ला, पूर्व मंत्री मूलाराम, ठाकुर बलवान सिंह, मनमोहन सिंह, टीएस बाजवा, वेद महाजन, शिव देव सिंह, रजनीश शर्मा, शाह मोहम्मद चौधरी, हरि सिंह, बलबीर सिंह ने भी श्रद्धांजलि दी। 


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