Jammu Kashmir: बुजुर्ग, गर्भवती और बीमार कर्मचारियों की नहीं लगेगी परीक्षाओं में ड्यूटी
Jammu Kashmir मन्हास ने बताया कि अगर कंप्यूटर की परीक्षा होगी तो विद्यार्थियों को बिठाने से पहले उन्हें सेनिटाइज किया जाएगा।
जम्मू, जागरण संवाददाता: कोरोना महामारी के बीच ऑफलाइन परीक्षाएं करवाने की तैयारी कर रहे शिक्षा विभाग ने कुछ अहम फैसले लिए हैं। परीक्षाओं के आयोजन को लेकर शिक्षा विभाग ने कोविड के दिशानिर्देशों को जारी किया है जिसमें बुजुर्ग, गर्भवती और बीमार कर्मचारियों को परीक्षा डयूटी में नहीं लगाया जाएगा।
समग्र शिक्षा विभाग के निदेशक डा. अरुण मन्हास ने बताया कि परीक्षाओं के दौरान विद्यार्थियों से लेकर परीक्षा केंद्र में डयूटी दे रहे कर्मचारियों तक के लिए अलग अलग दिशानिर्देश रहेंगे। जहां बच्चों के लिए मास्क व ग्लव्स पहना अनिवार्य होगा तो वहीं परीक्षा केंद्र में डयूटी दे रहे कर्मचारियों को भी खुद को सेनिटाइज रखना होगा। पचपन वर्ष के कर्मचारी, गर्भवती महिला कर्मचारी और बीमार कर्मचारियों को परीक्षा डयूटी में नहीं लगाया जाएगा।विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से भी उम्र दराज व गर्भवती व बीमार लोगों के संक्रमित जल्द होने की शंका जताई है जिस कारण इन कर्मचारियों को डयूटी से दूर ही रखा जाएगा। इसके अलावा विद्यार्थियों को उत्तर पुस्तिका बांटने से पहले कर्मचारियों को अपने हाथ सेनिटाइज करने होंगे।
परीक्षा केंद्र में डिस्पोसेबल ग्लासों का प्रबंध होगा और उन्हीं में विद्यार्थियों को पानी पिलाया जाएगा। परीक्षा के दौरान विद्यार्थी अपना पेन भी एक दूसरे को नहीं दे पाएंगे। एक डेस्क को छोड़ कर बच्चों को बिठाया जाएगा ताकि शारीरिक दूरी बनी रहे। इतना ही नहीं बच्चों से एकत्रित की गई उत्तर पुस्तिकाओं को भी सेनिटाइज कर सील किया जाएगा और उसके बाद म 72 घंटों के बाद ही बंडल खोले जाएंगे ताकि उस पर अगर कोई संक्रमण भी हो तो वह खत्म हो जाए। मन्हास ने बताया कि अगर कंप्यूटर की परीक्षा होगी तो विद्यार्थियों को बिठाने से पहले उन्हें सेनिटाइज किया जाएगा। प्रयास कर रहेंगे कि जितना कम हो सके, परीक्षा केंद्रों में बच्चों व स्टाफ सदस्यों का संपर्क कम हाे।
बिना लक्षण वाले विद्यार्थी ही दे पाएंगे परीक्षा: आफलाइन परीक्षा में सिर्फ उन्हीं बच्चों को बैठने की इजाजत मिलेगी जो या तो पूरी तरह स्वस्थ होंगे औरर उनमें कोरोना का कोई लक्षण न हो। अगर कोई विद्यार्थी कोरोना संक्रमित है तो अस्पताल में भर्ती रहना होगा। स्वस्थ होने के बाद ही उसकी परीक्षा लेने की व्यवस्था की जाएगी। अगर संक्रमित विद्यार्थी परीक्षा देना चाहता हैं तो उसके लिए संस्थान अलग से आईसोलेशन रूम का बंदोबस्त करेगा। इसके अलावा कोनोना संक्रमित स्टाफ सदस्य को भी परीक्षा केंद्र से दूर रखा जाए्र। उन्हें परीक्षा केंद्र में आने की इजाजत नहीं होगी। परीक्षा के दौरान स्वस्थ बच्चों व स्टाफ सदस्यों के लिए भी मास्क व ग्लव्स पहनना अनिवार्य होगा। विद्यार्थियों को खुद के स्वस्थ होने का शपथ पत्र भी देना होगा।