अपराध रोकने के लिए कारण समझना जरूरी
जागरण संवाददाता, जम्मू : किसी भी आयु, प्रदेश, जाति या धर्म विशेष में होने वाले अपराध को
जागरण संवाददाता, जम्मू :
किसी भी आयु, प्रदेश, जाति या धर्म विशेष में होने वाले अपराध को रोकने के लिए जरूरी है कि इसके पीछे के कारणों को बारीकी से समझा जाए। अपराध करने के कारणों की पकड़ होगी तभी समस्या का समाधान कर अपराध की प्रवृति पर अंकुश लगाया जा सकता है।
कुछ ऐसा ही निष्कर्ष शनिवार को क्रिमिनोलाजिस्ट सोसायटी की ओर से आयोजित सेमीनार में निकला। जानीपुर स्थित जिला कोर्ट परिसर में जेएंडके हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के सहयोग से इस सेमीनार का आयोजन किया गया था। सेमीनार का विषय 'भारत में न्यायपालिका को प्रभावी व कानून को लागू करना : अपराध को लेकर सोच व नीतियों में बदलाव व समाधान' था। इसमें सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एके गोयल मुख्य अतिथि रहे, जबकि राज्य हाईकोर्ट के जस्टिस वाईए मीर ने सेमीनार की अध्यक्षता की। इसके अलावा जस्टिस जेआर कोतवाल व जस्टिस संजीव शुकला सेमीनार में सम्माननीय अतिथि के तौर पर मौजूद रहे। जेएंडके हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के प्रधान सीनियर एडवोकेट बीएस सलाथिया ने सेमीनार के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि बार एसोसिएशन वकीलों के लिए कार्य करने के लिए बनी है लेकिन इसका सामाजिक दायित्व भी है, जिसे निभाते हुए एसोसिएशन ने इस सेमीनार के आयोजन का फैसला लिया। सोसायटी के प्रधान रामेश्वर सिंह जम्वाल ने इस दौरान सोसायटी की ओर से अपराध पर किए गए सर्वे का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी सोसायटी का मुख्य कार्य अपराध के पीछे के कारणों का अध्ययन करना है। सेमीनार के दौरान सोसायटी की सर्वे रिपोर्ट व पुस्तक का विमोचन भी किया गया।
मुख्य अतिथि जस्टिस एके गोयल व अन्य ने दोनों संस्थाओं की सराहना करने के साथ विषय पर अपने विचार रखे। सेमीनार में बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों के अलावा काफी संख्या में कोर्ट स्टाफ के सदस्य भी मौजूद रहे।