Move to Jagran APP

हुर्रियत के 18 नेताओं की सुरक्षा घटाई व हटाई

राज्य ब्यूरो, जम्मू : सरकारी सुरक्षा घेरे में रहकर आतंकियों की भाषा बोलने वाले हुर्रिय

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Feb 2019 09:20 AM (IST)Updated: Thu, 21 Feb 2019 09:20 AM (IST)
हुर्रियत के 18 नेताओं की सुरक्षा घटाई व हटाई
हुर्रियत के 18 नेताओं की सुरक्षा घटाई व हटाई

राज्य ब्यूरो, जम्मू : सरकारी सुरक्षा घेरे में रहकर आतंकियों की भाषा बोलने वाले हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी गुट के चेयरमैन सैयद अली शाह गिलानी समेत 18 हुर्रियत नेताओं की सरकार ने कुछ की सुरक्षा वापस ले ली है और कुछ की घटा दी है। इसी तरह राज्य के 155 राजनीतिक नेताओं व कार्यकर्ताओं में से कुछ की सुरक्षा हटाने के साथ कइयों की कम कर दी गई है।

loksabha election banner

जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन में अलगाववादियों की सुरक्षा हटाने व कम करने का यह पहला बड़ा मामला है। इसे पुलवामा हमले के बाद देश विरोधियों के खिलाफ सरकार की ओर से उठाया गया एक और बड़ा कदम माना जा रहा है। तीन दिन पहले सरकार ने हुर्रियत के उदारवादी गुट के चेयरमैन मौलवी मीरवाइज उमर फारूक समेत पांच अलगाववादियों की सुरक्षा भी वापस ले ली थी। देश में रहकर कश्मीर में देश विरोधी गतिविधियों को शह दे रहे इन अलगावादियों की सुरक्षा पर अब तक करोड़ों रुपये खर्च किए जा चुके हैं।

हुर्रियत नेताओं व राजनीतिक कार्यकर्ताओं की सुरक्षा वापस लेने व घटाने का फैसला बुधवार शाम जम्मू में गृह विभाग की उच्च स्तरीय बैठक में लिया गया। बैठक की अध्यक्षता राज्यपाल के सलाहकार के विजय कुमार ने की। इसमें मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रह्मण्यम, पुलिस प्रशासन व गृह विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।

बैठक में राज्य में सुरक्षा के घेरे में रह रहे नेताओं को खतरे का आंकलन करने के बाद उन्हें मिलने वाली पुलिस प्रोटेक्शन कम कर दी गई। राजनीतिक पार्टियों से जुड़े जिन 155 लोगों की सुरक्षा घटाई व हटाई गई है, उनमें नौकरी छोड़कर राजनीति में आने वाले आइएस अधिकारी शाह फैसल व पीडीपी नेता वाहिद पर्रे भी शामिल हैं। वहीं हुर्रियत की सुरक्षा वापस लेने की यह कार्रवाई कश्मीर में आतंकियों व अलगाववादियों का गठजोड़ तोड़ने के लिए की गई है। इन हुर्रियत नेताओं की सुरक्षा घटाई व वापस ली गई :

सैयद अली शाह गिलानी, आगा सईद मोसवी, मौलवी अब्बास अंसारी, यासीन मलिक, सलीम जिलानी, शाहिद उल इस्लाम, जफ्फर अकबर भट्ट, नईम खान, मुख्तार अहमद वाजा, फारूक अहमद किचलू, मसरूर अब्बास अंसारी, आगा सईद अबुल हुसैन, अब्दुल गनी शाह व मोहम्मद मुसद्दिक मुख्य हैं। गृह विभाग ने हुर्रियत के 18 नेताओं में से सिर्फ 14 नेताओं के नाम ही सार्वजनिक किए। एक हजार से ज्यादा पुलिस कर्मी व 100 पुलिस वाहन फ्री हुए :

राज्य प्रशासन के इस बड़े फैसले से जम्मू कश्मीर पुलिस पर पड़ने वाला अतिरिक्त बोझ काफी हद तक कम हुआ है। सुरक्षा वापस लेने व घटाने के फैसले से एक हजार से अधिक पुलिस कर्मी व सौ से अधिक वाहन फ्री हुए हैं। गृह विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि अलगाववादियों व राजनीतिक कार्यकर्ताओं की सुरक्षा से हटाए गए पुलिस कर्मी व वाहन पुलिस के सामान्य कामकाज के लिए इस्तेमाल किए जाएंगे। कई दिनों से की जा रही थी समीक्षा :

राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कठुआ में एक कार्यक्रम में कहा था कि कई ऐसे लोगों ने भी सुरक्षा ले रखी है जिनपर कोई एक गोली भी खर्च नहीं करेगा। इसके अलावा पुलवामा हमले के बाद कश्मीर दौरे पर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी संकेत दे दिए थे कि अलगाववादियों की सुरक्षा वापसी पर बड़ा फैसला लिया जा सकता है। सरकार ने ऐसे लोगों को मिली सुरक्षा की समीक्षा की, जिनकी जान को कोई खतरा नहीं है। इसके बाद सुरक्षा घटने व हटाने का फैसला लिया गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.