सुरक्षाबलों को जम्मू-कश्मीर में ढांचागत सुविधाएं मजबूत करने में होगी आसानी, सुरक्षाबलों पर 49 साल से लगी बंदिश हटाई
अब निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहित करने से पहले अनापत्ति प्रमाणपत्र प्राप्त करने की जरूरत नहीं-जम्मू कश्मीर प्रशासन ने सुरक्षाबलों पर 49 साल से लगी बंदिश हटाई
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू- कश्मीर में अब सेना, केंद्रीय अर्धसैनिकबलों और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को ढांचागत सुविधाएं और मजबूत करने में आसानी होगी। जम्मू- कश्मीर प्रशासन ने सुरक्षाबलों पर बीते 49 साल से लगी बंदिश को हटा दिया है। अब सुरक्षाबलों को जम्मू- कश्मीर में सामरिक और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण कार्यो और अन्य आवश्यक ढांचागत सुविधाओं के निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहित करने से पहले गृह विभाग से अनापत्ति प्रमाणपत्र प्राप्त करने की जरूरत नहीं होगी।
नए नियम लागू होने से सुरक्षाबल जमीन को आसानी से अधिग्रहित कर उसपर आवश्यक निर्माण कार्य करवा सकेंगे। सुरक्षा के लिहाज से इस फैसले के दूरगामी परिणाम होंगे।संबंधित अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 1971 में तत्कालीन जम्मू कश्मीर सरकार ने एक आदेश जारी कर राज्य के किसी भी हिस्से में सेना व केंद्रीय अर्धसैनिकबलों और उन जैसी अन्य संस्थाओं के लिए भूमि अधिग्रहण से पहले राजस्व विभाग से अनापत्ति प्रमाणपत्र अनिवार्य कर दिया था।
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के तहत 31 अक्तूबर 2019 को जम्मू- कश्मीर अचल संपत्ति अनुरोध व अधिग्रहण अधिनियम-1968 समाप्त हो गया है। इसके आधार पर ही राजस्व विभाग ने सुरक्षाबलों द्वारा जमीन अधिग्रहण के लिए गृह विभाग की अनुमति को आवश्यक बनाने वाला आदेश भी वापस ले लिया है।