Militancy in Kashmir: श्रीनगर में भीड़ भरे इलाकों में औचक घेराबंदी कर तलाशी अभियान
Militancy in Kashmir तलाशी अभियान श्रीरनगर शहर में 1990-98 तक अक्सर देखने को मिलते थे। संबंधित अधिकारियों ने बताया कि इस प्रक्रिया से आतंकियों व उनके मददगारों को पकड़ने में मदद मिलेगी और उनपर दबाव भी बढ़ेगा। आतंकियों की करतूत से कुछ परेशानी तो होनी ही है।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में बीते सप्ताह हुए आतंकी हमलों के मद्देनजर प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। भीड़ भरे इलाकों में औचक घेराबंदी कर तलाशी अभियान की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। सभी महत्वपूर्ण जगहों और प्रतिष्ठानों के आसपास की ऊंची इमारतों पर शार्पशूटर तैनात किए जा रहे हैं।
शहर में सभी संवेदनशील जगहों पर सीसीटीवी से भी निगरानी की जा रही है। श्रीनगर में बीते सप्ताह बुधवार 17 फरवरी को आतंकियों ने कृष्णा ढाबे पर हमला किया था। इसमें ढाबा मालिक का पुत्र जख्मी हो गया था। इसके बाद गत शुक्रवार को आतंकियों ने बागात बरजुला में दो पुलिसकíमयों की हत्या कर दी थी।
शनिवार को कश्मीर के आइजीपी विजय कुमार ने पुलिस, सीआरपीएफ व अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ बैठक में श्रीनगर की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने की रणनीति को अंतिम रूप दिया था। सुरक्षा प्रबंधों का असर सोमवार को नजर आया। लालचौक और अमीराकदल समेत अन्य इलाकों में सुरक्षाबलों ने लोगों को कतारों में खड़ा कर उनकी तलाशी ली। इसके अलावा वाहनों से यात्रियों को भी नीचे उतारा गया और उन्हें कुछ दूर तक पैदल चलना पड़ा।
इस तरह के तलाशी अभियान श्रीरनगर शहर में 1990-98 तक अक्सर देखने को मिलते थे। संबंधित अधिकारियों ने बताया कि इस प्रक्रिया से आतंकियों व उनके मददगारों को पकड़ने में मदद मिलेगी और उनपर दबाव भी बढ़ेगा। तलाशी से आम लोगों की परेशानी का जिक्र करते हुए लालचौक के एक दुकानदार जावेद नक्शबंदी ने कहा कि आप पुलिस वालों को कैसे तलाशी से रोक सकते हैं।
आतंकियों ने अगर यहा पुलिस वालों का कत्ल नहीं किया होता, ढाबे वाले पर गोली नहीं चलाई होती तो यहा सबकुछ ठीक था। आतंकियों की करतूत से कुछ परेशानी तो होनी ही है।