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Jammu: प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर शिकंजा कसने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने कमर कसी

विभाग ने पहले ही स्पष्ट किया था कि स्कूल मासिक फीस ले सकते है। इससे अधिक कुछ नहीं। साथ ही किसी भी बच्चे को आन लाइन शिक्षा से महरूम नहीं किया जा सकता है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 16 Sep 2020 01:22 PM (IST)Updated: Wed, 16 Sep 2020 01:28 PM (IST)
Jammu: प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर शिकंजा कसने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने कमर कसी
Jammu: प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर शिकंजा कसने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने कमर कसी

जम्मू, राज्य ब्यूरो: कोरोना के बीच मनमानी करने वाले प्राइवेट स्कूलों पर शिकंजा कसने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने कमर कस ली है। कोरोना से उपजे हालात के बीच विभाग को ऐसी शिकायतें मिल रही है कि कुछ प्राइवेट स्कूल दाखिला फीस समेत अन्य चार्ज लेने के लिए अभिभावकों पर दबाव बना रहे है। फीस निर्धारित करने वाली कमेटी ने कहा कि यदि किसी स्कूल ने दाखिला फीस या अन्य गैर जरूरी चार्ज लेने की कोशिश की तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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कमेटी ने यह जानकारी शिक्षा विभाग को भेज दी है। कमेटी ने कहा है कि सरकार के आदेश का उल्लंघन करने वाले स्कूलों की मान्यता को रद्द कर दिया जाएगा। मद्रास और राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव असगर सेमून ने कहा है कि विभाग स्कूलों को फीस में तीस फीसद कमी करने का आदेश दे सकता है। कहने का मतलब है कि प्राइवेट स्कूलाें से मार्च से अगस्त तक फीस में तीस फीसद कमी करके अभिभावकों को पैसे लौटाने के लिए कहा जा सकता है। इसके लिए शिक्षा विभाग कानून विभाग की राय ले रहा है। कुछ प्राइवेट स्कूल इसलिए भी परेशान हो गए है कि उन्हें ली हुई फीस का तीस फीसद हिस्सा वापिस करना पड़ सकता है।

विभाग ने पहले ही स्पष्ट किया था कि स्कूल मासिक फीस ले सकते है। इससे अधिक कुछ नहीं। साथ ही किसी भी बच्चे को आन लाइन शिक्षा से महरूम नहीं किया जा सकता है। कोरोना के बीच कुछ प्राइवेट स्कूल फीस तो पूरी ले रहे है लेकिन अपने अध्यापकों को तंग कर रहे है। कुछ अध्यापकों को समय पार वेतन नहीं दिया जा रहा और कुछ को मौखिक तौर पर नौकरी से हटने के लिए कहा जा रहा है। प्रमुख सचिव असगर सेमून ने प्राइवेट स्कूलों को चेताया है कि नियमों का उल्लंघन करने पर होगी कार्रवाई।

उन्होंने कहा है कि ऐसी शिकायतेें आ रही है कि कुछ प्राइवेट स्कूल अध्यापकों को वेतन नहीं दे रहे है और कोरोना के बावजूद बिना नोटिस के अध्यापकों को निकाला जा रहा है। सरकार इस मामले गंभीरता से लेगी और स्कूलों से फीस की आडिट रिपोर्ट, विद्यार्थियों की संख्या, अगस्त से आज तक दी गए वेतन पर रिपोर्ट तलब करेगी। सेमून लगातार ट्वीट करके प्राइवेट स्कूलों को मनमानी न करने के लिए चेता रहे हैं। 


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