स्कूल शिक्षा विभाग की चेतावनी, अभिभावकों पर फीस-वार्षिक चार्ज के लिए दबाव न डालें स्कूल प्रबंधन
फिलहाल अप्रैल की फीस देनी होगी या नहीं इस पर कोई फैसला नहीं किया गया है। डायरेक्टर स्कूल एजूकेशन जम्मू अनुराधा गुप्ता ने कहा कि यह फैसला विभाग में उच्च स्तर पर होना है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। स्कूल शिक्षा विभाग ने एक बार फिर से प्राइवेट स्कूलों को चेतावनी दी है कि तीस अप्रैल 2020 तक विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों पर फीस या वार्षिक चार्ज देने के लिए किसी तरह का दवाब न बनाएं। पिछले दिनों स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव असगर सेमून ने आदेश जारी कर कहा था कि कोराेना से बचाव के लिए लॉकडाउन जारी है।
मार्च की फीस अप्रैल तीस तक दी जा सकती है। इसके अलावा किसी तरह का दवाब न बनाया जाए। पिछले दिनों कुछ प्राइवेट स्कूलों ने अभिभावकों को एसएमएस भेज कर मार्च की और कुछ स्कूलों ने अप्रैल मई जून की तिमाही की फीस जमा करवाने के लिए कहा था। यह शिकायतें विभाग को मिली तो अब जिलों के मुख्य शिक्षा अधिकारियों ने आदेश निकाल कर प्राइवेट स्कूलों को चेताया है।
आदेश में कहा गया है कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और जम्मू कश्मीर बोर्ड आफ स्कूल एजूकेशन से मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूल अगले आदेश तक तीस अप्रैल तक फीस या वार्षिक चार्ज तक फीस नहीं मांगे सकते है। इस समय कोरोना से बचाव के लिए लॉकडाउन चल रहा है। अगर नियमों का उल्लंघन करता कोई प्राइवेट स्कूल पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
फिलहाल अप्रैल की फीस देनी होगी या नहीं, इस पर कोई फैसला नहीं किया गया है। डायरेक्टर स्कूल एजूकेशन जम्मू अनुराधा गुप्ता ने कहा कि यह फैसला विभाग में उच्च स्तर पर होना है। कुछ दिन तक इस पर फैसला हो जाएगा। वहीं दूसरी तरफ पेरेंट्स एसोसिएशन के प्रधान अमित कपूर ने कहा कि जिस तरह से दिल्ली सरकार स्कूलों को लेकर फैसला कर रही है, उसी तर्ज पर जम्मू कश्मीर में फैसला होना चाहिए। अप्रैल माह की फीस किसी भी हाल में नहीं ली जा सकती है और वार्षिक चार्ज भी नहीं लिए जाएं।