AIIMS In Jammu: अभी ऑनलाइन ही घूम रहा जम्मू का एम्स; पीएम विकास पैकेज के तहत निर्माण पर 1661 करोड़ होंगे खर्च
स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के एक उच्चाधिकारी का कहना है कि किराये की इमारत लेकर ओपीडी सेवाएं शुरू की जा सकती हैं। इस पर अभी अंतिम मुहर नहीं लगी है। एम्स जम्मू के लिए डा. शक्ति कुमार गुप्ता की कार्यकारी निदेशक के पद पर नियुक्ति हुई है।
जम्मू, रोहित जंडियाल: जम्मू को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) मिलने के पीछे लंबा संघर्ष है। वर्ष 2015 में कश्मीर में एम्स को मंजूरी मिलते ही जम्मू के संघर्ष का सिलसिला शुरू हो गया। जम्मू की बार एसोसिएशन के बैनर तले विरोध करीब दो महीने तक सड़कों पर चलता रहा। दबाव में आकर उसी वर्ष केंद्र सरकार ने जम्मू के लिए एम्स को मंजूरी दे दी।
जम्मू संभाग में विजयपुर और कश्मीर में अवंतीपोरा क्षेत्र में एम्स खोलने पर सहमति बनी। इसके बाद भूमि अधिग्रहण चुनौतीपूर्ण था। इसमें दिक्कतें आईं। करीब दो साल लग गए। तीन फरवरी 2019 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विजयपुर में एम्स का नींव पत्थर रखा। मौजूदा हालत यह है कि एम्स की चहारदीवारी का काम पूरा हो गया है। हालांकि एम्स के कार्यकारी निदेशक की नियुक्ति कर दी गई है। एमबीबीएस कक्षाएं फिलहाल कठुआ मेडिकल कालेज की इमारत में ही चलेंगी। फिलहाल जम्मू का एम्स आनलाइन ही काम कर रहा है।
प्रधानमंत्री विकास पैकेज के तहत एम्स के निर्माण पर 1661 करोड़ खर्च होने हैं। सांबा की विजयपुर में एम्स के लिए चयनित जगह पर करीब 200 से अधिक गुज्जर समुदाय के लोग बसे थे। उनका दूसरी जगह पर पुनर्वास करने में दो वर्ष का समय लग गया। महीनों चले विवाद के बाद 1954 कनाल, छह मरला भूमि प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग को सौंपी। इसमें 176 कनाल निजी भूमि के अलाव 293 कनाल स्टेट लैंड और 1395 कनाल वन भूमि थी। सेंट्रल पब्लिक वर्कर्स विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) एम्स का निर्माण करवा रहा है।
निर्माण शुरू : एम्स की चहारदीवारी बनने के बाद इसके प्रशासनिक, अकादमिक, आयुष, सराय, अस्पताल सहित कई ब्लाक का काम शुरू हुआ। 36 से अधिक ब्लाक बनाए जा रहे हैं। इसका निर्माण पूरा करने में समय लगेगा। निर्माण कार्य में जुटे एक अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2022 के अंत तक हर हाल में निर्माण कार्य पूरा करना है। इसमें थोड़ी बहुत देरी हो सकती है लेकिन सरकार ने वर्ष 2023 में इसे मरीजों के लिए पूरी तरह से खोलने का लक्ष्य रखा है। इस सत्र से एम्स में एमबीबीएस की पचास सीटों पर पढ़ाई शुरू हो गई है। कक्षाएं एम्स ऋषिकेश ही चला रहा है। दाखिला प्रक्रिया भी ऋषिकेश एम्स ने पूरी की थी। अभी मेडिकल कालेज कठुआ की पुरानी इमारत में कक्षाएं शुरू करने की प्रक्रिया चल रही है। पुरानी इमारत एम्स विजयपुर के हवाले कर दी है। कठुआ मेडिकल कालेज के एक अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है। अभी कालेज की इमारत में एम्स की आफलाइन कक्षाएं कब से शुरू होंगी, इस पर कोई भी फैसला नहीं हो पाया है।
फैकल्टी की नियुक्ति : एम्स में फैकल्टी की नियुक्ति के लिए पहले से ही प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। लेकिन ओपीडी सेवाएं कब शुरू होंगी, इस पर कुछ भी फैसला नहीं हुआ है। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के एक उच्चाधिकारी का कहना है कि किराये की इमारत लेकर ओपीडी सेवाएं शुरू की जा सकती हैं। इस पर अभी अंतिम मुहर नहीं लगी है। कुछ सप्ताह पूर्व ही एम्स जम्मू के लिए डा. शक्ति कुमार गुप्ता की कार्यकारी निदेशक के पद पर नियुक्ति हुई है। उन्होंने पदभार संभाल लिया है और अब वह एम्स के जल्दी निर्माण कार्य के लिए जुट गए हैं।
एम्स जम्मू में यह होंगी सुविधाएं :
- तीन हजार फैकल्टी और अन्य पद।
- 18 सुपर स्पेशलिटी विभाग।
- अंडर ग्रेजुएट की पचास सीटें होंगी। यह बढ़कर सौ हो सकती हैं।
- इनमें बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई होगी और इसमें 60 सीट होंगी।
- 12 विभागों की ओपीडी होंगी।
- 16 आपरेशन थियेटर बनाने का भी प्रस्ताव है।
- 75 बिस्तरों की क्षमता वाला इंटेंसिव केयर यूनिट होगा
- एम्स में 750 बिस्तरों की क्षमता