Move to Jagran APP

कोरोना के चलते रोशनी घोटाले की सुनवाई टली

रोशनी एक्ट की आड़ में सरकारी भूमि पर अवैध कब्जों की सीबीआइ से जांच करवाने वाली जनहित याचिका पर बुधवार को सुनवाई नहीं हो पाई।

By JagranEdited By: Published: Thu, 19 Mar 2020 09:42 AM (IST)Updated: Thu, 19 Mar 2020 09:42 AM (IST)
कोरोना के चलते रोशनी घोटाले की सुनवाई टली
कोरोना के चलते रोशनी घोटाले की सुनवाई टली

जागरण संवाददाता, जम्मू : रोशनी एक्ट की आड़ में सरकारी भूमि पर अवैध कब्जों की सीबीआइ से जांच करवाने वाली जनहित याचिका पर बुधवार को सुनवाई नहीं हो पाई।

loksabha election banner

जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच ने अब 27 मार्च को सुनवाई की तारीख निर्धारित की है। रोशनी घोटाले की जांच सीबीआइ को सौंपने की मांग पर सरकार को अपना पक्ष रखना था, लेकिन सरकारी वकील ने कहा कि इस समय पूरा प्रशासन कोरोना वायरस से निपटने में जुटा है। इसलिए पक्ष नहीं रखा जा सकता। लिहाजा पक्ष रखने के लिए अतिरिक्त समय दिया जाए।

जनहित याचिका दायर करने वाले एडवोकेट अंकुर शर्मा ने अपनी शिकायत में कहा है कि वर्ष 2012-13 की कंप्ट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल ऑफ इंडिया (सीएजी) की रिपोर्ट में रोशनी एक्ट से जुड़ी योजना के बारे में कहा गया है कि इससे राज्य की 20,64,792 कनाल भूमि पर अवैध कब्जे हुए। इससे जम्मू कश्मीर सरकार को 25 हजार करोड़ रुपये का चूना लगा। इस पर बेंच ने पिछली सुनवाई के दौरान राजस्व विभाग के सचिव, सूचना विभाग के आयुक्त सचिव और जिला आयुक्त जम्मू से कहा था कि उन्हें जानकारी दी जाए कि कितनी सरकारी भूमि पर कब्जा हुआ है। सूची में यह भी बताया जाए कि शहरी, ग्रामीण और वन विभाग की कितनी भूमि है।

बेंच ने कहा था कि 16 फरवरी को एक राष्ट्रीय समाचार पत्र ने लिखा है कि जिला जम्मू में 657 एकड़ वन एवं सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे हुए हैं। यह समाचार जिला आयुक्त की रिपोर्ट पर आधारित है। रिपोर्ट में कहा गया है कि राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत से राजस्व रिकार्ड से छेड़छाड़ कर लोगों को सरकारी भूमि का मालिक बना दिया गया। बेंच ने उन लोगों की सूची भी सौंपने का निर्देश दिया था, जिन्होंने राजस्व रिकॉर्ड से छेड़छाड़ करवाई है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.