रोशनी घोटाले के तहत दर्ज सभी एफआइआर की रिपोर्ट तलब
जेएनएफ जम्मू राज्य हाईकोर्ट ने सरकारी जमीन पर कब्जा करने वालों से प्रीमियम लेकर मालिक
जेएनएफ, जम्मू : राज्य हाईकोर्ट ने सरकारी जमीन पर कब्जा करने वालों से प्रीमियम लेकर मालिकाना अधिकार दिए जाने के लिए वर्ष 2001 में बने रोशनी एक्ट की आड़ में हुए करोड़ों रुपये के घोटाले को लेकर दर्ज सभी एफआइआर की रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने एंटी करप्शन ब्यूरो को अगली सुनवाई तक यह रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।
मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता अंकुर शर्मा ने कहा कि इस मामले में विजिलेंस आर्गेनाइजेशन ने श्रीनगर व जम्मू में कई प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किए हैं। इसमें 15 से अधिक एफआइआर दर्ज हुई है और बेंच ने इन एफआइआर में जांच की निगरानी के लिए समय-समय पर कई दिशानिर्देश भी दिए हैं, लेकिन अभी तक इस दिशा में हुई कार्रवाई पर कोई स्थिति स्पष्ट नहीं की गई।
इस मामले की पिछली सुनवाई के दौरान बेंच ने रोशनी एक्ट के तहत अभी तक फायदा लेने वालों लोगों की पूरी सूची पेश करने का निर्देश दिया था। एडवोकेट अंकुर शर्मा ने हाईकोर्ट में रोशनी एक्ट को चुनौती देते हुए जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें 18 नवंबर को बेंच ने इस एक्ट के तहत हर तरह के लेनदेन पर रोक लगा दी थी और निर्देश दिया था कि अगली सुनवाई तक इस एक्ट के तहत किसी को भी जमीन का मालिकाना अधिकार न दिया जाए। इसके बाद 28 नवंबर को राज्यपाल सत्यपाल मलिक की अध्यक्षता में प्रदेश प्रशासनिक परिषद ने इस योजना को ही बंद कर दिया। अंकुर शर्मा ने बुधवार की सुनवाई के दौरान यह तर्क दिया कि इस योजना का केवल राज्य के नेताओं, प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों ने लाभ उठाया और सरकारी जमीनों पर कब्जों को वैध कराया। उन्होंने पिछली सुनवाई के दौरान भी रोशनी एक्ट का फायदा उठाने वालों की सूची बेंच के सामने पेश किए जाने की मांग करते हुए सरकारी जमीन वापस लेने की मांग की थी। बेंच ने सरकार से एक्ट के तहत जमीनों का मालिकाना अधिकार पाने वाले सभी लोगों की सूची मांगी थी।