दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में जम्मू कश्मीर में आ रही है क्रांति , अब इतने लाख लीटर दूध का प्रतिदिन हो रहा है उत्पादन
दुग्ध उत्पादन क्षेत्र में जम्मू कश्मीर तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसका अंदाजा इस बात से लग जाता है कि जम्मू कश्मीर में दूध की पैदावार में लगातार बढ़ोतरी जारी है। 2013-14 में जम्मू कश्मीर में दूध का उत्पादन 1615 हजार मीट्रिक टन था।
जम्मू, जागरण संवाददाता। दुग्ध उत्पादन क्षेत्र में जम्मू कश्मीर तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसका अंदाजा इस बात से लग जाता है कि जम्मू कश्मीर में दूध की पैदावार में लगातार बढ़ोतरी जारी है। 2013-14 में जम्मू कश्मीर में दूध का उत्पादन 1615 हजार मीट्रिक टन था जोकि बढ़कर 2018-19 में 2460 हजार मीट्रिक टन तक पहुंच गया है। अब जम्मू कश्मीर 75 लाख लीटर दूध प्रतिदिन पैदा कर रहा है।
शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी आफ एग्रीकल्चर साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी (SKUAST) जम्मू के सीनियर वैज्ञानिक डा. निलेश शर्मा का कहना है कि जिस कदम जम्मू कश्मीर में डेयरी का प्रचलन शुरू हुआ है और वहीं नस्ल सुधार का कार्यक्रम आगे बढ़ा है, उसको देखते हुए हम कह सकते हैं कि अगले 4 साल में दूध उत्पादन के क्षेत्र में जम्मू कश्मीर में क्रांति आने वाली है। दूध क्षेत्र में जम्मू कश्मीर का नाम अन्य दूध उत्पादन वाले राज्यों के साथ लिया जाएगा।
हालांकि वर्तमान में हम हर साल 664300 क्विंटल दूध बाहरी राज्यों से मंगवा रहे हैं। लेकिन आने वाले वर्षों में इस आयात में गिरावट दिखेगी। जम्मू कश्मीर में डेयरी डेवेलपमेंट स्कीम लोगों में काफी लोकप्रिय हो रही है। इसके तहत ग्रामीण युवाओं ने नई डेयरी स्थापित करने की दिशा में दिलचस्पी दिखाई है। वहीं नस्ल सुधार के कार्यक्रम में तेजी आई है।
2013-14 से लेकर 2017-18 तक आर्टीफिशियल इनजेमिनेशन कर 4244000 मवेशियों का नस्ल सुधार किया जा चुका है। कृष्णा डेयरी के मालिक कुलभूषण खजूरिया का कहना है कि सरकार को मवेशी आहार के उत्पादन को बढ़ाने व फीड सस्ती करने की दिशा में काम करना चाहिए।
डा. निलेश शर्मा का कहना है कि प्रति व्यक्ति औसतन दूध जम्मू कश्मीर में बहुत बेहतर है। पिछले कुछ बरसों से पशुपालन क्षेत्र में काफी काम हुआ है। केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के जरिए किसानों का रुझान डेयरी की ओर बढ़ा है। मुझे लगता है कि जममू कश्मीर में डेयरी सेक्टर मजबूती की ओर जा रहा है।