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J&K BJP: भाजपा नेता डार, उनकी पत्नी की हत्या के पीछे लश्कर का हाथ: रवीन्द्र रैना

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रविन्द्र रैना ने कहा कि भाजपा नेता व सरपंच गुलाम रसूल डार व उनकी पत्नी की हत्या के पीछे लश्कर-ए-तोएबा का हाथ है।पत्रकारों से बातचीत करते हुए रैना ने कहा कि इन हत्याओं के लिए लक्ष्कर को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Wed, 11 Aug 2021 08:26 PM (IST)Updated: Wed, 11 Aug 2021 08:31 PM (IST)
कश्मीर के कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाने के लिए रविन्द्र रैना वीरवार को बारामूला में पार्टी नेताओं के साथ बैठक करेंगे।

जम्मू, राज्य ब्यूरो । प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रविन्द्र रैना ने कहा कि भाजपा नेता व सरपंच गुलाम रसूल डार व उनकी पत्नी की हत्या के पीछे लश्कर-ए-तोएबा का हाथ है।

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कुलगाम के रेडवनी में बुधवार दोपहर को गुलाम रसूल डार के आवास पर शोक जताने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए रैना ने कहा कि इन हत्याओं के लिए लक्ष्कर को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि इन हत्याओं की साजिश के पीछे द रजिस्टेंस फ्रंट के अब्बास शेख जिम्मेवार है। अब्बास शेख रेडवनी का ही रहने वाला है। कश्मीर में बेहतर होते हालात से हताश आतंकवादी आम लोगों को निशाना बना रहे हैं। उन्हें उनके अंजाम तक पहुंंचाया जाएगा।

इसी बीच कश्मीर के कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाने के लिए रविन्द्र रैना वीरवार को बारामूला में पार्टी नेताओं के साथ बैठक करेंगे। इस बैठक में उनके साथ प्रदेश संगठन महामंत्री अशोक काैल व पार्टी के अन्य कुछ वरिष्ठ नेता भी मौजूद होंगे।

गौरतलब है कि गत 9 अगस्त को भाजपा किसान मोर्चा के कुलगाम जिला प्रधान गुलाम रसूल डार और उनकी पत्नी जवाहिरा बानो की आतंकियों ने अनंतनाग में गोलियों से भूनकर हत्या कर दी थी। गुलाम रसूल सरपंच थे और उनकी पत्नी पंच। हत्या की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के हिट स्क्वाड कहे जाने वाले आतंकी संगठन टीआरएफ ने ली थी। कश्मीर के आइजीपी विजय कुमार ने कहा कि दंपती की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।

कुलगाम जिले के रेडवनी इलाके के रहने वाले थे। पति-पत्नी ने वर्ष 2018 में हुए पंचायत चुनाव में हिस्सा लिया था। उसमें गुलाम रसूल सरंपच और जवाहिरा बतौर पंच चुनी गई थीं। दोनों ही भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता थे। गुलाम रसूल को भाजपा ने कुलगाम में किसान मोर्चा का अध्यक्ष बना रखा था। गुलाम रसूल एक सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी भी थे। उन्होंने बीते साल डीडीसी कुलगाम के चुनाव में भी हिस्सा लिया था, लेकिन हार गए थे। बीते कुछ समय से दोनों अनंतनाग में लाल चौक के साथ सटे केपी रोड में अपने एक मकान में रह रहे थे। यह मकान अलगाववादी नेता काजी यासिर की एक संस्था इदारा-ए तहकीकात के कार्यालय के साथ सटा हुआ है। काजी यासिर दक्षिण कश्मीर के मीरवाइज माने जाते हैं। बताया जा रहा है कि पांच अगस्त को अनंतनाग में भाजपा द्वारा आयोजित तिरंगा रैैली में भी गुलाम रसूल शामिल हुए थे।


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