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Jammu : रावण दहन तो नहीं लेकिन श्रद्धा से मनाया जा रहा दशहरा

हालांकि सनानत धर्म नाटक समाज दीवान मंदिर की ओर से तीन दिन राम लीला का मंचन किया गया लेकिन क्योंकि शहर में परेड ग्राउंड मैदान पर दशहरा नहीं होना था। जिसके चलते राम लीला पूरी नहीं करवाई गई।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 15 Oct 2021 11:47 AM (IST)Updated: Fri, 15 Oct 2021 11:47 AM (IST)
Jammu : रावण दहन तो नहीं लेकिन श्रद्धा से मनाया जा रहा दशहरा
हर वर्ष बुराई के प्रतीक रावण, कुंभकरण, मेघनाद के पुतलों का दहन किया जाता है

जम्मू, जागरण संवाददाता : बुराई पर अच्छाई की विजय, पाप पर पुण्य की विजय, उत्याचार पर सदाचार की विजय, क्रोध पर धया, क्षमा की विजय, अत्याचार पर सदाचार की विजय का पर्व विजयदशमी पूरी धार्मिक अास्था और श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है।इसी दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम ने लंकापति रावण का वध किया था।यह पर्व प्रेम, भाईचाराए और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।सुबह से लोग एक दूसरे को विजय दशमी के संदेश भेज रहे हैं।लोग एक दूसरे को प्रभु राम की कृपा की बारिश के संदेश भेज रहे हैं। हालांकि इस वर्ष भी कोरोना के चलते रावण दहन और दूसरे सामाजिक समारोह, मेले आदि तो आयोजित नहीं हो रहे लेकिन बाजारों में त्योहारों की रौनक दिखने लगी है।

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हर वर्ष बुराई के प्रतीक रावण, कुंभकरण, मेघनाद के पुतलों का दहन किया जाता है लेकिन इस वर्ष न तो पिछले वर्षो की तरह राम लीला का मंचन हुआ और न ही कही रावण दहन हो रहा है। हालांकि सनानत धर्म नाटक समाज दीवान मंदिर की ओर से तीन दिन राम लीला का मंचन किया गया लेकिन क्योंकि शहर में परेड ग्राउंड मैदान पर दशहरा नहीं होना था। जिसके चलते राम लीला पूरी नहीं करवाई गई। वहीं सैनिक कालोनी में जरूर राम लीला का मंचन किया गया। लेकिन रावण दहन नहीं किया गया। क्लब के सदस्यों ने जरूर एकत्रित हो दशहरा मनाया।

वहीं विजय दशमी पर बजरंग दल, आरएसएस, श्री अमर क्षत्रीय राजपूत सभा और दूसरे कई संगठनों ने शस्त्र पूजन करने की परंपरा निभाई।बजरंग दल और विश्व हिन्दू परिषद ने पार्टी मुख्यालय अस्त्र शस्त्र पूजा कीऔर इस दिन के महत्व पर प्रकाश डाला। वहीं आरएसएस ने अपना स्थाना दिवस मनाया। हालांकि कहीं भी पथ संचलन का कार्यक्रम नहीं हुआ लेकिन महानगर में 19 स्थानों विशेष कार्यक्रमों का आयोजन कर शाखाएं लगाई गई और अस्त्र शस्त्र पूजा की गई।कार्यक्रम के दौरान भारत मां की जय के जयघोष गूंजते रहे।


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