रामगढ़ में डिग्री कालेज का नींव पत्थर न रखने पर भड़के लोग, किया प्रदर्शन
कस्बे के लोगों ने एक बैनर तले एकत्रित होकर सरकार व प्रशासन के खिलाफ नारे लगाते हुए कस्बे में रोष रैली भी निकाली।
रामगढ़, संवाद सहयोगी। तीन दशक से डिग्री कालेज की मांग कर रहे रामगढ़ वासियों के चेहरों पर मांग पूरी होने पर खुशी नजर नहीं आ रही है। लाेगों में इस बात को लेकर गुस्सा है कि सरकार यह कालेज रामगढ़ में न बनाकर रखराड़ा में बनाने जा रहा है। लोगों का कहना है कि कालेज निर्माण का नींव पत्थर रख-राड़ा में रखा गया। यहां रहने वाले सीमांत लोग अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।
कस्बे के लोगों ने एक बैनर तले एकत्रित होकर सरकार व प्रशासन के खिलाफ नारे लगाते हुए कस्बे में रोष रैली भी निकाली। सामाजिक सदस्य राम सिंह, सोनी कुमार, केवल कुमार, राम कुमार, नारायण दास, विक्की कुमार, किशोर कुमार, नीतन, अश्वनी अन्य ने कहा कि दशकों से जिस डिग्री कालेज को रामगढ़ में बनाने की लोग मांग कर रहे थे, उसके पूरा होने से सरकार व प्रशासनिक भेदभाव की नीतियों का पर्दाफाश हुआ। समूचे सीमांत क्षेत्र का केंद्र स्थल कस्बा रामगढ़ माना जाता है। सीमांत गांव नंदपुर, दग, नंगा, कंदराल, रंगूर, केसो, कौलपुर, स्वांखा, राडियां, चक-सलारियां आदि गांवों के बच्चे हायर स्केंडरी शिक्षा के लिए रामगढ़ पहुंचते हैं।
उन्हीं बच्चों को उच्च श्रेणियों की शिक्षा के लाभ हेतू दशकाें से रामगढ़ में डिग्री कालेज सुविधा को उपलब्ध करवाने की मांग जारी थी। लेकिन बीते शनिवार को सरकारी आदेशों का पालन करते हुए जिले में बनाए जाने वाले नए डिग्री कालेजों के नींव पत्थर रखने की प्रक्रिया आरंभ हुई। इस प्रक्रिया के तहत रामगढ़ कस्बे में बनने वाले डिग्री कालेज को मीलों दूर रख-राडा में स्थापित करने की कार्रवाई को अंजाम दिया गया।
लोगों ने कहा कि रख-राड़ा भले ही सीमांत क्षेत्र रामगढ़ का हिस्सा है, लेकिन जहां पर डिग्री कालेज बनाकर उन विद्यार्थियों की दिक्कतें दूर नहीं होंगी जो दशकों से उनको जूझनी पड़ रही हैं। प्रदर्शनकारी लोगों ने कहा कि सरकार व प्रशासन अपने इस लिए गए फैसले में बदलाव करे और रामगढ़ कस्बे में इस सुविधा को उपलब्घ करवाने की अगली कार्रवाई करे। अगर ऐसा नहीं हुआ तो रामगढ़ डिग्री कालेज का मुद्दा गंभीर रूप लेगा, जिसके परिणाम भविष्य ही तय करेगा।
डिग्री कालेज मुद्दे पर गरमाने लगी राजनीति
डिग्री कालेज रामगढ़ को लेकर भले ही सरकार व प्रशासन ने अपनी नैतिक जिम्मेवारियों को निष्ठा से निभाकर लोगों की लंबित मांग को पूरा किया। लेकिन इसके विपरित हर तरफ राजनीति का दौर पूरी तरह से गरमाने लगा है और डिग्री कालेज रामगढ़ को एक मुद्दा बनाकर पेश किया जा रहा है। विभिन्न राजनितिक एवं सामाजिक संगठनों द्वारा अपने पक्ष मजबूती और जनता का समर्थन हासिल करने की अपनी कवायद तेज कर दी हैं। कहीं पर विरोध प्रदर्शनों की योजनाएं बन रही हैं, तो कहीं पर कानून के दायरे में रहकर डिग्री कालेज रामगढ़ का मुद्दा उठाने के प्रयास हो रहे हैं।
हर तरफ तेज हो रही इन गतिविधियों का सीमांत क्षेत्र के विकास और खुशहाली पर क्या असर पड़ेगा, इसका शायद किसी को अंदाजा होगा। लेकिन जो डिग्री कालेज रामगढ़ का मुद्दा बनने जा रहा है, उससे सरकारी और प्रशासनिक कार्रवाईयों पर भी कहीं न कहीं बुरा असर पड़ेगा।