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रेमन मैग्सेसे और रोलेक्स अवार्ड से सम्मानित वांगचुक बोले, जिंदगी सरल बनाएं, पर्यावरण से न खेलें

रेमन मैग्सेसे और रोलेक्स अवार्ड से सम्मानित सामाजिक कार्यकर्ता और शिक्षाविद सोनम वांगचुक ने शुक्रवार को जम्मू में विकास के नाम पर पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाने का संदेश दिया

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 02 Nov 2019 11:06 AM (IST)Updated: Sat, 02 Nov 2019 11:06 AM (IST)
रेमन मैग्सेसे और रोलेक्स अवार्ड से सम्मानित वांगचुक बोले, जिंदगी सरल बनाएं, पर्यावरण से न खेलें
रेमन मैग्सेसे और रोलेक्स अवार्ड से सम्मानित वांगचुक बोले, जिंदगी सरल बनाएं, पर्यावरण से न खेलें

जम्मू , राज्य ब्यूरो । जिंदगी को सरल बनाने के लिए पर्यावरण से खेल न खेलें। पर्यावरण संरक्षण के साथ संतुलित विकास भी जरूरी है। न सिर्फ पैसा कमाना उद्देश्य हो। ऐसा उद्यम विकास किसी काम का नहीं जो हमारी पृथ्वी को नुकसान पहुंचाए।

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रेमन मैग्सेसे और रोलेक्स अवार्ड से सम्मानित सामाजिक कार्यकर्ता और शिक्षाविद सोनम वांगचुक ने शुक्रवार को जम्मू में विकास के नाम पर पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाने का संदेश दिया। ये वही सोनम वांगचुक हैं जिन पर आमिर खान की मशहूर फिल्म थ्री इडियट्स बनी थी।

धन कमाना नहीं होना चाहिए स्टार्टअप और उद्यमी विकास का उद्देश्य

वह मानते हैं कि उद्यमी विकास और स्टार्टअप का मकसद अधिक धन कमाना नहीं होना चाहिए। इसका उद्देश्य लोगों की समस्याओं का समाधान हो ताकि लोगों की जिंदगी को अधिक सरल बनाया जा सके। लोगों के साथ हमदर्दी रखकर समाज की समस्याओं को हल करना चाहिए। जम्मू विश्वविद्यालय के जनरल जोरावर सिंह ऑडिटोरियम में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के राष्ट्रीय उच्चत्तर शिक्षा अभियान द्वितीय के तहत यूनिवर्सिटी बिजनेस इन्क्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर की तरफ से आयोजित इनोवेशन रोडमैप कार्यक्रम में वांगचुक ने कहा कि अधिक धन कमाने की कोई सीमा नहीं है। स्टार्टअप से हम छोटा बिजनेस शुरू कर सकते है। सामाजिक उद्यमी विकास पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि लोग सम्मान से जीवन व्यतीत कर सकें।

फेल कोई नहीं, फेल हमारा सिस्टम है

सोनम वांगचुक ने कहा कि खराब सिस्टम के लिए विद्यार्थियों को दोष नहीं दिया जा सकता। मैंने इंजीनियरिंग की डिग्री की, इंजीनियर की नौकरी कर सकता था, लेकिन समाज के उत्थान के लिए काम शुरू किया। उन्होंने लद्दाख में स्कूलों के परिणाम बेहद खराब रहने पर किए कार्यों का उल्लेख किया। वांगुचक ने शिक्षा के ढांचे को मजबूत करने का बीड़ा उठाया। इसके साथ लद्दाख में ही रहकर समाज सेवा करने का मन बनाया। लद्दाख में दसवीं कक्षा का परिणाम साल 1996 में पांच प्रतिशत था जो साल 2015 तक 75 फीसद पहुंच गया। मैं मानता हूं कि कोई भी फेल नहीं है। हमें बच्चों को दोषी नहीं ठहरा कर पढ़ाई के सिस्टम को बदलना चाहिए। जो विद्यार्थी फेल हुए उनके लिए वैकल्पिक स्कूल खोला गया। पढ़ाई का तरीका ऐसा अपनाया गया कि विद्यार्थियों को स्कूल की कमान सौंपी गई। सारे फैसले स्वतंत्र रूप से बच्चों को ही करने थे ताकि पढ़ाई करने के साथ सीखा जाए। लद्दाख में उद्यमी विकास को बढ़ावा मिला है। वांगचुक ने कुछ उदाहरण पेश करते हुए कहा कि लद्दाखी टूर एंड ट्रेवल कंपनी समेत कुछ छोटे छोटे उद्योग स्थापित हुए हैं। हम पृथ्वी, सूर्य, बर्फ, आग, जल जैसी कुदरती चीजों से भी खोज को बढ़ावा दे सकते हैं।

जम्मू विवि भी उद्यमी विकास को बढ़ावा दे रहा : वीसी

वीसी प्रो. मनोज धर ने कहा कि जम्मू विश्वविद्यालय उद्यमी विकास को बढ़ावा दे रहा है। हमें ऐसे युवाओं को तैयार करना चाहिए जो रोजगार पैदा करने वाले बनें। दस-पंद्रह युवाओं को रोजागर दें। इससे पहले इनोवेशन सेंटर के डायरेक्टर प्रो. परीक्षित सिंह मन्हास ने कहा कि जम्मू विश्वविद्यालय बिजनेस इन्क्यूबेशन सेंटर कार्यक्रम आयोजित कर युवाओं को उद्यमी विकास के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। कार्यक्रम में वीसी ने वांगचुक को सम्मानित भी किया। इस मौके पर अकादमिक मामलों के डीन प्रो. केशव शर्मा, रूसा के कोआर्डिनेटर प्रो. नरेश पाधा, डीन रिसर्च प्रो. रजनी ढींगरा मौजूद थे।


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