सीएए और एनपीआर की आड़ में सांप्रदायिक ताकतें देश में अशांति फैलाने का प्रयास कर रही: राममाधव
राममाधव ने कहा कि साल 2019 एक अहम वर्ष रहा है जिसमें केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को लेकर ऐतिहासिक फैसले किए।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव राममाधव ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के मुद्दे पर राजनीतिक पार्टियां लोगों को गुमराह कर रही हैं। वहीं कुछ सांप्रदायिक ताकतें दंगे करवाने की साजिश रच रही हैं। जम्मू-कश्मीर के दो दिवसीय दौरे पर कश्मीर के बाद जम्मू पहुंचे राममाधव ने भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि नागरिकता संशोधन कानून और एनपीआर के मसले पर झूठा प्रचार किया जा रहा है। सांप्रदायिक ताकतें अशांति फैलाने के प्रयास में लगी हुई हैं। हम विपक्ष के देश में बवाल मचाने के प्रयासों की कड़ी निंदा करते हैं।
नागरिकता संशोधन कानून के जरिए अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का दरवाजा खोला गया है। गायक अदनान सामी का जिक्र करते हुए राममाधव ने कहा कि पाकिस्तान के रहने वाले सामी को भारत की नागरिकता दी गई है। नागरिकता के लिए कुछ मापदंड होते हैं, जिन्हे अपनाया जाता है। बिना वजह विवाद पैदा करके हिंसा फैलाना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि एनपीआर को यूपीए सरकार ने 2010 में लागू किया था और अब इसका विरोध कर रही है। एक प्रश्न के जवाब में राममाधव ने कहा कि भाजपा की मांग है कि जम्मू-कश्मीर में माहौल ठीक होने के बाद जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल किया जाए। अन्य प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि परिसीमन आयोग गठित करने का फैसला गृह मंत्रालय ने करना होता है। उम्मीद है कि अगले वर्ष परिसीमन आयोग का गठन हो जाएगा।
राममाधव ने कहा कि साल 2019 एक अहम वर्ष रहा है जिसमें केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को लेकर ऐतिहासिक फैसले किए। कश्मीर के लोग विशेषकर युवा वर्ग भविष्य की तरफ देख रहे हैं और जम्मू-कश्मीर में सुशासन सबकी अपेक्षा है। मुझे कश्मीर में रियल कश्मीर फुटबाल क्लब का मैच देखने का अवसर मिला। रियल कश्मीर फुटबाल क्लब का मैं भी प्रशंसक हूं। यह क्लब दो-तीन साल में उभरा है। रियल कश्मीर क्लब के जीतने पर मुझे खुशी हुई। मैच के लिए शुभकामनाएं देता हूं।
राममाधव ने कहा कि ऐतिहासिक फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर में विशेषकर कश्मीर में पूरी तरह से शांति रही। पिछले पांच महीनों के दौरान किसी नागरिक की मौत नहीं हुई जबकि इससे पहले वर्षों में हर साल 20-25 नागरिकों की मौत हो जाती थी। छोटे मामलों को लेकर भी पथराव होता था और अब तो वे इलाके भी शांत रहे हैं, जिसमें अकसर पथराव हुआ करता था। इसके लिए मैं कश्मीर की जनता, प्रशासन और पुलिस का धन्यवाद करता हूं। दसवीं और बारहवीं की परीक्षाएं सुचारू रूप से संपन्न हो गई जबकि परीक्षाओं को स्थगित करने का दबाव भी था परंतु प्रशासन ने विद्यार्थियों के भविष्य को देखते हुए समय पर परीक्षाएं कराई ताकि समय अकादमिक सत्र बर्बाद न हो। परीक्षाओं में 99 प्रतिशत से अधिक हाजरी रही।
कश्मीर के लोग केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को आगे ले जाने के लिए आगे आ रहे हैं। सरकार सभी मुद्दों का समाधान करने के लिए काम कर रही है।