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डीसी को राजोरी थाने के बाहर सड़क पर डेढ़ घंटे तक इंतजार कराने वाली पुलिस की अजीबोगरीब सफाई

सवाल उठता है कि जिला मजिस्ट्रेट को भी थाने पर आने के लिए पहले पुलिस प्रशासन से इजाजत लेनी पड़ती है? फिर कहा गया कि एएसपी ने डीसी को थाने के गेट के बाहर से रिसीव किया और डीसी ने पुलिस कर्मियों के कायदे की प्रशंसा की।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Published: Mon, 29 Nov 2021 04:13 PM (IST)Updated: Mon, 29 Nov 2021 04:13 PM (IST)
डीसी को राजोरी थाने के बाहर सड़क पर डेढ़ घंटे तक इंतजार कराने वाली पुलिस की अजीबोगरीब सफाई
सफाई हालांकि किसी के गले तो नहीं उतर रही है, लेकिन प्रशासन की ओर से कुछ स्पष्ट कहा नहीं गया।

राजौरी, जागरण संवाददाता : जिले के सबसे बड़े प्रशासनिक अधिकारी डीसी सहित एडीसी और एसिस्टेंट कमिश्नर रेवेन्यू को सर्द शाम में डेढ़ घंटे थाने के बाहर सड़क पर इंतजार करवाने वाली राजौरी पुलिस की अजीबोगरीब सफाई सामने आई। यह सफाई हालांकि किसी के गले तो नहीं उतर रही है, लेकिन प्रशासन की ओर से कुछ स्पष्ट कहा नहीं गया। बहरहाल अभी भी राजौरी जिला पुलिस और जिला प्रशासन के बीच संबंध और सामंजस्य पर सवाल उठ रहे हैं। क्योंकि पुलिस की ओर से कहा गया कि उन्हें सूचना देर से मिली।

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डेढ़ घंटे तक डीसी राजेश कुमार शवन और दो और प्रशासनिक अधिकारियों को राजौरी थाने का गेट खुलवाने के लिए किए जा रहे जद्दोजहद को सबने देखा। इसके बावजूद पुलिस ने रातोंरात जो सफाई दी, वह हास्यास्पद है। पुलिस विभाग ने कहा कि डीसी के थाने पहुंचने की सूचना ही नहीं थी, इस कारण गेट नहीं खोला गया। इस पर सवाल उठता है कि जिला मजिस्ट्रेट को भी थाने पर आने के लिए पहले पुलिस प्रशासन से इजाजत लेनी पड़ती है? फिर कहा गया कि एएसपी ने डीसी को थाने के गेट के बाहर से रिसीव किया और डीसी ने पुलिस कर्मियों के कायदे की प्रशंसा की। जबकि मीडिया के सामने डीसी ने अपनी गाड़ी को सिर्फ थाने परिसर में घुसाया और चलते बने। उन्होंने जमीन पर पांव तक नहीं रखा।

पुलिस की ओर से कहा गया कि डीसी मानव तस्करी विरोधी इकाई में कामकाज व सुविधाओं की समीक्षा करने थाने पहुंचे थे। लेकिन यह सवाल अभी भी है कि आम दिनों में दिनभर खुले रहने वाले थाने के गेट को शनिवार की शाम को बंद क्यों कर दिया गया। क्या थाने में पुलिसकर्मी थे या कुछ और ही माजरा था। पुलिस प्रशास ने डीसी और अन्य प्रशासनिकक अधिकारियों के काफिले को ठंड में क्यों छकाया? डेढ़ घटे इंतजार करने के बाद क्या कोई जिला मजिस्ट्रेट किसी की प्रशंसा कर सकता है? कोई कार्रवाई तक नहीं की? इस घटना पर अभी तक डीसी की ओर से कोई बयान जारी नहीं किया गया है।

एएसपी ने क्या दी सफाई : एएसपी राजौरी विवेक शेखर शर्मा ने आधिकारिक बयान में कहा कि डीसी मानव तस्करी विरोधी इकाई में कामकाज और सुविधाओं की समीक्षा करने पुलिस स्टेशन का दौरा करने और पुलिस कर्मियों का हालचाल जानना चाहते थे। थाने पर गेट अंदर से बंद मिला। चूंकि जिले की एसएसपी छुट्टी पर हैं और डीआइजी स्टेशन से बाहर थे, इसलिए उन्होंने फोन पर उन्हें जानकारी दी। चूंकि वह फील्ड में थे, इसलिए पहुंचने में लगभग 20 से 25 मिनट लग गए और डीसी को इंतजार करना पड़ा। इसके बाद अधिकारियों ने थाने का दौरा किया।

डीसी के साथ दो एडीसी भी थे। डीसी ने एडीसी और मुझे परिसर का चक्कर लगाने और जवानों के कल्याण के लिए हर संभव कदम उठाने के निर्देश दिए। थाने में कुछ मरम्मत करने को भी कहा। डीसी ने अतीत में आतंकवाद विरोधी अभियानों में पुलिस की भूमिका और हाल ही में घुसपैठ करने वाले समूह को ट्रैक करने के उनके निरंतर प्रयासों की भी सराहना की।


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