जम्मू-कश्मीर: राजन शर्मा को म्यूनिसिपल कमेटी बिश्नाह के प्रधान पद से हटाया, पद का दुरुपयोग करने के आरोप
म्यूनिसिपल कमेटी बिश्नाह के प्रधान पद से हटाए जाने पर आवास एवं शहरी विकास विभाग के प्रमुख सचिव ने कहा कि इस मामले की जांच के लिए जांच कमेटी बनाई गई जिसके समक्ष राजन शर्मा 13 सितंबर 2019 और 18 सितंबर 2019 को पेश हुए।
जम्मू, जागरण संवाददाता। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने म्यूनिसिपल कमेटी बिश्नाह के प्रधान पद से राजन शर्मा को हटाने के आदेश जारी किए हैं। उपराज्यपाल के आदेश पर आवास एवं शहरी विकास विभाग के प्रमुख सचिव धीरज गुप्ता ने आदेश जारी कर राजन शर्मा को कमेटी के प्रधान पट से हटाने के निर्देश जारी कर दिए हैं।
आदेश में प्रमुख सचिव ने भी स्पष्ट किया है कि राजन शर्मा ने अपने पद का दुरुपयोग किया है और उन्हें तत्काल प्रभाव से म्यूनिसिपल कमेटी बिश्नाह के पद से हटाया जाता है। राजन शर्मा पर आरोप है कि वर्ष 2019 में उन्होंने बिना संबंधित लोक निर्माण विभाग को सूचित किए बैगर कार्य करवाए और उस कार्य का भुगतान भी जारी कर दिया जबकि राजन शर्मा उसका अधिकार नहीं रखते थे। इतना ही उस कार्य की इंजीनियर विंग व संबंधित अथारिटी से जांच भी नहीं करवाई गई जिससे उनकी मंशा पर सवाल उठते थे।इस कार्य को सन्नी शर्मा निवासी वार्ड नंबर दो, बिश्नाह ने करवाने का दावा किया था और कार्य का भुगतान न होने पर सन्नी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा उसका भुगतान करने की अपील की थी। याचिकाकर्ता का कहना था कि उसने 3,73,100 रुपये के इस कार्य को करवाया जबकि मामले की जांच में सामने आया कि इस कार्य को राजन शर्मा ने मौखिक आदेश जारी कर करवाया था जिसका वह अधिकार नहीं रखते थे।
वहीं याचिकाकर्ता ने जो बिल पेश किए थे, जब उनकी जांच की गई तो वह म्यूनिसिपल कमेटी बिश्नाह के रिकार्ड भी ही नहीं थे। जांच में यह भी सामने आया कि राजन शर्मा ने प्रधान पद पर रहते हुए विभिन्न निर्माण आदेश बिना किसी अधिकार व अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर निकल जारी किए जबकि म्यूनिसिपल कमेटी में न तो उनका रिकार्ड है और न ही कमेटी उनमें भागेदार रही। वहीं याचिकाकर्ता की ओर से जो बिल जारी किए गए, उनकी तारीखें भी काटी गई थी। इसके अलावा उस कार्य के लिए श्रमिकों की मजदूरी व निर्माण सामग्री के बिल भी समय समय पर जारी किए गए थे।
सरकार ने लगाए राजन शर्मा पर आरोप
म्यूनिसिपल कमेटी बिश्नाह के प्रधान पद से हटाए जाने पर आवास एवं शहरी विकास विभाग के प्रमुख सचिव ने कहा कि इस मामले की जांच के लिए जांच कमेटी बनाई गई जिसके समक्ष राजन शर्मा 13 सितंबर, 2019 और 18 सितंबर, 2019 को पेश हुए। राजन ने अपने बयान भी लिखित में दिए जिसे रिकार्ड में शामिल कर लिया गया। जांच अधिकारी ने भी आरोप लगाया कि राजन शर्मा ने जो व्यवहार किया वह किसी जनप्रतिनिधि को शोभा नहीं देता और उन्होने अपने पद का दुरुपयोग किया है। जांच कमेटी ने उन्हें म्यूनिसिपल कमेटी एक्ट का दोषी पाया और उन्हें उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर निकल कमेटी नियमों की अवेहलना की है जिस कारण उन्हें बिश्नाह म्यूनिसिपल कमेटी के प्रधान पद से हटाया जाता है।
म्यूनिसिपल कमेटी बिश्नाह के प्रधान पद से हटाए गए राजन शर्मा का कहना है कि जिस गली के निर्माण कार्य को लेकर उन पर आरोप लग रहे हैं, उस गली का निर्माण कार्य बुहत अच्छी तरह से हुआ है। उसका भुगतान करना नगर पालिका प्रधान का कार्य नहीं है, वह निदेशक लोकल बॉडी का काम है।