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Jammu Kashmir : कालिका कॉलोनी में फिर आफत बनी बारिश, चार मकान ढहे

एक बार फिर शहर की कालिका कालोनी में बरसात की बारिश आफत बनकर आई। पहले से क्षतिग्रस्त ग्यारह मकानों में से चार मकान ढह गए जबकि गुरु रवि दास मंदिर परिसर की जमीन का काफी हिस्सा बह गया। गोरखा नगर में कुछ मकानों की नींवों तक पानी पहुंच गया।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Mon, 19 Jul 2021 07:47 PM (IST)Updated: Mon, 19 Jul 2021 07:47 PM (IST)
Jammu Kashmir : कालिका कॉलोनी में फिर आफत बनी बारिश, चार मकान ढहे
रविवार रात को हुई बारिश से नाले में आई बाढ़ में बही गुरु रवि दास मंदिर कालिका कालोनी की जमीन।

जम्मू, जागरण संवाददाता : एक बार फिर शहर की कालिका कालोनी में बरसात की बारिश आफत बनकर आई। पहले से क्षतिग्रस्त ग्यारह मकानों में से चार मकान ढह गए जबकि गुरु रवि दास मंदिर परिसर की जमीन का काफी हिस्सा बह गया। इसके अलावा साथ लगते गोरखा नगर में कुछ मकानों की नींवों तक पानी पहुंच गया।

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यह वही स्थान है जहां पिछले सोमवार को नाले में आई बाढ़ के कारण दस मकान क्षतिग्रस्त हो गए थे। रविवार रात को करीब 12 बजे फिर नाले में पानी आया और पहले से क्षतिग्रस्त मकानों तक पहुंच गया। इससे मिश्री लाल के मकान के दो कमरे, बाॅथरूम व पूजा रूम ढह गया। शाम लाल के दो कमरे ढह गए। वही राज देवी पत्नी स्वर्गीय मदन लाल का एक कमरा भी धराशायी हो गया। इसके अलावा विनोद कुमार का भी एक कमरा पानी की भेंट चढ़ गया। यह परिवार पहले ही मकान के काफी हिस्से क्षतिग्रस्त होने के कारण दरबदर हो गए थे। इन्हें बोरिया स्थित रैन बेसरा में ठहराया गया था। इन चारों ही परिवारों को रविवार की रात को फिर नुकसान झेलना पड़ गया और परिवारों की छत छिन गई।

राज देवी ने कहा कि हम सभी पर कुदरत का कहर टूट पड़ा है। परिवर दरबदर हो गए हैं। रहने का ठिकाना नहीं रहा। वहीं कॉरपोरेटर शाम लाल बस्सन का कहना है कि प्रभावितों को रैन बसेरा में ठहराने की व्यवस्था की गई है। पहले ही आठ प्रभावित रैन बसेरा में गुजारा कर रहे हैं। नाले का निर्माण बहुत जरूरी है। गरीब लोग हैं। बेचरों के आशियाने लुट गए हैं। मेयर समेत अन्य अधिकारी इन गरीबों के लिए कुछ करें। उन्होंने कहा कि डिप्टी मेयर ने पहले खाने-पीने का सामान दिया था। इन प्रभावितों के लिए भी इंतजाम कर रहे हैं। जहां नाला कच्चा रहा है, वहीं नुकसान हुआ है। इसे जल्द पक्का करने की जरूरत है। हम कह-कहकर थक गए हैं। सरकार को गरीबों की भी परवाह करनी चाहिए। वहीं शहर के मुट्ठी, दोमाना, जानीपुर, सिद्धड़ा व चौआदी क्षेत्र में भी बारिश के चलते कुछ स्थानों पर पेड़ व बिजली के खम्भे गिरे हैं। जिन्हें सोमवार शाम तक हटा लिया गया।

नाला कच्चा होने के कारण हुआ नुकसान

कालिका कालोनी में जिस जगह मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। यहां कच्चा नाला है। इससे पीछे नाले का निर्माण किया जा चुका है। ढलान में होने तथा पक्का नाला होने के कारण पानी का बहाव बहुत

तेज होता है। कच्चे क्षेत्र में पहुंचते ही यह पानी आसपास नुकसान पहुंचाने लगता है। पिछली बार से ही इन घरों की नींवें बह गई थीं। रही-सही कसर रविवार रात को हुई बारिश से पूरी हो गई। इतना ही नहीं कालिका कालोनी से नीचे गोरख नगर में भी योग राज, अरुण कुमार, धीरज कुमार के नाले के किनारे बने घरों की नींव पानी लगने से बहना शुरू हो गई है। इससे ये लोग भी काफी खतरे में हैं।

दोपहर बाद शुरू किया राहत कार्य

कालिका कालोनी में दोपहर बाद नाले के किनारों को ठीक करने के लिए अरबन इंवायरंमेंट इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट (यूइइडी) की ओर से मरम्मत कार्य शुरू करवाया गया। इससे पहले मेयर चंद्र मोहन गुप्ता इन अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचे और उन्होंने स्थिति का जायजा लेते हुए मौके पर ही अधिकारियों को राहत कार्य शुरू करने के निर्देश दिए ताकि दोबारा बारिश की सूरत में लोगों को और नुकसान न झेलना पड़े। इसके साथ ही यूइइडी के सुपरिेंटेंडिंग इंजीनियर राकेश गुप्ता ने टीम के साथ काम शुरू करवा दिया। यहां रेत के बैग लगाने के साथ जेसीबी मशीन लगाकर गुरु रवि दास मंदिर की जमीन के किनारों को बचाने के प्रयास भी शुरू किए गए। 


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