Jammu Kashmir: निजीकरण के विरोध में रेल कर्मियों ने भरी हुंकार, सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया
नॉर्दर्न रेलवे मेंस यूनियन के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे रेल कर्मियों ने केन्द्र सरकार के विरुद्ध जम कर नारेबाजी की। उन्होंने कहा कि सरकार ने राष्ट्रीय मुद्रीकरण योजना (एनएमपी) के तहत 400 रेलवे स्टेशनों 90 पैसेंजर ट्रेनों रेलवे की जमीन कालोनियों को निजी हाथों में सौंपा जा रहा है।
जम्मू, जागरण संवाददाता । रेलवे में निजीकरण के विरोध में रेल कर्मियों ने सरकार के विरुद्ध रोष व्यक्त करते हुए प्रदर्शन किया। रेल कर्मियों ने चेतावनी दी कि यदि रेलवे में निजीकरण को रोका नहीं गया तो वे रेल के चक्कर रोकने को मजबूर हो जाएंगे।
नॉर्दर्न रेलवे मेंस यूनियन के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे रेल कर्मियों ने केन्द्र सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की। उन्होंने कहा कि सरकार ने राष्ट्रीय मुद्रीकरण योजना (एनएमपी) के तहत 400 रेलवे स्टेशनों, 90 पैसेंजर ट्रेनों, 1400 किलोमीटर की ट्रैक, रेलवे स्टेडियम, रेलवे की जमीन, कालोनियों को निजी हाथों में सौंपा जा रहा है।
यूनियन के नेताओं ने कहा कि सरकार की राष्ट्रीय मुद्रीकरण योजना का एकमात्र उद्देश्य देश की संपत्ति को बेचना है। सार्वजनिक क्षेत्र को स्थापित करने में वर्षों की मेहनत और आम जनता का पैसा लगता है। काफी मेहनत के बाद जब यह क्षेत्र लाभप्रद स्थिति में है तो इसे निजी व्यवसायियों को सौंपा जा रहा है। सरकार ने कभी भी यह स्पrailष्ट नहीं किया कि जब सारी संपत्तियां बेच दी जाएगी तो भविष्य में खजाने में पैसा कहां से आएगा। निजीकरण का दूसरा पहलू यह है कि निजी कंपनियों का मुख्य उद्देश्य पैसा कमाना। यह कंपनियां रेलवे को भी इस नजर से देखेंगे आम जनता को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि निजीकरण के बाद गरीब मध्यमवर्गीय लोगों के लिए रेलवे का यह माध्यम दुर्लभ हो जाएगा। उपयोग में कम आने वाले मार्गों को निजी कंपनियां सबसे पहले बंद करेंगी, क्योंकि इन क्षेत्रों से उन्हें राजस्व की अधिक प्राrailप्ति नहीं होगी। रेलवे को निजी हाथों को सौंपने का प्रयास इंग्लैंड जैसे देशों में भी हो चुका है, लेकिन अब वहां की सरकार इस क्षेत्र को वापस सरकारी हाथों में लेने की सोच रही है। इस मौके पर यूनियन के उपाध्यक्ष रामपाल, उपाध्यक्ष रवि कुमार, रंजीत पासवान, मंडल युवा संयोजक प्रकाश चंद्र, जे पी सिंह ने रेल कर्मियों को संबोधित किया।