Move to Jagran APP

Pulwama Terror Attack: आतंकी जान बचाते फिर रहे और अलगाववादी मांग रहे गुनाहों की माफी, पुलवामा के दो साल में यूं बदल गया देश

Pulwama Terror Attack पूरे देश में इस हमले से पैदा हुए जनाक्रोष ने सरकार को भी हिला दिया। फिर जो हुआ उसने जम्मू-कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच सुरक्षा परिदृश्य राजनीतिक व आर्थिक समीकरणों को पूरी तरह बदलकर रख दिया।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 13 Feb 2021 03:49 PM (IST)Updated: Sun, 14 Feb 2021 03:00 AM (IST)
पाकिस्तान के बालाकोट में जैश के एक बड़े शिविर को भारतीय युद्धक विमानों ने तबाह कर दिया।

नवीन नवाज, श्रीनगर: कश्मीर का सबसे बड़ा आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन लगभग निष्क्रिय है, लश्कर का कोई कमांडर नजर नहीं आ रहा, जैश-ए-मोहम्‍मद काे अपना अस्तित्‍व बचाने के लिए चेहरा छिपाना पड़ रहा है। आतंकी कमांडर अपनी जान बचाने के लिए अब कश्मीर से बाहर सुरक्षित ठिकाने तलाश रहे हैं। अलगाववाद के नारे लगाने वाले अपने गुनाहों की माफी मांग रहे हैं।

loksabha election banner

इसी अलगाववादी विचारधारा का पोषक अनुच्छेद 370 अब अतीत की बात हो चुका है। बीते तीन दशक में दुनिया ने भारत को आतंकवाद के खिलाफ यूं संकल्‍पबद्ध नहीं देखा। देश पुलवामा के शहीदों की कुर्बानी के दो साल पर उन्‍हें नमन कर रहा है और पूरी दुनिया हर दिन एक सशक्‍त भारत का उभरता नया रूप देख रही है। वादी में निकलती तिरंगा यात्राएं नए कश्‍मीर के उदय का साफ संकेत दे रही हैं।

पुलवामा में 14 फरवरी 2019 को पाकिस्‍तान पोषित आतंकियों के कायरतापूर्ण हमले में देश ने 40 जांबाज जवान खो दिए। जैश ए मोहम्मद के एक स्थानीय आतंकी आदिल डार ने विस्फोटकों से लदी कार  के साथ सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमला किया था।

इस हमले के बाद देश में देशभर में उठे आक्रोश और जनसमर्थन के बूते केंद्र ने आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक जंग छेड़ दी और सामाजिक और सुरक्षा परिदृश्‍य ही बदल दिया। पहली बार भारत ने पाकिस्‍तान में घुसकर जैश के अड्डों को तबाह किया और दुनिया के सामने एक सशक्‍त भारत का उदय हो गया। उड़ी सर्जिकल स्ट्राइक से आगे बढ़ते हुए भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तानी सेना के सेफ हाउस में बैठे जैश कमांडरों और आतंकियों को एयरस्‍ट्राइक कर वहीं दफन कर दिया।

1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद पहली बार भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी 2019 को किसी देश के भीतर जाकर हमला किया। जैश सरगना अजहर मसूद के करीबी सहित करीब 350 आतंकी मारे गए। उसके बाद पाकिस्‍तान ने दुस्‍साहस किया और पूरी दुनिया ने विंग कमांडर अभिंनदन का जोश भी देखा। भारत की तैयारियां देख इमरान खान को आनन-फानन में उसे लौटाना पड़ा। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और पाकिस्तानी सेना के जनरल बाजवा को कांपते हुए दुनिया ने देखा और वह अपनी छवि बचाने के लिए  एक सुरक्षित और सम्मानजनक रास्ता चाहते हैं।

भारत की आत्मा और अस्मिता को पुलवामा में सीआरपीएफ के 40 जवानों की शहादत ने नया आधार दिया है। पुलवामा धमाके की गूंज हिंदुस्तान में बेशक अब शांत हो चकी है, लेकिन यह यह पाकिस्तान समेत पूरी दुनिया में आज भी भारत की आतकवाद के खिलाफ निर्णायक जंग की कहानियां सुना रही है।

अलग-अलग मोर्चोें पर लड़ी सीधी जंग

इसके बाद सुरक्षाबलों ने आतंकियों को उनके बिल से निकाल उनके सफाए की मुहिम छेड़ दी और सरकार ने भी आतंकियों और अलगाववादियों के वित्‍त पोषण के तमाम सुराख एक-एक कर बंद करना आरंभ कर दिया। इसका खामियाजा पाकिस्‍तान को भी भुगतना पड़ रहा है। भारत सरकार ने पाकिस्तान पर दबाब बनाते हुए भारत में पाकस्तानी वस्तुओं पर आयातशुल्क काे 200 प्रतिशत तक बढ़ा दिया।

जम्मू कश्मीर और गुलाम कश्मीर के बीच होने वाले क्रास एलओसी ट्रेड को बंद कर दिया गया। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान और उसकी साजिशों के खिलाफ सुनियोजित और प्रभावी अभियान चलाते हुए आतंकवाद में उसकी भूमिका से जुड़े अकाट्य साक्ष्य भी सामने लाए गए। यही वजह है पाकिस्‍तान दुनिया में बेनकाब हो चुका है और उसकी अर्थव्‍यवस्‍था भरभरा रही है। मजबूरी में पाकिस्‍तान को आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई का दिखावा करना पड़ रहा है।

कुछ माह में ढेर कर दिए गए थे जैश के सभी कमांडर

पुलवामा के बाद सुरक्षाबलों द्वारा छेड़ी गई निर्णायक लड़ाई के कारण अब तक करीब 400 आतंकी मारे जा चुके हैं। जैश के बड़े आतंकी कमांडरों का अगस्‍त 2019 तक सफाया कर दिया गया। एक जमाने में वीडियो डालकर धमकियां देने वाले कमांडर या तो मारे गए हैं या फिर छिपे हैं। आज यह कोई नहीं जानता कि हिजबुल मुजाहिदीन का आपरेशनल कमांडर कौन है। जैश पुलवामा के बाद काेई वारदात करने का साहस नहीं जुटा पाया। उसका ऑपरेशनल कमांडर कमान मांद से बाहर नहीं निकल पा रहा है। अब चेहरे बदलकर कुछ नए संगठनों के नाम पर आतंक को जिंदा रखने की कोशिशें उनके आका कर रहे हैं।

आतंक के जड़ पर प्रहार

कश्‍मीर मामलों से जुड़े विशेषज्ञों के अनुसार आतंकवाद के पूरे सफाए के लिए अलग-अलग मोर्चे फतह करने में हमारे सुरक्षाबल और केंद्रीय एजेंसियां जुटीं है। इन चार बिंदुओं पर लड़ाई जीतकर आतंकवाद को पूरी तरह दफन करने की पूरी तैयारी कर ली गई है।

1: आतंकियों के मददगार - ओवरग्राउंड वर्कर पर शिकंजा

एक तरह से स्‍लीपर सेल के तौर पर सक्रिय यह मददगार आतंकियों को धन, आश्रय और कैडर मुहैया करवाने में मदद करते हैं। यह इस्‍लाम के नाम पर युवाओं को बरगलाकर उन्‍हें आतंक की राह पर धकेल देते हैं। यही वजह है कि जांच एजेंसियां अब बीमारी के सफाए की मुहिम में जुटी हैं। वर्ष 2019 के बाद से अब तक करीब सात सौ ओवरग्राउंड वर्करों का अलग-अलग समय पर पकड़ा गया है और इनमें से कई इस समय जेल में हैं।

2: नारको टेरर पर प्रहार

नशे की तस्‍करी आतंकियों के वित्‍त पोषण का प्रमुख आधार है। यही वजह है सुरक्षाबलों ने नशे के गोरखधंधे पर शिकंजा कस दिया। पाकिस्‍तान के रास्‍ते आ रहा यह जहर युवा पीढ़ी को बर्बादी की राह पर धकेल ही रहा है, आतंकी संगठन इससे होने वाले मुनाफे से हथियार और अन्‍य सामान जुटा रहे हैं। नशे के सौदागरों पर शिकंजा कस दिया गया है।

3: अलगाववाद की तोड़ी कमर

आतंकवाद की नकेल कसने के साथ ही अलगाववाद की पोषक राजनीति पर भी शिकंजा कस दिया गया। कभी तिरंगा न उठाने का दावा करने वाले अब नए जम्‍मू कश्‍मीर में जगह पाने को लालायित हैं। अनुच्‍छेद 370 को खत्‍म कर पूरी अलगाववादी सियासत को के वजूद को ही खत्‍म कर दिया।

4: लोकतंत्र की बयार

यही वजह जम्मू कश्मीर में लोकतंत्र की बयार तेजी से असर दिखा रही है,कल तक जिन इलाकाें में पाकिस्तान और आतंकी संगठनों के झंडे नजर आते थे, वहां अब बेखौफ हो आम कश्मीरी तिंरगा रैलियां आयोजित करता है। आतंकियों द्वारा किसी हत्या की वह खुलेआम निदां करता है। लोग लोकतंत्र का आनंद ले रहे हैं और डीडीसी चुनाव में लगी लंबी कतारें इस बदलाव पर मुहर लगाने के लिए काफी हैं।

प्रधानमंत्री ने जनता से किया वादा निभाया

जम्मू कश्मीर में आतंकरोधी अभियानों में सक्रिय भूमिका निभा चुके सेवानिवृत्त आइजीपी अशकूर वानी ने कहा कि पुलवामा कांड के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की जनता से वादा किया था और उसे पूरी तरह निभाया। उसका असर आज जम्मू कश्मीर के जमीनी हालात में देखते हैं। आज आतंकी संगठन और उनका संरक्षक पाकिस्तान पूरी तरह से बैकफुट पर हैं। पाकिस्तान पूरी तरह से अलग थलग पड़ा है, वह चाहकर भी कोई हिमाकत करने से बच रहा है। सुरक्षाबल इस समय आतंकियों पर पूरी तरह हावी हैं। पुलवामा में हमारे 40 जवानों की शहादत रंग लायी है।

अब भारत नहीं रहा साफ्ट स्‍टेट

कश्मीर मामलों के जानकार रशीद राही ने कहा कि पुलवामा आतंकी हमले ने पूरे जम्‍मू कश्मीर को बदल दिया है। हिंदोस्तान को पूरी दुनिया ने एक अलग ही अंदाज में देखा है। कल तक जो भारत को एक साफ्ट स्टेट कहते थे, अब नहीं कह सकते। पुलवामा हमले के बाद ल्रगा कि आतंकी यहां और तबाही मचाएंगे लेकिन वही तबाह हुए हैं। यहां की राजनीतिक व्यवस्था में बदलाव भी इसी घटना से हुआ। आज आतंकी संगठन और पाकिस्तान की सरकार खुलकर कोई बड़ी घटना अंजाम देने से बचती है। कश्मीर में सुरक्षा का माहौल तेजी से सुधरा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.