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Pulwama Terror Attack: सुर्ख केसर की क्यारी हुई शहीदों के खून से लाल, आग के शोलों के बीच जल रहे थे मांस के लोथड़े, कयामत ही तो है...

Pulwama Terror Attack, आग की लपटें और काले धुएं के गुब्बार के बीच मानव अंगों के जलने की दुर्गंध के साथ सब कुछ दहल गया। रोने-चिल्लाने की आवाजें और गोलियों की आवाज गूंजने लगी।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 15 Feb 2019 10:03 AM (IST)Updated: Fri, 15 Feb 2019 12:14 PM (IST)
Pulwama Terror Attack: सुर्ख केसर की क्यारी हुई शहीदों के खून से लाल, आग के शोलों के बीच जल रहे थे मांस के लोथड़े, कयामत ही तो है...
Pulwama Terror Attack: सुर्ख केसर की क्यारी हुई शहीदों के खून से लाल, आग के शोलों के बीच जल रहे थे मांस के लोथड़े, कयामत ही तो है...

श्रीनगर, नवीन नवाज। केसर की क्यारी के नाम से विख्यात पांपोर का लितपोरा, जहां लाल-सुर्ख खुशबुदार केसर लेने वाले सैलानियों की भीड़ भी खूब रहती है। पीरपंजाल की पहाडिय़ों से आती बर्फीली हवा के झोंकों में केसर की खुशबू तैर रही थी। अचानक एक जोरदार धमाका हुआ, फिर आस्मां में न हल्की धूप रही और न हवा में खुशबू। आग की लपटें और काले धुएं के गुब्बार के बीच मानव अंगों के जलने की दुर्गंध के साथ सब कुछ दहल गया। रोने-चिल्लाने की आवाजें और गोलियों की आवाज गूंजने लगी।

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लगभग पांच से सात मिनट तक किसी को समझ में नहीं आया कि क्या हो गया। केसर की क्यारी खून से लाल हो गई। सड़क पर जहां तहां बिखरे थे इंसानी मांस के लोथड़े।

निसार अहमद नामक एक स्थानीय शहरी ने कहा कि मुझे नहीं पता कि क्या हुआ, बस मैंने एक जोरदार धमाका सुना, मुझे लगा कि आसमान फट गया है, मैं कुछ देर के लिए सुन्न सा हो गया था। मैने देखा वहां पार सड़क पर एक गाड़ी जल रही है। यहां चारों तरफ काला धुंआ हो गया और कुछ लोगों को चिथड़े उड़ते हए नजर आए। मैने देखा कि फौजी गाडिय़ों से नीचे उतर कर जमीन पर लेट अपनी पोजीशन ले रहे थे। मैं डर गया और दुकान का शटर गिराकर भीतर ही बैठ गया।

धमाके के समय वहां से गुजरने वाले एक वाहन चालक ने कहा कि मैं अनंतनाग की तरफ जा रहा था। मैं डिवाइडर के इस तरफ था। धमाके की आवाज से मैं पूरी तरह हिल गया। मेरी गाड़ी बेकाबू हो चली थी। कइयों के शरीर के कुछ हिस्से पेड़ व तार पर भी बिखर गए थे। मैने बड़ी मुश्किल से गाड़ी निकाली। मैं बच गया। मुझे नहीं पता कि धमाका कैसे हुआ।

हमले के फौरन बाद मौके पर पहुंचे राज्य पुलिस में उपाधीक्षक राकेश ने कहा कि जब हम मौके पर पहुंचे तो चारों तरफ लाशें ही नजर आ रही थी। कुछ लोग जख्मी थे। कई दुकानदार अपनी दुकानें खुली छोड़कर ही भाग निकले थे। हमने सीआरपीएफ के जवानों के साथ मिलकर पहले इलाके को घेरा और उसके बाद घायल जवानों को अस्पताल पहुंचाया। कई जगह जवानों के शरीर के कपड़े और शरीर के जलते हुए हिस्से पड़े थे। मैने ऐसा सीन पहले कभी नहीं देखा।

विस्फोटस्थल से कुछ ही दूरी पर रहने वाले इरशाद बट ने कहा कि मैं कुछ देर पहले ही दुकान से चाय पीने घर आया था। धमाके की आवाज सुनकर वापस दुकान की तरफ भागा। मैने जो देखा, मैं उसे बयान नहीं कर सकता। खून और लाशों की बारिश देखी, बाजार खाली हो गया। सब कुछ सुन्न था, कोई चिडिय़ा तक नहीं बोल रही थी, सिर्फ खून से लथपथ कराहते लोग देखे। मैने तो सिर्फ कयामत देखी।

कुछ समय पहले तक हाईवे वाहनों की आवाजाही और बाजार में खड़े लोगों की मौजूदगी से गुलजार था, एकाएक वीरान हो गया। सिर्फ एंबुलेंस और फौजी गाडिय़ां और सुरक्षा बल ही नजर आने लगे। हमारे इलाके में ऐसा पहली बार हुआ है, यहां फौजी रुकते हैं, केसर लेने के लिए या चाय पीने के लिए। आज मैने पहली बार उन्हें अपने साथियों की लाशें गिनते देखा है।


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