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पड़ोसी देश की ओर से छेड़े गए परोक्ष युद्ध की कीमत चुका रहा देश

दिनेश महाजन, जम्मू : पड़ोसी देश पाकिस्तान की तरफ से छेड़े गए परोक्ष युद्ध में राज्यवासियों क

By JagranEdited By: Published: Thu, 01 Feb 2018 03:14 AM (IST)Updated: Thu, 01 Feb 2018 03:14 AM (IST)
पड़ोसी देश की ओर से छेड़े गए परोक्ष युद्ध की कीमत चुका रहा देश
पड़ोसी देश की ओर से छेड़े गए परोक्ष युद्ध की कीमत चुका रहा देश

दिनेश महाजन, जम्मू :

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पड़ोसी देश पाकिस्तान की तरफ से छेड़े गए परोक्ष युद्ध में राज्यवासियों को ने केवल अपने प्राणों की आहूति देनी पड़ रही है, बल्कि देश को इस स्थिति से निपटने में हर वर्ष हजारों करोड़ रुपये सुरक्षा संबंधी खर्च भी उठाना पड़ रहा है। पिछले 16 वर्ष के भीतर केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर में आतंकवाद से निपटने के लिए करीब 7500 करोड़ रुपये सुरक्षा कारणों पर खर्च किए हैं। इस खर्च में कश्मीर से विस्थापित हुए कश्मीरी पंडितों व आत्म समर्पण कर चुके आतंकियों के पुर्नवास पर खर्च होने वाली राशी भी शामिल है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से जारी ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि आतंकवाद से निपटने के लिए यहां वर्ष 2000-01 में केंद्रीय सरकार ने राज्य पुलिस को 196.38 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद दी थी। वर्ष 2016-17 को मदद की राशि बढ़ कर 1185 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर पुलिस के जवानों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले लाने के खर्च के अलावा, उनके ठहरने, स्पेशल पुलिस आफिसर (एसपीओ) को मिलने वाला भत्ता, इंडियन रिजर्व बटालियन पर खर्च होने वाली राशि के अलावा सामाजिक कार्यो (सिविक एक्शन प्रोग्राम) पर लगने वाले रुपये के अलावा पुलिस ढांचे को मजबूत करने पर होने वाले खर्च को उठाती है।

आतंकी हमलों में गई 41,000 जान :

रिपोर्ट में कहा गया है कि जम्मू कश्मीर में 1990 से शुरू हुए आतंक के दौर में मार्च 2017 तक करीब 41,000 मानव जानें गई है। इसके अलावा 13,000 सुरक्षा बल विभिन्न आतंकी घटनाओं में घायल हुए है। वहीं, मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इस विधानसभा सत्र में जानकारी दी कि वर्ष 2016-17 में कश्मीर घाटी में 105 नागरिकों की मौत खराब कानून व्यवस्था के चलते हुई है। इनमें 67 लोगों की मौत आतंकी वारदातों में हुई। उन्होंने बताया कि गत दो वर्ष में 363 आतंकियों को मौत के घाट उतारा गया है, जिनमें 244 आतंकी विदेशी थे।

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वर्ष 2001 रहा सबसे खूनी :

राज्यवासियों के लिए वर्ष 2001 सबसे खूनी साल रहा। इस वर्ष 3,552 लोगों की जान आतंकी वारदातों में गई। मरने वालों में 996 नागरिक, 536 सुरक्षा बल तथा 2020 आतंकी शामिल है। इस वर्ष 1587 सुरक्षा बल विभिन्न आतंकी वारदातों में घायल हो गए थे।

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केन्द्रीय सरकार द्वारा जारी राशि

वित्तीय वर्ष राशि करोड़ों में

2000-01 196.38

2001-02 249.71

2002-03 226.28

2003-04 245.94

2004-05 147.63

2005-06 115.76

2006-07 167.53

2007-08 163.07

2008-09 396.42

2009-10 166.70

2010-11 457.78

2011-12 342.27

2012-13 259.78

2013-14 286.80

2014-15 290

2015-16 330

2016-17 1185


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