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Jammu: सर्वदलीय बैठक में कश्मीरी नेताओं को ज्यादा तवज्जो देने का जम्मू में हुआ भारी विरोध, जगह-जगह हुए प्रदर्शन

अंकुर शर्मा ने कहा कि यह शर्मनाक है कि जम्मू संभाग को एक बार फिर जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक भविष्य पर चर्चा से बाहर कर दिया गया और कश्मीर के अलगाववादियों अर्ध अलगाववादियों और पाकिस्तान परस्त दलों व नेताओं को ज्यादा तवज्जो दी गई है।

By Edited By: Published: Fri, 25 Jun 2021 08:00 AM (IST)Updated: Fri, 25 Jun 2021 08:05 AM (IST)
Jammu: सर्वदलीय बैठक में कश्मीरी नेताओं को ज्यादा तवज्जो देने का जम्मू में हुआ भारी विरोध, जगह-जगह हुए प्रदर्शन
विस्थापित कश्मीरी पंडितों ने किसी भी राजनीतिक संगठन को उनके हवाले से बात करने का अधिकार नहीं दिया है।

जागरण संवाददाता, जम्मू : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निवास पर वीरवार दोपहर को जहां सर्वदलीय बैठक में जम्मू-कश्मीर के मुद्दों पर चर्चा हो रही थी, वहीं बैठक शुरू होने से पूर्व जम्मू में कई संगठनों ने इस बैठक में जम्मू को उचित प्रतिनिधित्व न दिए जाने के विरोध में प्रदर्शन किए।

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प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई इस अहम बैठक में जम्मू-कश्मीर के विभिन्न राजनीतिक दलों के 14 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इस बैठक में कश्मीर केंद्रित दलों के अधिक सदस्य शामिल करने के विरोध में जम्मू में हुए इन प्रदर्शनों के दौरान केंद्र सरकार के रवैये पर नाराजगी जताई गई। यह साफ किया गया कि जब तक जम्मू की बात को पूरी तरह से सुना नहीं जाएगा, जम्मू किसी भी एकतरफा फैसले को स्वीकार नहीं करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कश्मीरी नेताओं को आमंत्रित करने के विरोध में इक्कजुट ने जम्मू संभाग के सभी दस जिलों में वीरवार को ब्लैक-डे के रूप में मनाया।

जम्मू में इक्कजुट जम्मू के अध्यक्ष एडवोकेट अंकुर शर्मा की अगुआई में कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। जम्मू को अलग राज्य का दर्जा देने की मांग करते हुए संगठन के नेताओं ने कहा कि जब तक जम्मू, कश्मीर के साथ जुड़ा रहेगा, जम्मू की इसी तरह अनदेखी होती रहेगी। अंकुर शर्मा ने कहा कि यह शर्मनाक है कि जम्मू संभाग को एक बार फिर जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक भविष्य पर चर्चा से बाहर कर दिया गया और कश्मीर के अलगाववादियों, अर्ध अलगाववादियों और पाकिस्तान परस्त दलों व नेताओं को ज्यादा तवज्जो दी गई है। यह जम्मू में देशभक्त ताकतों का अपमान है, जिसमें पाक, पीओजेके और कश्मीर से 15 लाख ¨हदू-सिख शरणार्थी शामिल हैं।

शर्मा ने कहा कि यह गंभीर चिंता का विषय होना चाहिए कि हमारे प्रधानमंत्री, जिनके पीछे एक विशाल राष्ट्रवादी जनादेश है, वे देश के खिलाफ बोलने वालों को सर्वदलीय बैठक में बुलाते हैं। अंकुर शर्मा ने कहा कि उन्हें दुख है कि केंद्र सरकार के लिए जम्मू का कहीं कोई स्थान नहीं है। इसीलिए इक्कजुट ने वीरवार को पूरे संभाग में ब्लैक डे मनाया। प्रदर्शन में इक्कजुट जम्मू के महासचिव अश्विनी शर्मा, किरण कुमार, अजय सैनी, हरीश कपूर, वीर विक्रम आदि कार्यकर्ता शामिल रहे। 'जिन कश्मीरी नेताओं को पीएम ने बुलाया उन्होंने कभी नहीं उठाई कश्मीरी पंडितों के लिए आवाज' यूथ आल इंडिया कश्मीरी समाज के सदस्यों ने वीरवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक के विरोध में प्रदर्शनी मैदान के बाहर प्रदर्शन किया। इन प्रदर्शनकारियों का कहना था कि उन्हें उम्मीद थी कि मोदी सरकार जब भी जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर कोई बात करेगी तो विस्थापित कश्मीरी पंडितों को उस बातचीत में शामिल करेगी।

संगठन के नेताओं ने कहा कि जम्मू-कश्मीर विवाद के चलते अगर किसी समुदाय ने पीड़ा सही है, तो वो कश्मीरी पंडित हैं। उन्हें हैरानी है कि मोदी सरकार ने इस बातचीत में उन्हें ही नहीं बुलाया। उन्होंने कहा कि जिन कश्मीर केंद्रित नेताओं के साथ प्रधानमंत्री बात कर रहे हैं, उन्होंने कभी कश्मीरी पंडितों की आवाज नहीं उठाई। अगर ऐसा किसी होता तो पिछले तीन दशक में विस्थापित कश्मीरी पंडित अपने घर वापस कश्मीर गए होते। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि विस्थापित कश्मीरी पंडितों ने किसी भी राजनीतिक संगठन को उनके हवाले से बात करने का अधिकार नहीं दिया है, उनका खुद का वजूद है। विस्थापित कश्मीरी पंडितों के बारे में जब भी बात होगी, वे स्वयं करेंगे।


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