Move to Jagran APP

Jammu Kashmir: कान्वेंट स्कूल के प्रिंसिपल व वाइस प्रिंसिपल पर लगी FIR में जांच पर रोक, जाने क्या है पूरा मामला

जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने प्रेजेंटेशन कान्वेंट स्कूल गांधी नगर में शिक्षिका की मौत को लेकर प्रिंसिपल व वाइस प्रिंसिपल के खिलाफ दर्ज एफआईआर में जांच पर रोक लगा दी है। अगली सुनवाई तक इस एफआइआर में जांच को रोक दिया जाए।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Mon, 07 Jun 2021 09:48 PM (IST)Updated: Mon, 07 Jun 2021 09:48 PM (IST)
Jammu Kashmir: कान्वेंट स्कूल के प्रिंसिपल व वाइस प्रिंसिपल पर लगी FIR में जांच पर रोक, जाने क्या है पूरा मामला
शिक्षिका की मौत को लेकर प्रिंसिपल व वाइस प्रिंसिपल के खिलाफ दर्ज एफआईआर में जांच पर रोक लगा दी है।

जम्मू, जेएनएफ : जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने प्रेजेंटेशन कान्वेंट स्कूल गांधी नगर में शिक्षिका की मौत को लेकर प्रिंसिपल व वाइस प्रिंसिपल के खिलाफ दर्ज एफआईआर में जांच पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने इस मामले में पुलिस प्रशासन को नोटिस जारी करते हुए पक्ष रखने का निर्देश देते हुए कहा है कि अगली सुनवाई तक याचिका में दिए गए तर्कों पर पक्ष रखा जाए और तब तक इस एफआइआर में जांच को रोक दिया जाए।

loksabha election banner

केस के मुताबिक नीलू वरिंद्र प्रेजेंटेशन कान्वेंट स्कूल में शिक्षक थी और 9 मई को उसकी मौत हो गई। स्कूल पर आरोप लगा कि कोविड-19 के दौरान स्कूल प्रबंधन जबरन शिक्षकों को स्कूल आने पर मजबूर कर रहा था और इसी कारण नीलू वरिंद्र संक्रमित हुई जिससे उसकी मौत हो गई। इन शिकायतों का संज्ञान लेते हुए जम्मू के एडिशनल डिप्टी कमिश्नर ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ जांच शुरू की।

एडीसी ने अपनी रिपोर्ट में स्कूल प्रबंधन पर कोविड गाइडलाइंस का उल्लंघन कर शिक्षकों को बुलाने के आरोप में एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश की। इस पर गांधी नगर पुलिस स्टेशन में एफआइआर दर्ज की गई। स्कूल के प्रिंसिपल व वाइस प्रिंसिपल की ओर से कोर्ट में पेश हुए एडवोकेट आर्दश शर्मा ने दलील दी कि जांच रिपोर्ट में भी साफ है कि जिस शिक्षक की कोविड-19 से मौत हुई वो 24 अप्रैल के बाद स्कूल नहीं आई। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने भी 27 अप्रैल को आदेश जारी किया था कि शिक्षकों को स्कूल में न बुलाया जाए। इससे पूर्व 50 फीसद स्टॉफ को स्कूल में रोटेशन पर बुलाने की अनुमति दी गई थी।

लिहाजा स्कूल प्रबंधन ने किसी भी तरह से कोविड-19 गाइडलाइंस का उल्लंघन नहीं किया। जहां तक रिपोर्ट में कुछ शिक्षकों द्वारा ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल के बावजूद उन्हें स्कूल बुलाए जाने की शिकायत की बात है तो यह प्रबंधन का भीतरी मामला है क्योंकि 27 अप्रैल से पूर्व 50 फीसद शिक्षकों को स्कूल में बुलाने की अनुमति थी। लिहाजा प्रबंधन के खिलाफ कोई आपराधिक मामला नहीं बनता। हाईकोर्ट ने इन दलीलों पर कुछ हद तक सहमति प्रकट करते हुए फिलहाल जांच पर रोक लगा दी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.