Jammu Kashmir : प्रो. भीम सिंह निष्कासन पर बोले- गुपकार एजेंडे वाली बैठक में नहीं, फारूक के बुलावे पर चाय पीने गया
नेशनल पैंथर्स पार्टी के चेयरमैन हर्ष देव सिंह द्वारा प्रो. भीम सिंह को पार्टी से निष्कासित करने के उपरांत प्रो. भीम सिंह ने कहा है कि वह गुपकार एजेंडा वाली बैठक में भाग लेने के लिए नहीं गए थे।
जम्मू, जेएनएन । नेशनल पैंथर्स पार्टी के चेयरमैन हर्ष देव सिंह द्वारा प्रो. भीम सिंह को पार्टी से निष्कासित करने के उपरांत प्रो. भीम सिंह ने कहा है कि वह गुपकार एजेंडा वाली बैठक में भाग लेने के लिए नहीं गए थे। वह तो फारूक अब्दुल्ला के कहने पर उनके साथ चाय पीने के लिए गए थे । फारूक अब्दुल्ला उनके बहुत पुराने दोस्त हैं । एक दिन पहले उन्हें फारूक अब्दुल्ला का फोन आया था । मैं तो उनसे मिलने के लिए गया था । मुझे पीपुल्स एलायंस के बारे में कुछ पता नहीं है ।
उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 35 ए के खिलाफ मैंने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी । राष्ट्रपति ने धारा को लगाई थी और उन्होंने ही इसे वापिस ले लिया । अनुच्छेद 370 पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है । इसमें जम्मू कश्मीर के भारत के साथ विलय वाला प्रावधान अभी बरकरार है । रही बात उन्हें पार्टी के मुख्य संरक्षक के पद से हटाने की तो उनमें बचपन है, अपने अजीज है। अभी सीखे रहे हैं, सीख जाएंगे। अगर किसी ने घर में नौकर रखा हो और उसे निकालना हो तो उसे भी नोटिस देना पड़ता है । मैं पार्टी के पदाधिकारियों के पंद्रह नवंबर को चुनाव करवा रहा हूं।
हर्षदेव सिंह का भीम सिंह के साथ पारिवारिक रिश्ता है
हर्षदेव सिंह का भीम सिंह के साथ पारिवारिक रिश्ता है। वह भीम सिंह के भाई के बेटे हैं । उनके बीच चाचा-भतीजा का रिश्ता है। पैंथर्स पार्टी के प्रधान बलवंत सिंह मनकोटिया का भी भीम सिंह के साथ नजदीकी रिश्ता है। वह भीम सिंह की बहन के बेटे हैं। पैंथर्स पार्टी हमेशा से ही जम्मू के हितों की आवाज बुलंद करती रही है। पार्टी लम्बे से समय से जम्मू कश्मीर का पुनर्गठन करके अलग जम्मू राज्य बनाने की मांग करती आ रही है। पार्टी का आधार जम्मू संभाग तक ही सीमित रहा है। पार्टी जम्मू के साथ भेदभाव को उजागर करती आ रही है। पार्टी का मुख्य एजेंडा जम्मू के साथ भेदभाव को उजागर करना रहा है। साथ में स्थानीय लोगों के हितों की रक्षा करने की वकालत करती आ रही है। पैंथर्स पार्टी ने साल 2002 में मुफ्ती मोहम्मद सईद के नेतृत्व के बनी पीडीपी-कांग्रेस सरकार का समर्थन किया था। तब पार्टी के चार विधायक चुन कर आए थे। उनमें हर्षदेव सिंह, बलवंत सिंह मनकोटिया, यशपाल कुंडल और फकीर नाथ शामिल थे। तब मुफ्ती सरकार में हर्षदेव सिंह शिक्षा मंत्री बने थे और यशपाल कुंडल पशु व भेड़पालन राज्यमंत्री बने थे।