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जम्मू-कश्मीर की निजी लैब में 2400 रुपये में हाेगा कोविड-19 टेस्ट

कोरोना जांच के लिए निजी लैब की फीस तय-कोविड-19 टेस्ट के लिए 2400 रुपये से अधिक नहीं ले सकती निजी लैब

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 30 Jul 2020 09:52 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jul 2020 10:08 AM (IST)
जम्मू-कश्मीर की निजी लैब में 2400 रुपये में हाेगा कोविड-19 टेस्ट
जम्मू-कश्मीर की निजी लैब में 2400 रुपये में हाेगा कोविड-19 टेस्ट

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच मरीजों के लिए राहत की खबर है। प्रशासन ने निजी लैब को प्रति टेस्ट 2400 रुपये फीस तय कर दी है। सरकारी स्तर पर प्रति टेस्ट 2220 रुपये खर्च आता है।

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उपराज्यपाल जीसी मुर्मु के निर्देशानुसार, बुधवार को स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के वित्त आयुक्त अटल ढुल्लु ने आदेश जारी कर टेस्ट की दरें तय कर दी हैं। प्रशासन ने कोरोना संक्रमण की जांच में तेजी लाने के लिए निजी लैब को भी टेस्ट की अनुमति दी है, लेकिन कीमत तय न होने के कारण कई लैब मालिक प्रति टेस्ट पांच से दस हजार रुपये तक वसूल रहे हैं। कई लोगों ने उपराज्यपाल से इसकी शिकायत की है।

अधिकारियों ने बताया कि उपराज्यपाल की तरफ से एक आदेश जारी करते हुए कहा गया है कि महामारी अधिनियम 1897 की धारा दो के तहत निर्देश दिया जाता है कि जम्मू कश्मीर में कोई भी निजी लैब कोविड-19 के आरटी-पीसीआर टेस्ट के लिए 2400 रुपये से अधिक राशि नहीं ले सकती। इस फीस में जीएसटी व अन्य करों के अलावा सैंपल को जमा करने, उसके परिवहन और पै¨कग पर आने वाला खर्च भी शामिल है।

आरटीपीसीआर ऐप पर जानकारी को अपलोड करना होगासभी निजी लैब को निर्देश दिया गया है कि वह कोरोना टेस्ट के लिए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) और केंद्र सरकार की ओर से जारी निर्देशों और स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रॉसीजर (एसओपी) का अनुपालन सुनिश्चित बनाएं। उन्हें जांच रिपोर्ट व डाटा को आइसीएमआर व केंद्र सरकार के साथ आइसीएमआर पोर्टल के जरिए रियल टाइम आधार पर साझा करना होगा। सैंप¨लग के समय संबंधित व्यक्ति का नाम, पता, मोबाइल फोन व सैंपल रेफरल फार्म के मुताबकि दर्ज किया जाएगा।

यह सारी जानकारी सैंपल लिए जाने के समय आरटीपीसीआर ऐप पर अपलोड करना होगा। जांच रिपोर्ट को उसी समय संबंधित व्यक्ति को प्रदान की जाए। अगर कोई मरीज कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है तो उसकी पूरी रिपोर्ट जिले के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी को ई-मेल के जरिए भेजी जाए। मरीजों की पूरी जानकारी लैब को गुप्त रखना होगा। सभी लैब को आरटी-पीसीआर मशीन द्वारा सृजित डाटा सुरक्षित रखना होगा ताकि जरूरत पड़ने पर सरकार उसकी जांच कर सके।


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