Mobile service in Kashmir: कश्मीर में अब मोबाइल सेवा बहाल करने की तैयारी, पूरी वादी में सभी टेलीफोन एक्सचेंज क्रियाशील
Mobile service in Kashmir पहले चरण में शांत गांदरबल बांडीपोरा व श्रीनगर के कुछ हिस्सों में मोबाइल शुरू करने पर हो रहा विचारअभी बंद रहेगी इंटरनेट सेवा लगातार की जा रही समीक्षा।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। Mobile service in Kashmir: कश्मीर घाटी में लैंडलाइन टेलीफोन सेवा के बाद प्रशासन अब अगले चरण में मोबाइल सेवाओं को बहाल करने जा रहा है। फिलहाल इंटरनेट सेवा बंद रहेंगी। प्रयोग के तौर पर उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा में कुछ जगहों पर मोबाइल सेवा को आंशिक रूप से बहाल भी किया जा चुका है। स्थिति की लगातार समीक्षा करते हुए विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों से फीडबैक भी लिया जा रहा है, ताकि मोबाइल सेवा की बहाली से कानून व्यवस्था की सुधरती स्थिति पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े।
राज्य गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जिला गांदरबल और बांडीपोरा के अलावा श्रीनगर के कुछ हिस्सों में मोबाइल शुरू करने पर विचार किया जा रहा है। दक्षिण कश्मीर के दो कस्बों में भी मोबाइल सेवा को शुरू किया जा सकता है। मोबाइल सेवा जहां भी बहाल होगी, वहां पर संबंधित उपभोक्ता इसका इस्तेमाल सूचनाओं के आदान-प्रदान तक ही कर सकेंगे। अभी एसएमएस सेवा को बंद रखा जा सकता है। इंटरनेट सेवा को बहाल करने के बारे में अभी तक कोई चर्चा नहीं हुई है।
उन्होंने बताया कि मोबाइल सेवा को पहले उन्हीं इलाकों में बहाल किया जाएगा, जहां बीते 33 दिनों के दौरान हालात पूरी तरह शांत और नियंत्रित रहे हैं। शुरू में सिर्फ बीएसएनएल की पोस्टपेड सेवा वाले मोबाइल फोन बहाल होंगे। बाद में निजी कंपनियों की सेवाओं को शुरू किया जाएगा, लेकिन अभी इस पर अभी अंतिम फैसला होना बाकी है। किसी क्षेत्र विशेष में अगर मोबाइल सेवा बहाल होने पर हालात बिगड़ते हैं तो वहां यह सेवा बंद कर दी जाएगी। इसके अलावा इस सेवा का दुरुपयोग करने वाले उपभोक्ताओं के फोन भी ब्लैक लिस्ट किए जाएंगे।
पूरी वादी में सभी टेलीफोन एक्सचेंज क्रियाशील :
राज्य सरकार के प्रवक्ता और राज्यपाल के प्रमुख सचिव रोहित कंसल ने कहा कि हमारा पूरा प्रयास है कि यहां हालात जल्द से जल्द सामान्य हों। आज पूरी वादी में सभी टेलीफोन एक्सचेंज क्रियाशील हैं। लगभग सभी लैंडलाइन फोन बहाल हो चुके हैं। परिस्थितियों के अनुकूल रहने पर हम वादी में मोबाइल फोन सेवा को भी जल्द से जल्द चरणबद्ध तरीके से बहाल करेंगे। वहीं अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सुरक्षा एवं कानून व्यवस्था मुनीर अहमद खान के अनुसार, घाटी में पिछले 33 दिनों के दौरान शरारती तत्वों ने कानून व्यवस्थ का संकट पैदा करने की हर संभव साजिश की। बावजूद इसके अगर यहां स्थिति शांत और नियंत्रित है तो टेलीफोन व इंटरनेट सेवाओं पर पाबंदी के कारण ही है।
हिंसा भड़कने की आशंका पर कश्मीर में कड़े रहे सुरक्षा प्रबंध
घाटी में शुक्रवार को प्रशासन ने शरारती और राष्ट्रविरोधी तत्वों द्वारा हिंसा भड़काए जाने की आशंका को देखते हुए एक बार फिर विभिन्न इलाकों में प्रशासनिक पाबंदियों को लागू कर दिया। इससे सामान्य जनजीवन प्रभावित पर शांत नजर आया। सभी संवेदनशील इलाकों में किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए बड़ी संख्या में अर्धसैनिकबलों और पुलिस के जवानों की तैनाती रही। कुछ इलाकों में पथराव की छिटपुट घटनाओं के अलावा अन्यत्र स्थिति पूरी तरह शांत रही।
हालात में सुधार को देखते हुए प्रशासन ने गत शनिवार को वादी के लगभग सभी हिस्सों से दिन की प्रशासनिक पाबंदियों को हटा लिया था। सड़कों पर लगाए गए अवरोधक भी हटा दिए गए थे और अधिकांश इलाकों से सुरक्षाबलों की मौजूदगी को भी घटा दिया गया था। अलबत्ता, शुक्रवार को प्रशासन ने एहतियातन एक बार फिर श्रीनगर के डाउन-टाउन, सौरा और वादी के अन्य सभी संवेदनशील इलाकों में निषेधाज्ञा को लागू कर दिया। सड़कों पर कंटीली तारें और अवरोधक भी लगा दिए गए।