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जम्मू यूनिवर्सिटी के कैंपसों-कॉलेजों में पीजी कोर्सों की परीक्षाएं की तैयारी

कोरोना की चुनौती के बीच जम्मू यूनिवर्सिटी ने अपने कैंपसों और अधीन आने वाले कॉलेजों के पीजी कोर्सों में परीक्षा के लिए मापदंड तय कर दिए हैं। जम्मू यूनिवर्सिटी के सात कैंपस है जिसमें भद्रवाह किश्तवाड़ रियासी रामनगर पुंछ कठुआ और ऊधमपुर शामिल हैं।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Thu, 27 May 2021 04:41 PM (IST)Updated: Thu, 27 May 2021 04:41 PM (IST)
जम्मू यूनिवर्सिटी के सात कैंपस हैं जिसमें भद्रवाह, किश्तवाड़, रियासी, रामनगर, पुंछ, कठुआ और ऊधमपुर शामिल हैं।

जम्मू, राज्य ब्यूरो । कोरोना की चुनौती के बीच जम्मू यूनिवर्सिटी ने अपने कैंपसों और अधीन आने वाले कॉलेजों के पीजी कोर्सों में परीक्षा के लिए मापदंड तय कर दिए हैं। जम्मू यूनिवर्सिटी के सात कैंपस है जिसमें भद्रवाह, किश्तवाड़, रियासी, रामनगर, पुंछ, कठुआ और ऊधमपुर शामिल हैं।

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जम्मू यूनिवर्सिटी के अकादमिक मामलों के डीन प्रो. नरेश पाधा ने बताया किसभी नोडल विभागों के अध्यक्षों से कहा गया है कि वे परीक्षाएं करवाए और उत्तर पुस्तिकाओं की जांच करवाए। परीक्षाएं आनलाइन ही होंगी और इस संबंध में यूनिवर्सिटी ने 24 अप्रैल 2021 को अधिसूचना की थी। कैंपसों के रिक्टर व डायरेक्टर से सलाह मशवरा करके नोडल विभागों के अध्यक्ष या संबंधित कॉलेजों के प्रिंसिपल डेटशीट जारी करेंगे।

विभागों के अध्यक्षों पर जिम्मेदारी होगी कि वे परीक्षाएं करवाए, उत्तर पुस्तिकाओं की जांच करवाए और रोल नम्बर के आधार पर अंकों का ब्योरा परीक्षा विभाग को भेजें ताकि समय पर परिणाम निकालाजा सके। परीक्षाएं समय पर करवाने का कार्य सुनिश्चित किया जाए ताकि दूसरे सेमेस्टर की ऑनलाइन कक्षाएं पंद्रह जून से शुरु करवाई जाए सकें। संबंधित कैंपसों और पीजी कोर्सों वाले कालेजों को पहले सेमेस्टर की परीक्षाएं हर हाल में पहली जून से लेकर 15 जून के बीच करवानी होगी।

एमए कश्मीरी कोर्स के लिए किश्तवाड़ के डायरेक्टर को नोडल अधिकारी बनाया गया है। प्रैक्टिकल व प्रोजेक्ट वर्क पहले से जारी दिशा निर्देशों के तहत होंगे। अकादमिक मामलों के डीन प्रो. पाधा का कहना है कि हमारी कोशिश है कि परीक्षाएं 15 जून तक करवाकर साथ ही दूसरे सेमेस्टर की ऑनलाइन कक्षाएं लगा दी जाए। यूनिवर्सिटी ने इस संबंध में पहले ही अकादमिक कैलेंडर जारी किया था जिस पर अमल करना सुनिश्चित बनाया जा रहा है। चूंकि पिछले वर्ष के पीजी के अकादमिक सत्र की कक्षाएं इस वर्ष फरवरी में लगी थी तो देरी होना तो तय ही था। फिर भी ऑनलाइन तरीके से पाठ्यक्रम को पूरा किया गया है।  


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