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Pradhan Mantri Awas Yojana: जम्मू-कश्मीर में 12 हजार लोगों को आवास योजना के तहत 50 हजार रुपये की पहली किश्त मिली

Pradhan Mantri Awas Yojana जम्मू-कश्मीर के रजौरी जिलो में 12000 लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 50 हजार रुपये की पहली किश्त मिली है

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 24 Aug 2020 10:32 AM (IST)Updated: Mon, 24 Aug 2020 07:43 PM (IST)
Pradhan Mantri Awas Yojana: जम्मू-कश्मीर में 12 हजार लोगों को आवास योजना के तहत 50 हजार रुपये की पहली किश्त मिली
Pradhan Mantri Awas Yojana: जम्मू-कश्मीर में 12 हजार लोगों को आवास योजना के तहत 50 हजार रुपये की पहली किश्त मिली

राजौरी, जागरण संवाददाता : भारत-पाक सीमा से सटा गांव पतराड़ा। यहां अक्सर पाकिस्तानी सेना मोर्टार के गोले दागती रहती है, जिससे कच्चे मकानों में रहने वाले ग्रामीणों के सिर पर हमेशा खतरा मंडराता रहता है। इसी गांव के रहने वाले पवन कुमार इन दिनों बेहद खुश हैं। खुशी की खास वजह भी है। उनकी आंखों के सामने उनके पक्के मकान की तामीर जो हो रही है। दरअसल, पवन राजौरी जिले के उन 12 हजार परिवारों में एक हैं, जिनकी प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्का मकान बनाने के लिए पहचान की गई है। इन लोगों को मकान का काम शुरू करवाने के लिए 50-50 हजार रुपये की पहली किस्त जारी कर दी गई है।

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इन परिवारों को तीन किस्तों में डेढ़ लाख रुपये की राशि जारी की जाएगी। पहली 50 हजार रुपये की किश्त माकन की नींव व दीवारें खड़ी करने के लिए दी जाएगी। दूसरी लैंटर डालने के लिए और तीसरी किश्त पलस्तर और अन्य काम करवाने के लिए।

इस योजना के तहत पहले भी लोगों के घर बन चुके हैं। पहले इस योजना को इंदिरा आवास योजना के नाम से जाना जाता था। अब इसका नाम प्रधानमंत्री आवास योजना है। ग्रामीण व शहरी दोनों क्षेत्रों में रहने वाले गरीब लोगों को इस सुविधा का लाभ दिया जा रहा है, जिनके पास आज तक पक्के मकान नहीं हैं। ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जिले में ऐसे 12 हजार परिवारों की सूची बनाई गई है, जिनको मकान बनाने के लिए 50-50 हजार रुपये की पहली किस्त खाते में राशि डाल दी गई है। लोगों ने इस पैसे को निकाल कर पक्के घरों को बनाने का कार्य भी शुरू कर दिया है।

 

सच होता दिख रहा है सपना : पतराड़ा गांव के पवन कुमार बताते हैं कि मैं मजदूरी करके अपने परिवार को दो वक्त की रोटी ही दे पा रहा था। गोलाबारी के खतरे को देखते हुए कई बार सोचा कि पक्का मकान बना लूं, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। इस बार मेरा नाम भी सूची में शामिल हुआ और मेरे खाते में 50 हजार रुपये की पहली किस्त आ गई। अब मेरा मकान बनना शुरू हो गया है। अब मेरा सपना सच होता दिख रहा है।

 

पहली बार बिना भेदभाव के बनी है सूची : कुरल गांव के कुलदीप राज ने कहा कि पहले भी यह योजना थी, लेकिन सूची में उन लोगों के नाम ही शामिल हो पाते थे जो अधिकारियों या नेताओं के करीबी होते थे। इस बार जो सूची बनी है वह बिना किसी भेदभाव के बनी है। इसमें उन लोगों के नाम शामिल किए गए हैं, जिनके पास वाकई आज तक पक्के मकान नहीं थे। उन्हें इस योजना से काफी लाभ मिल रहा है।

  • 'हमने सर्वे करवाकर राजौरी जिले में 12 हजार ऐसे परिवारों की पहचान की, जिनके पास पक्के मकान नहीं थे। इन लोगों के नाम प्रधानमंत्री आवास योजना में शामिल किए गए और अब इन्हें मकान बनाने के लिए पहली किस्त भी जारी कर दी गई है। हमारा यही प्रयास है कि इस योजना का लाभ उन लोगों को मिले, जिन्हें इसकी जरूरत है।- सुशील खजूरिया, अतिरिक्त जिला उपायुक्त

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