एससी, एसटी, ओबीसी आरक्षण मुद्दे पर सरकार के रवैये के खिलाफ कांग्रेस का प्रदर्शन
उन्होंने सरकार पर एससी-एसटी और ओबीसी विरोधी नीतियां अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा ही जम्मू कश्मीर के युवाओं के हितों की रक्षा की है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी के आरक्षण को कमजोर किए जाने, महंगाई, सिविल सर्विस परीक्षा में जम्मू-कश्मीर के युवाओं को मिली छूट को वापिस लिए जाने समेत अन्य मुद्दों पर कांग्रेस ने केंद्र और भाजपा को घेरने की अपनी मुहिम तेज कर दी है। सर्वोच्च न्यायालय में आरक्षण पर सरकार के रवैये की आलोचना करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने पार्टी मुख्यालय शहीदी चौक में प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने बैनर लहराते हुए केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
नारेबाजी करते हुए उन्होंने कहा कि एससी, एसटी और ओबीसी के संवैधानिक हितों की रक्षा की जाए और यह सुनिश्चित बनाया जाए कि आरक्षण के प्रावधान लागू रहेंगे। कांग्रेस के प्रदर्शन के कारण क्षेत्र में कुछ समय के लिए जाम भी लग गया। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान जीए मीर ने कहा कि भाजपा और आरएसएस योजनाबद्ध तरीके से एससी-एसटी और ओबीसी समुदाय के आरक्षण प्रावधानों पर हमला कर रही हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने तो अब सर्वोच्च न्यायालय में गैर संवैधानिक रवैया अपनाया है जिसमें सरकार ने कहा है कि नियुक्तियों में आरक्षण के लिए दावा करना मौलिक अधिकार नहीं हैं और आरक्षण उपलब्ध करवाना राज्य सरकारों की ड्यूटी भी नहीं है।
उन्होंने सरकार पर एससी-एसटी और ओबीसी विरोधी नीतियां अपनाने का आरोप लगाया। वहीं कांग्रेस सेवा दल के प्रदेश प्रधान राजेश सढोत्रा ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा ही जम्मू कश्मीर के युवाओं के हितों की रक्षा की है। अभी हाल ही में सिविल सर्विस परीक्षा में जम्मू-कश्मीर के युवाओं को दी गई तीन साल की छूट वापस लिया जाना सही फैसला नहीं है और केंद्र को अपने इस फैसले को वापिस लेना चाहिए। उन्होंने देश में बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, किसानों की समस्याओं पर केंद्र सरकार पर हमला बोला। प्रदर्शनकारियों में पूर्व मंत्री मूला राम, रमन भल्ला, मोहम्मद शरीफ नियाज, कांता भान, रवीन्द्र शर्मा, मनोहर लाल शर्मा, इंदु पवार व अन्य शामिल थे।