BSF का दायरा बढ़ने से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में अब कहीं भी गिरफ्तारी या सर्च ऑपरेशन का मिला अधिकार
वहीं सुरक्षा विशेषज्ञों को कहना है कि जम्मू कश्मीर में बीएसएफ के लिए अभी कोई समय तय नहीं की है। देश के कुछ अन्य हिस्से जिनमें मेघालय नागालैंड मिजोरम त्रिपुरा और मणिपुर आदि शामिल हैं में भी बीएसएफ को कार्रवाई के लिए कोई तय सीमा नहीं दी गई है।
जम्मू, जेएनएन : गृह मंत्रालय ने जम्मू कश्मीर और लद्दाख में सीमा सुरक्षा बल को और मजबूत किया है। गृह मंत्रालय ने बीएसएफ को सीधे अधिकार दिए हैं कि बल जरूरत पड़ने पर सीमा के अंदर गिरफ्तारियां, सर्च और बरामदगी कर सकता है। बीएसएफ को यह अधिकार सीमा पर बढ़ते हुए घुसपैठ, नशा व हथियारों की तस्करी आदि के मामलों को देखते हुए दिए गए हैं ताकि बिना समय गंवाए बल राष्ट्र विरोधी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई कर सके।
बीएसएफ को यह अधिकार मिलना कोई नई बात नहीं है। देश कई अन्य राज्यों जिनमें पंजाब, पश्चिम बंगाल, असम और गुजरात शामिल हैं, में बल को यह अधिकार मिले हैं। वहीं केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर व लद्दाख में बीएसएफ अब पासपोर्ट अधिनियम, विदेशियों का पंजीकरण अधिनियम, केंद्रीय उत्पाद शुल्क, नमक अधिनियम, विदेशी अधिनियम, विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, सीमा शुल्क अधिनियम या किसी अन्य केंद्रीय अधिनियम के तहत दंडनीय किसी भी अपराध में अब सीमा के अंदर पचास किलोमीटर कार्रवाई कर सकते हैं।
वहीं सुरक्षा विशेषज्ञों को कहना है कि जम्मू कश्मीर में बीएसएफ के लिए अभी कोई समय तय नहीं की है। देश के कुछ अन्य हिस्से जिनमें मेघालय, नागालैंड, मिजोरम, त्रिपुरा और मणिपुर आदि शामिल हैं, में भी बीएसएफ को कार्रवाई के लिए कोई तय सीमा नहीं दी गई है। देश के जो हिस्से आतंकवादग्रस्त हैं, वहां बीएसएफ को असीमित सीमा तक अधिकार दिए गए हैं। वहीं सुरक्षा सूत्रों का कहना है कि यह अधिकार मिलने के बाद बीएसएफ का कोई कर्मी चाहे वह किसी भी रैंक का हो, बिना मजिस्ट्रेट की अनुमति और वारंट के अपना काम कर सकता है।
जरूरत पड़ने पर वह किसी भी संदिग्ध को गिरफ्तार भी कर सकता है, अगर उसकी संलिप्तता किसी मामले में सामने आ रही हो। जम्मू कश्मीर ऐसा प्रदेश हैं जहां आंतरिक सुरक्षा को बनाए रखने में बीएसएफ काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। सीमा पर कई बार बीएसएफ ने घुसपैठियों को गिरफ्तार किया है और नशे व हथियारों क खेप को बरामद किया है।