चिप्स में इस्तेमाल होने वाले आलू की खेती की ओर बढ़ा रुझान
जागरण संवाददाता जम्मू चिप्स बनाने में इस्तेमाल होने वाले आलू की खेती में अब जम्मू भी अपनी पहचान
जागरण संवाददाता, जम्मू:
चिप्स बनाने में इस्तेमाल होने वाले आलू की खेती में अब जम्मू भी अपनी पहचान बनाने लगा है। इस बार जम्मू में 250 कनाल भूमि पर चिप्स वाले आलू की खेती की गई है। इस समय आलू की फसल लहलहा रही है। अच्छा दाम मिलने से किसानों का इस ओर रुझान बढ़ा है। यह आलू अगर चिप्स बनाने वाली कंपनियों के मानक पर खरे उतरते हैं तो माल हाथों-हाथ खरीद लिया जाता है। बाजार से बेहतर दाम भी किसानों को उपलब्ध कराए जाते हैं। यही कारण है कि अरनिया के किसान बसंत सैनी ने अकेले ही इस बार 150 कनाल भूमि पर एलआर वैरायटी के आलू की खेती की है। अब वह अपना माल जम्मू में ही चिप्स बनाने वाली एक कंपनी को देंगे, गुणवत्ता ठीक हो।
किसान बसंत सैनी नई तकनीक का इस्तेमाल आलू की खेती में कर रहे हैं। उनका कहना है कि माल की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, ताकि अच्छे दाम प्राप्त हो। इस बार 2000 रुपये प्रति क्विंटल दाम मिलने की उम्मीद है। चिप्स वाले आलू की मांग ज्यादा
बसंत सैनी ने बताया कि जम्मू में चिप्स बनाने वाली कंपनी दूसरे राज्यों से आलू मंगा रही है। कंपनी जम्मू से माल उठाना चाहती है, लेकिन यहां पर्याप्त उत्पादन नहीं है। कंपनी की मांग को अगर पूरा करना है तो 4000 कनाल भूमि पर चिप्स वाले आलू की खेती होनी चाहिए। अभी जम्मू इसका दस फीसद भी उत्पादन नहीं कर पा रहा है। इसलिए दूसरे राज्यों से माल मंगाया जाता है। इसलिए उनकी किसानों को सलाह है कि चिप्स वाले आलू लगाने की दिशा में काम करें और अच्छे दाम पर बेचें। कंपनी वाले बाजार से ज्यादा दाम देने को तैयार रहते हैं। जम्मू में चिप सोना और एलआर की हो रही खेती
जम्मू में किसान चिप सोना की विभिन्न वैरायटी व एलआर वैरायटी के आलू लगा रहे हैं। इस आलू से चिप्स बनाना आसान रहता है। कृषि विभाग चिप सोना आलू किसानों में उतारने में लगा हुआ है। किसान प्राइवेट तौर पर एलआर वैरायटी भी जम्मू में लगा रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि एलआर हो या चिप सोना, यह आलू सामान्य आलू की तरह ही होते हैं, लेकिन इसमें ऐसे तत्व होते हैं कि आलू तलने के बाद लाल नहीं पड़ता। शुगर भी इसमें कम रहता है। इसलिए चिप्स बनाना इस आलू से आसान हो जाता है। इसलिए चिप्स बनाने वाली कंपनियों को कच्चे माल की पूर्ति करने के लिए किसान चिप सोना व एलआर की खेती करने लगा है। कृषि विभाग के पोटेटो डेवलपमेंट आफिसर सुशील रतन का कहना है कि चिप्स बनाने में इस्तेमाल होने वाले आलू की खेती को विभाग भी बढ़ावा दे रहा है। बस किसान कंपनी द्वारा तय किए गए मानक को ध्यान में रखकर उत्पाद तैयार करें। चिप्स बनाने वाली कंपनियां बाहर से माल मंगवाती हैं। अगर जम्मू में ही माल मिल जाए तो इसकी यहीं पर खपत हो जाएगी और किसानों को अच्छे दाम मिल सकते हैं।