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Drone Alert In Jammu : आसमान में चलती रोशनीयुक्त वस्तु देख कौतूहल में रहे लोग

पुलिस और सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने बाद में बताया कि रहस्यमय ढंग से उड़ने वाली वस्तु स्टार्रंलक सेटेलाइट थी। स्टारलिंक सेटेलाइट एलन मस्क की कंपनी का एक इंटरनेट प्रोजेक्ट है। यह पृथ्वी की सबसे निचली कक्षा में तैरता है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 04 Dec 2021 07:55 AM (IST)Updated: Sat, 04 Dec 2021 07:55 AM (IST)
Drone Alert In Jammu : आसमान में चलती रोशनीयुक्त वस्तु देख कौतूहल में रहे लोग
पृथ्वी की सबसे निचली कक्षा में स्थापित है स्टारलिंक सेटेलाइट

राज्य ब्यूरो, जम्मू: जम्मू कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा से सटे इलाकों में शाम को उड़ने वाली वस्तुएं देखी जाने पर लोगों में कौतूहल रहा। इसे जम्मू, पुंछ और सांबा समेत प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में देखा गया। सीमावर्ती लोगों ने रोशनी की कतार से युक्त इन्हें पाकिस्तानी ड्रोन समझ लिया। हालांकि, बाद में स्थिति स्पष्ट हो गई। यह पृथ्वी की सबसे निचली कक्षा में स्थापित स्टार्रंलक सेटेलाइट था। यह एलन मस्क की कंपनी का प्रोजेक्ट है।

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शाम साढ़े छह से साढ़े सात बजे के बीच बिना आवाज किए जा रही रोशनी युक्त वस्तु को सीमावर्ती ग्रामीणों समेत जम्मू शहर के लोगों ने भी अपने घरों की छत से देखा। कठुआ, सांबा जिले के विजयपुर व रामगढ़ और जम्मू जिले के सीमावर्ती खौड़-परगवाल इलाके यह रोशनी देखी ही गई, साथ ही पुंछ में नियंत्रण रेखा से सटे मेंढर व बालाकोट इलाकों में इसे देखा गया।

आसमान में चल रही इस रोशनी की कतार को देखने के लिए लोग अपनी छतों पर आ गए। इसका वीडियो बनाने के बाद कई लोगों ने इसे इंटरनेट मीडिया पर अपलोड भी किया है। जम्मू में सेना व सुरक्षाबलों के साथ भारतीय वायुसेना ने भी इस रोशनी के देखे जाने पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। आमतौर पर पाकिस्तान की ओर से ड्रोन व यूएवी के भारतीय सीमा के पास देखे जाने पर कार्रवाई होती है।

पृथ्वी की सबसे निचली कक्षा में स्थापित है स्टारलिंक सेटेलाइट : पुलिस और सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने बाद में बताया कि रहस्यमय ढंग से उड़ने वाली वस्तु स्टार्रंलक सेटेलाइट थी। स्टारलिंक सेटेलाइट एलन मस्क की कंपनी का एक इंटरनेट प्रोजेक्ट है। यह पृथ्वी की सबसे निचली कक्षा में तैरता है। इनका काम पृथ्वी पर हाई-स्पीड इंटरनेट सिग्नल देना होता है। इसके लिए परंपरागत जमीनी ढांचे की जरूरत नहीं होती है। यह सेटेलाइट लेजर बीम का इस्तेमाल कर डाटा ट्रांसफर करता है। इसके सोलर पैनल कई बार रात में उड़ने वाली रोशनी की तरह दिखते हैं। लंबी रोशनी यही थी।


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