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Jammu and Kashmir : आतंकवाद से जुड़े मामलों को हल करने के लिए पुलिसकर्मियों को दी ट्रेनिंग

आतंकवाद के साथ उन्हें कानून व्यवस्था को भी बनाए रखा है। डीसी रैना ने पुलिसकर्मियों को कहा कि जांच अधिकारी द्वारा बनाया जाना डोजर को इस प्रकार से लिखा जाए कि इसमें किसी प्रकार की त्रुटि ना हो। जिससे आरोपियों को उनके अंजाम तक पहुंचाया जा सके।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Published: Fri, 10 Sep 2021 08:30 PM (IST)Updated: Fri, 10 Sep 2021 08:30 PM (IST)
Jammu and Kashmir : आतंकवाद से जुड़े मामलों को हल करने के लिए पुलिसकर्मियों को दी ट्रेनिंग
इस दौरान जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट के एडवोकेट जनरल डीसी रैना मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद रहे।

जम्मू, जागरण संवाददाता : जम्मू कश्मीर पुलिस और नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआइए) द्वारा पुलिस कर्मियों की कार्य क्षमता को बढ़ाने के मकसद से आयोजित ट्रेनिंग कार्यक्रम वीरवार को समाप्त हो गया। इस दौरान जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट के एडवोकेट जनरल डीसी रैना मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद रहे। जिन्होंने पुलिस कर्मियों को संबोधित किया। डीसी राणा ने कहा कि जम्मू कश्मीर में शांति बहाली के लिए पुलिस की अहम भूमिका है। उन्होंने कहा कि शरारती तत्व और आतंकियों को सजा दिलवाने के लिए पुलिसकर्मियों को दस्तावेजों को संभाल कर रखने और सबूतों को ढंग से एकत्रित करना बहुत जरूरी है। सबूतों के आधार पर ही आरोपियों को सजा दिलाई जा सकती है।

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उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में पुलिस कई कई चुनौतियां हैं। आतंकवाद के साथ उन्हें कानून व्यवस्था को भी बनाए रखा है। डीसी रैना ने पुलिसकर्मियों को कहा कि जांच अधिकारी द्वारा बनाया जाना डोजर को इस प्रकार से लिखा जाए कि इसमें किसी प्रकार की त्रुटि ना हो। जिससे आरोपियों को उनके अंजाम तक पहुंचाया जा सके। उन्होंने कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी पुलिसकर्मियों को शुभकामनाएं दी। ट्रेनिंग कार्यक्रम में कुल 121 पुलिसकर्मियों ने भाग लिया जिनमें पुलिस सुपरिटेंडेंट, डिप्टी सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस, पुलिस इंस्पेक्टर, प्रोबेशनर सब इंस्पेक्टर और असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर शामिल है। इस ट्रेनिंग का उद्देश्य पुलिसकर्मियों को आतंकवाद संबंधित मामलों की बेहतर जांच के लिए तैयार करने के इरादे से किया गया है।

अब तक आतंकवाद से जुड़े मामलों की जांच एनआइए ही करती आ रही है लेकिन इस ट्रेनिंग में भाग लेने वाले पुलिसकर्मियों को भी इसमें महारत हासिल होगी और किसी विशेष जांच टीम के पहुंचने से पहले पुलिस सबूतों को बेहतर तरीके से एकत्रित कर लेगी। इससे पूर्व कश्मीर जोन में भी इस प्रकार का ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित किया गया था। जिसमें 200 पुलिस कर्मियों ने भाग लिया था। इन दौरान अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक जम्मू मुकेश सिंह, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक पुलिस मुख्यालय दानिश राणा, डीआईजी एनआईए संयोगिता, डीआईजी जम्मू सांबा कठुआ रेंज अतुल गोयल के अलावा पुलिस और एनआईए के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।


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