कश्मीर में अब 168 आतंकी ही बचे, अधिकांश सक्रिय आतंकवादी लश्कर-ए-तैयबा से हैं
कश्मीर में 168 आतंकवादी सक्रिय हैं जिनमें 87 आतंकी दक्षिण 65 उत्तर और 16 मध्य कश्मीर में हैं। यह बात भी सामने आई है कि इनमें सबसे अधिक संख्या लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकियों की है। इसके बाद जैश-ए-मोहम्मद आता है जिससे जुड़े 41 आतंकी अभी भी घाटी में मौजूद हैं।
श्रीनगर, जेएनएन : कश्मीर घाटी से एक राहत भरी खबर आई है। आतंकवादियों पर सुरक्षाबलों के लगातार बढ़ते शिकंजे का ही परिणाम है कि घाटी में अब सक्रिय आतंकवादियों की संख्या मात्र 168 के करीब रह गई है। सुरक्षा एजेंसियों और पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार कश्मीर में अब कुल 168 आतंकवादी सक्रिय हैं जिनमें 87 आतंकी दक्षिण, 65 उत्तर और 16 मध्य कश्मीर में हैं। यह बात भी सामने आई है कि इनमें सबसे अधिक संख्या लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकियों की है। इसके बाद जैश-ए-मोहम्मद आता है, जिससे जुड़े 41 आतंकी अभी भी घाटी में मौजूद हैं।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार घाटी में सक्रिय 168 आतंकवादियों में 82 लश्कर-ए-तैयबा, 41 जैश-ए-मोहम्मद, 38 हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम), चार द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) और 3 आतंकी अल-बद्र समूह से संबद्ध रखते हैं। इसके अलावा घाटी में कुछ हाइब्रिड आतंकवादियों की भी मौजूदगी की आशंका है। इनकी संख्या भी 25 के करीब है। ये आतंकवादियोें से भी खतरनाक हैं, क्योंकि यह आम लोगों के बीच गुमनाम रूप से अपना अभियान चला रहे हैं।
सुरक्षा एजेंसियों ने बताया कि दक्षिण कश्मीर में सक्रिय उग्रवादियों में 64 स्थानीय और 23 विदेशी आतंकवादी हैं। इसके अलावा उत्तरी कश्मीर में सक्रिय 65 आतंकवादियों में 53 विदेशी और 12 स्थानीय हैं। इसी तरह मध्य कश्मीर में सक्रिय 16 आतंकवादियों में 9 स्थानीय व 7 विदेशी हैं। आपको बता दें कि कश्मीर घाटी में इस साल सुरक्षाबलों द्वारा चलाए गए आतंकविरोधी अभियान में अब तक 182 आतंकवादियों को मार गिराया गया। हालांकि इन मुठभेड़ों में 43 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए। इन अभियानों के दौरान जहां 43 सुरक्षाबलों ने शहादत पाई वहीं 34 नागरिक भी मारे गए थे।
अापको बता दें कि डीजीपी दिलबाग सिंह ने पिछले सप्ताह यह बयान दिया था कि वर्ष 2021 में केंद्र शासित प्रदेश में करीब 100 मुठभेड़ हुई और इनमें 182 आतंकवादी मारे गए। मारे गए आतंकवादियों में 152 स्थानीय और 19 विदेशी थे। इनमें 44 विभिन्न आतंकी संगठनोें के शीर्ष कमांडर थे। उन्होंने यह भी बताया कि इस साल 134 स्थानीय युवा आतंकवाद में शामिल हुए। इनमें 128 युवा कश्मीर से जबकि छह जम्मू से थे। हालांकि यह संख्या पिछले तीन दशकों में सबसे कम है।
दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में सबसे अधिक भर्ती हुई है। यहां के करीब 33 युवा आतंकवादी संगठनों में शामिल हुए। सबसे अधिक भर्ती लश्कर-ए-तैयबा, टीआरएफ में हुई। घाटी के करीब 75 युवा इन संगठनों में शामिल हुए हैं।
वहीं कश्मीर के आइजीपी विजय कुमार ने भी अपने बयान में हाइब्रिड आतंकवादियों को सुरक्षाबलों के लिए बड़ी चुनौती बताया था। उनका कहना था कि वर्ष 2022 में आतंकवादियों के साथ इन हाइब्रिड आतंकियों का सामना उनकी पहली प्राथमिकता होगी। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों के दौरान कश्मीर में जो हत्याएं की गई, उसी जब जांच की गई तो पता चला 17 वर्ष की आयु के युवा पुलिसकर्मियों और सुरक्षाबलों पर हमले कर रहे हैं। इन लड़कों का कोई क्राइम रिकार्ड नहीं है और न ही किसी थाने में इनके खिलाफ कोई मामला दर्ज है। आइजीपी ने कहा कि अभी तक उन्होंने 25 हाइब्रिड आतंकवादियों की सूची बनाई है।