Move to Jagran APP

Jammu Kidnap Case: अनिरूद्ध अपहरणकांड में शामिल युवक गिरफ्तार, मास्टर माइंड व एक अन्य अभी भी फरार

अपहरणकर्ता मुझे रजाई में लपेट कर पहली मंजिल पर बने कमरे में सीढ़ी के रास्ते से ले गए ताकि सबको लगे कि नए किरायेदार अपना सामान लेकर आए हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 10 May 2019 04:09 PM (IST)Updated: Fri, 10 May 2019 04:09 PM (IST)
Jammu Kidnap Case: अनिरूद्ध अपहरणकांड में शामिल युवक गिरफ्तार, मास्टर माइंड व एक अन्य अभी भी फरार
Jammu Kidnap Case: अनिरूद्ध अपहरणकांड में शामिल युवक गिरफ्तार, मास्टर माइंड व एक अन्य अभी भी फरार

जम्मू, अवधेश चौहान। पांचवीं कक्षा के छात्र अनिरुद्ध शर्मा का अपहरण का केस सुलझने के बजाय और उलझता जा रहा है। अलबत्ता पुलिस ने अनिरूद्ध के साथ कमरे में मौजूद आरोपित बलबीर को अखनूर से गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन मास्टर माइंड संजय और उसका अन्य साथी अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। पुलिस विभाग ने इस केस को जल्द से जल्द सुलझाने और आरोपितयों को धरपकड़ने के लिए जम्मू, सांबा, कठुआ, रियासी तथा उधमपुर में करीब 150 पुलिस अधिकारियों को लगाया गया है जिनमें थानेदार व अन्य अफिसर शामिल हैं। पुलिस का दावा है कि वह मास्टर माइंड संजय के काफी पास हैं, उसके पकड़ने के बाद पूरे मामले का खुलासा किया जाएगा। इस मामले में करीब छह अन्य लोगों को भी शक के आधार पर हिरासत में लिया गया है जिनमें से दो की इस मामले में संलिप्तता पाई भी गई है।

loksabha election banner

रहस्य पर से पर्दा नहीं उठा रही पुलिस

पुलिस अनिरूद्ध अपहरणकांड पर बात करने से बच रही है। फिरौती की रकम अपहरणकर्ताओं को देने के मामले में न तो पुलिस और न ही परिजन कुछ बोलने को तैयार हैं। पुलिस को शक है कि अनिरुद्ध के परिजनों को बेटे के अपहरण के बाद से पता था कि था कि अपहरणकर्ता कौन हैं। उन्हें यह भी मालूम है कि किस बात को लेकर वसूली के लिए लाखों की रकम मांगी गई। कारण साफ है कि अनिरुद्ध के अपहरण के बाद अनिरूद्ध के घर से किसी ने अपहरणकर्ता संजय से मोबाइल पर 6 मिनट और 30 सेकेंड बात की थी। इससे पुलिस को शक है कि अनिरुद्ध के पिता जोगेंद्र शर्मा सच्चाई बता नहीं रहे हैं। जोगेंद्र शर्मा और उनकी पत्नी प्रवीण से थाने में चौथे दिन भी पूछताछ जारी है। पुलिस इस थ्योरी पर काम कर रही है कि अनिरुद्ध के अपहरण के बाद उन्हें यह मालूम था कि संजय ने ही बेटे का अपहरण किया है। अमृत की भी पुलिस तलाश कर रही है।

प्लॉट को लेकर भी था विवाद

अनिरुद्ध के पिता का दस्साल के साथ लगते बरजानी में एक कनाल का प्लॉट है। इस प्लॉट का मालिकाना हक बेशक जोगेंद्र का है लेकिन जिन लोगों से प्लॉट लिया गया उनमें से एक हिस्सेदार ने इसमें अपना अधिकार जताया तो भूमि के इस टुकड़े को लेकर विवाद पैदा हो गया। जोगेंद्र प्लॉट में फ्लैट्स बनवाना चाहता था। दूसरा पक्ष प्लॉट में कंस्ट्रशन नहीं करने देना चाह रहे था। संजय ने हथियारबंद बदमाशों के साथ मिलकर कंस्ट्रक्शन अपनी निगरानी में करवाया। इसके बदले में जोगेंद्र ने बदमाशों को पेमेंट नहीं की। जिसे लेकर संजय ने द्वारा छात्र के अपहरण की साजिश की बात सामने आ रही है। पुलिस सेना में भर्ती करवाने में जोगेंद्र का हाथ होने के एंगल से भी जांच कर रही है। संजय 16 दिन तक जोगेंद्र के दस्साल इलाके में स्थित मकान में परिवार संग रह चुका है। 15 दिन पहले ही वह घर से यह कह कर चला गया था। उसने बताया था कि चंडीगढ़ में बेटी के दिल में छेद के इलाज के लिए जा रहा है।

नानी की हत्या में आरोपित रहा संजय: मास्टर माइंड संजय वर्ष 2011 में अपनी नानी की हत्या करने के मामले में आरोपित रह चुका है। पुलिस का कहना है कि उसका आपराधिक रिकॉर्ड रहा है। पुलिस उसकी पत्नी, छोटे बच्चे को भी पकड़ कर लाई है।

बलवीर की गिरफ्तारी के बाद दूसरे साथियों के लगेंगे सुराग: पुलिस ने अपहरणकांड में एक आरोपित बलबीर को गिरफ्तार किया है। बलबीर भद्रवाह का रहने वाला है। अनिरुद्ध अपहरण में उसकी अहम भूमिका रही है। पुलिस को उम्मीद है कि बलबीर की गिरफ्तारी के बाद सुराग हाथ लगेंगे। एसएसपी कौशल शर्मा ने जोगेंद्र और बलबीर से अलग-अलग बड़ी ब्राह्मणा थाने में पूछताछ की। बलबीर का कहना है कि उसे केवल अनिरुद्ध को संभालने का जिम्मा सौंपा गया था। अखनूर से एक रिटायर्ड फौजी को भी पूछताछ के लिए पकड़ा है। अपहरणकताओं की कॉल डिटेल में उसका नंबर आया है।

  • पुलिस अपहरणकांड की सभी कड़ियों को जोड़कर जांच को आगे बढ़ा रही है। काफी हद तक हम अपहरणकर्ताओं के समीप पहुंच गए हैं। जल्द ही सभी आरोपित पुलिस की गिरफ्त में होंगे। - एमके सिन्हा, पुलिस महानिरीक्षक

चादर फाड़कर रस्सी बनाई, फिर मकान से कूदा

30 घंटे तक अपहरणकर्ताओं के चंगुल में फंसे रहे मासूम अनिरुद्ध शर्मा ने जागरण से उन लम्हों को साझा किया, जब छह मई को उसका अपहरण बड़ी ब्राहम्णा के दस्साल इलाके से हुआ। आपबीती में उसने बताया कि नीले रंग की आल्टो कार में जब उसे जबरदस्ती बैठाया गया तो उस समय कार संजय खुद चला रहा था। कार की पिछली सीट पर दो युवक बैठे थे। एक युवक ऐसा व्यवहार कर रहा था, जैसे कि उसको भी अपहरण कर के लाया गया हो। कार में बैठाने के बाद मेरे मुंह और हाथों में टेप बांध दी गई और धमकी दी कि शोर मचाया तो जान से मार देंगे। एक अपहरणकर्ता के हाथ में पिस्टल थी। मुङो कार की पिछली सीट से नीचे बैठा दिया गया ताकि किसी की नजर मुझ पर न पड़े। कार एक इलाके में जाकर रुक गई। जहां से अजान की आवाज आ रही थी। वहां अपहरणकर्ता उसे एक मकान में ले गए।

रजाई में लपेट कर कमरे तक लेकर गए अपहरणकर्ता

अपहरणकर्ता मुझे रजाई में लपेट कर पहली मंजिल पर बने कमरे में सीढ़ी के रास्ते से ले गए ताकि सबको लगे कि नए किरायेदार अपना सामान लेकर आए हैं। तीनों अपहरणकर्ता कमरे में पहुंचे और बलबीर और मुझे छोड़ कर वहां से चले गए। बलबीर ने मुझसे कहा कि उसका अपहरण हुआ है। बलबीर मुझे खिड़की के पास यह कह कर नहीं जाने देता था कि अपहरणकर्ता गोली मार देंगे। वह मुङो यह झांसा देता रहा कि चिल्लाने से काम नहीं चलेगा। मौका पाते ही हम यहां से भाग जाएंगे। बलबीर की कोशिश थी कि बच्चे का मन न भटके और उसे बातों में उलझाए रखा जाए। अनिरुद्ध होशियार था, उसने बलबीर के पास मोबाइल देखा तो अपने घर बात करवाने को कहा। लेकिन बलवीर ने यह कह कर फोन नहीं दिया कि उसकी बैटरी डेड हो चुकी है। उसके पास चार्जर नहीं है। लेकिन उसकी जेब में चार्जर देख उसे बलबीर पर कुछ शक हुआ। क्योंकि वह संजय और उसके साथियों से वाह्ट्सएप पर चैंटिग कर रहा था। 6 मई को संजय और उसका साथी शाम के समय कमरे में रीयल जूस, बिस्कुट के पैकेट, दो तकिए और मच्छर भगाने वाली कॉयल लेकर आए। कमरे में पंखा नहीं था।

बलबीर ने मुझे मई को भागने को कहा

बलबीर यह कहता था कि वह रामगढ़ का रहने वाला है। उसने अपना नाम भी गलत बताया हुआ था। एक बार कहीं से उसका फोन भी आया। उसने कहा कि मैं कमरे में हूं और पढ़ाई कर रहा हूं। 8 मई को सुबह बलबीर ने मुझे कहा कि अब भागने का समय आ गया है। पहले तो उसने मुझे कहा कि पहली मंजिल की खिड़की से कूद जा। लेकिन जमीन पर पत्थर होने के कारण मैंने मना कर दिया। अनिरुद्ध ने बताया कि मैंने मोबाइल पर चादर की रस्सी बना कर कमरे से भागने की मूवी देखी थी। मैंने बलवीर से कहा कि चादर को लाइटर से जलाए और उसे लंबी तरीके से फाड़ ले। ऐसी कई लड़ों को आपस में जोड़ कर मैं रस्सी के सहारे खिड़की से नीचे आ गया। स्कूल का बस्ता भारी होने के कारण मैं उसे साथ लेकर नीचे नहीं उतर पाया। रास्ते में कार वाले ने लिफ्ट दी और उन्होंने बताया कि वह इलाके का सरपंच है। वह मुझे पुलिस स्टेशन ले आए।

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.